भारत के दक्षिण प्रांत में स्तिथ केरल भारत का ही एक खुबसूरत राज्य है, जो अपने पर्यटक स्थलों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. जिसकी ज्यादातर सीमा सुमंद्र के किनारे बस्ता है, हर साल यहां लाखों लोग प्रकृति की सुन्दरता को देखने के साथ एडवेंचर्स का भी मजा लेने आते है.
इसके अलाबा केरल की चाय, कॉफी, मसालों, नारियल के बागान, संस्कृति और परंपरा देशभर के लोगो को और भी ज्यादा आकर्षित करता है. करेल को भारत के चोथा सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला राज्य में जाना जाता है.
केरल के सुमंद्र टथ के अलावा वहा की हरे-भरे जंगल, के लिए भी काफी पसंद किया जाता है. और इसके अलावा केरल को देवतावो का शहर भी कहा जाता है.
तो आइये अब जानते है केरल की कुछ बेहतरीन घुमने जाने लायक और अपने मन को शांत करने लायक जगह के बारे में. जहाँ आप जा के प्रकृति के बहुत सुन्दर से सुन्दर नज़ारे देख पाएंगे.
Best Tourist Places Kerala In Hindi
Munnar – केरला का एक खुबसूरत पर्यटन स्थल
केरला के इडुक्की जिले में स्थित मुन्नार एक शानदार और आकर्षक मन को लुभाने वाला हिल स्टेशन है. पहाड़ों के घुमावदार इलाकों से घिरा हुआ यह हिल स्टेशन पश्चिमी घाट पर स्थित मुन्नार अपने तीन अजीब नदियों के मिलन स्थल वाले क्षेत्र के लिए जाना जाता है.
मधुरपुजहा, नल्लाथन्नी और कुंडाली यह है वे तिन नदिया. सीमा पर स्थित होने के कारण, मुन्नार शहर के पड़ोसी राज्य जैसे तमिलनाडु से कई सांस्कृतिक संबंध हैं. और इसी वजह से यह हिल स्टेशन दुनिया भर में केरल के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में बिकषित होने लगा है.
इसके अलावा देश के विभिन्न शहरों और अन्य बाहरी देशों से आने वाले लाखों पर्यटक के लिए यह हिल स्टेशन एक शानदार जगह बन चूका है. दक्षिण भारत के केरल राज्य में स्थित यह खुबसूरत हिल्स स्टेशन अपने चाय के बागानों और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी काफी प्रसिद्ध है.
मुन्नार में दक्षिण भारत के सबसे बड़े चाय के बागान है, और इन्ही चाय के बागानों के कारण मुन्नार सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन भी बना हुआ है. इसके अलावा इस छोटे से हिल स्टेशन में बहुत सारे लुप्त प्रजातिया भी पाई जाती है.
मुन्नार की यात्रा अपने आप में एक अलग ही अनुभव प्रदान करती है. मुन्नार एक छोटा हिल स्टेशन होने के वावजूद भी यहां आने वाले सैलानियों का भीड़ वर्ष भर लगा रहता हैं.
Alleppey – केरल का एक खुबसूरत शहर
अल्लेप्पी पर्यटन स्थल भारत के केरल राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर है, जो अपने सुन्दर बैकवाटर, समुद्री बीच और लैगून के लिए जाना जाता है.
अल्लेप्पी को स्थानियों लोग अलाप्पुझा के नाम से भी जानते हैं. अल्लेप्पी में आप हरे भरे धान के खेतों की झलक देखने के साथ साथ यहाँ पर आकर्षित एविफ़ुना और केरल राज्य के स्थानीय लोगों की जीवन शैली से अवगत हो सकते हैं.
इनसब के अलावा अगस्त और सितंबर के महीनों के दौरान यहाँ के नाव में एक पारंपरिक दौड़ प्रतियोगीता होती है, जो यहाँ का प्रमुख आकर्षण है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से यहाँ लोग आते है.
इसके अलावा नेहरु बोट रेस ट्राफी के दौरान भी अल्लेप्पी में काफी भारी मात्रा में भीड़ देखने को मिलता है. और इसके उपरान्त अल्लेप्पी में आप हाउसबोट्स, अल्लेप्पी समुद्र तट, एलेप्पी बैकवाटर्स, कुमारकोम पक्षी अभयारण्य, कुट्टनाड, वेम्बनाड झील और अम्बालापुझा श्री कृष्ण मंदिर जैसे खुबसूरत और अद्भुत जगहों में घुमने के लिए जा सकते है.
Kochi – केरला के एक खूबसूरती से भरा हुआ शहर
कोच्चि भारत के केरल राज्य का एक अनूठा पर्यटन स्थल है जिसे लोग कोचीन के नाम से भी जानते है. यह शानदार शहर भारत का प्रमुख बंदरगाह के लिए भी जाना जाता है. कोच्चि का नाम मलयालम के शब्द कोचु अजहि के नाम पर पड़ा है जिसका अर्थ है छोटी खाड़ी.
यहाँ के आकर्षित बीच, दर्शनीय मंदिर, चर्च, पैलेस और म्यूजियम आदि विश्व भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. और इसी बजह से 600 साल पुराने कोच्चि शहर में घूमने के लिए पर्यटक हजारो के संख्या में यहाँ घुमने के लिए आते हैं.
इसके अलावा कोच्चि को केरल वित्तीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक राजधानी का दर्जा भी मिला है. कोच्चि शहर केरल राज्य का एक प्रमुख और खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जोकि अपने पर्यटक स्थलों, शानदार बीच और दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है.
यदि आप कोच्चि शहर की यात्रा पर आए हुए हैं तो कोच्चि के प्रमुख पर्यटन स्थलो पर घूमना न भूले. यहाँ पर आप मट्टनचेरी पैलेस, फोर्ट कोच्चि, जेविश सिनागोग, वीरनपुझा झील, मंगलवनम पक्षी अभयारण्य, बोलगटी पैलेस और चेराई बीच जैसे खुबसूरत जगहों में घूम सकते है.
Periyar Nation Park – केरल का प्रमुख रास्ट्रीय यद्दान
केरल राज्य में स्थित “पेरियार नेशनल पार्क” दुनिया में सबसे अधिक जैव-विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है, जो अपनी भव्यता, हरियाली और शांति के लिए जाना-जाता है. यहाँ प्रचुर मात्रा में महत्वपूर्ण वन्यजीव प्रजातिया पाई जाती है.
पेरियार राष्ट्रीय उद्यान 257 वर्ग मील में फैला हुआ है, इस रास्ट्रीय उद्दान के पास बहने वाली नदियाँ पम्बा और पेरियार, यहाके पौधों और जानवरों को भरण-पोषण और फलने-फूलने के लिए काफी मदत करती है.
यह नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और विभिन्न वन्यजीवों के कारण हर साल हजारों की संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है.
इसके अलावा इस रास्ट्रीय उद्दान में आप जंगल सफारी, जीप सफारी, हाथी सफारी सहित और अन्य कई गतिविधियों का आनंद ले सकते है. पेरियार टाइगर रिजर्व में बाघों और हाथियों सहित अन्य कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों देखि जा सकता है.
यहाँ पर आप बड़े ही आसानी से सफेद बाघ, भारतीय हाथी, जंगली सुअर, उड़न गिलहरी, फल चमगादड़, स्लॉथ भालू और जंगल बिल्लियां को भी देख सकते है.
इस रास्ट्रीय उद्दान के प्रवासी पक्षियों सहित आप यहाँ 266 से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां भी देख सकते है. यहाँ आने वाले पक्षियों में ग्रे हॉर्नबिल, फ्लाईकैचर, सनबर्ड, हॉर्नबिल, सारस और नीलगिरी लकड़ी के कबूतर मुख्य है.
इसके अलावा आप यहाँ छिपकली, सांप और कछुए सहित सरीसृप की 45 प्रजातियां के साथ साथ मछलियों की 40 प्रजातियाँ और 160 से भी अधिक तितली की प्रजातियाँ भी पेरियार टाइगर रिजर्व में देख सकते है.
Varkala – केरल का एक प्रमुख पर्यटन स्थल
वर्कला केरल राज्य के तिरूवंनतपुरम जिले में बसा एक खूबसूरत तटीय शहर है, जो अपने ओने मछलियों और झरनों के लिए जाना जाता है. यह शहर केरल दक्षिण भाग में स्थित है.
वर्कला ही केरल में एकमात्र ऐसी जगह है जहां पहाडि़यां, समुद्र के निकट हैं. यह शहर पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
वर्कला में पापनासम बीच यहाँ का लोकप्रिय बीच है, क्योंकि यहां पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग का आनंद लिया जा सकता है. वर्कला में बहुत सारे प्राचीन और एतिहासिक मंदिर भी हैं, जिसमे जनार्दन स्वामी मंदिर, अंजेंगो किला, विष्णु मंदिर और शिवगिरी मठ प्रमुख है.
इसके अलावा यह जगह हिंदू और मुस्लिम दोनो धर्मो के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यहां के मुख्य स्थल में शिवगिरी मठ, जर्नादन स्वामी मंदिर, कुडुवायिल जुमा मस्जिद, वर्कला बीच, पापनासम बीच, कपिल झील, अंचिलो किला, शिव पार्वती मंदिर और पावर हाउस आदि मुख्य हैं.
Malapuram – केरल का एक खुबसूरत पर्यटन स्थल
मलप्पुरम केरल का उत्तरी जिला है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और उल्लेखनीय विरासत के लिए जाना जाता है. मलप्पुरम चारो और से छोटी पहाड़ियों और टीलों से घिरा हुआ है.
यह जिला संस्कृति, धार्मिक, अर्थव्यवस्था के साथ साथ केरल के पर्यटन आकर्षण के लिए बड़े पैमाने पर अपना योगदान देता है.
और इसी बजह से कुछ समय पहले इस जिले ने देश भर के अर्थ विशेषज्ञ का ध्यान आकर्षित किया है. मलप्पुरम के माध्य से प्रवाह होने वाली नदियां में चलियार, भारथापुज्हा, और कदलुंदी मुख्य है.
यह जगह कभी कालीकट के ज़मोरिंस राजाओं की शक्तिशाली सेना का मुख्यालय भी हुआ करता था. खिलाफत आंदोलन और मोपिला विद्रोह का आयोजन स्थल होने के लिए भी इस जिले को भारतीय राष्ट्रवाद के इतिहास में दर्ज है.
मलप्पुरम, मुसलमान नृत्य रूप ओप्पाना का जन्म स्थान भी है. मालापुरम के कदलुंदी पक्षी अभयारण्य, केरालादेश्पुरम मंदिर और थिरुनावाया मंदिर यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.
इसके अलावा इस क्षेत्र में और कई मंदिर और मस्जिदों है जैसे मलप्पुरम जुमा मस्जिद, मन्नूर शिव मंदिर, थिरुप्पुरंथाका मंदिर और वेत्ताकोरुमाकन मंदिर जैसी जगह शामिल है.
Kannur – केरल का एक खुबसूरत पर्यटन स्थल
कन्नूर केरल का एक बेहद खुबसूरत पर्यटन स्थल जो आपने जीवित संस्कृति और अपने खुबसूरत परम्पराओ के लिए जाना जाता है. केरल के इस खुबसूरत स्थल में घुमने के लिए बहुत सारी जगह है जहाँ की खूबसूरती सचमे देखने के लिए बनी है.
कन्नूर को पहले कुन्नानोर के नाम से भी जाना जाता था. यहाँ के प्रमुख पर्यटक आकर्षण में, पेयम्बलम बीच, किझुना इजहार बीच, मीनकुन्नु बीच, मुजुप्पिलंगड बीच, कोट्टियूर शिव मंदिर, सुंदरेश्वर मंदिर, ओपोरज़हस्सी कवि मंदिर और कई अन्य जगह है. जाहा आप घुमने के लिए जा सकते है.
इसके अलावा यह शहर प्राचीन और एतिहासिक मंदिरों के लिए भी काफी प्रशिद्ध है. कन्नूर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में सुंदरेश्वरा मंदिर, कोट्टियूर शिव मंदिर, ओरफाझहास्सी कावु मंदिर, श्री माविलयक्कावु मंदिर, श्री राघवपुरम मंदिर, श्री सुब्रहामण्यम स्वामी मंदिर और किझाक्केकारा श्री कृष्णा मंदिर हैं. अगर आप कभी किसी करण घुमने के लिए जाये तो कन्नूर के इन जगहों में घुमने के लिए जरुर जाइयेगा.
Nilambur – केरल का एक खुबसूरत और प्राचीन शहर
केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित नीलाम्बुर एक खूबसरत शहर है, ओए मालापुरम से 2 किमी की दूरी पर स्थित है. यह शहर अपने विशाल जंगल, प्राकृतिक सुंदरता, अद्वितीय वन्य-जीवन, आकर्षक झरनें, शाही मुकाम और एक जीवंत उपनिवेशी अतीत के कारण मालाबर के इतिहास में इस जगह का एक विशेष स्थान है.
युद्ध-नीति-विषयक रूप से बनाए गए इस शहर की सीमाएँ नीलगिरि पहाडि़यों, इरानाडु, पालाक्कड़ और कालीकट से जुरती है.
यहीं पर दुनिया का सबसे प्राचीन और प्रशिद्ध टीक वृक्ष कन्निमारि भी स्थित है. इस क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी इसे पवित्र वृक्ष को भगवान के रूप में मानते हैं.
और इसकी प्राकृतिक भव्यता को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. यह राज्य के बागानों में एक अनूठा बागान है.
इस शहर के लगभग 4 कि.मी की दूरी पर एक म्यूजियम स्थित है. यह म्यूजियम केरल वन अनुसंधान संस्थान का उप-केंद्र भी है.
इसके अलावा आप यहाँ पर जैव संसाधन पार्क, तितली पार्क, साइलेंट वैली नैशनल पार्क और नीलांबुर कोविलकम मंदिर जैसी खुबसूरत जगहों में भी घुमने जा सकते है.
Thalassery – केरल का खुबसूरत पर्यटन स्थल
थालास्सेरी, केरल का एक तटीय शहर है जिसे लोग पहले तेल्लीचेरी के नाम से जनते थे. समृद्ध इतिहास और विरासत में डूबा हुआ यह शहर राज्य की शुरुआती ब्रिटिश बस्तियों में से एक था.
थैलेसेरी अपनी मनोरम दृश्य, शानदार अतीत और प्रकृति की सुंदरता का प्रतिबिंब है. यह स्थान इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है.
इतिहास प्रेमी यहां आकर हर्मन गनर्डट के बंगले को पसंद करेगें, हर्मन गनडर्ट एक जर्मन मिशनरी थे जिन्होने पहली मलयालम – अंग्रेजी शब्दकोश को संकलित किया था.
थालास्सेरी के मुख्य पर्यटन आकर्षणों में इंग्लिश चर्च, मछुआरा मंदिर, ओवरव्यूरी फॉली, थालास्सेरी किला और जुमा मस्जिद शामिल हैं.
भारत में प्रमुख फ्रेंच उपनिवेश है माहे जो थालास्सेरी से 15 किमी. दूर स्थित है. यहाँ के वेलस्ले बंगला, रानदाट्टरा दालचीनी एस्टेट, कैथोलिक रोजरी चर्च, वामिल मंदिर, टैगोर पार्क, उदय कलारी संगम, गर्वमेंट हाउस और ओदाथिल पल्ली काफी बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है.
इसके अलावा मुझापिलांगड़ तट, केरल का एक मात्र जो आपको ’ड्राइव ईन बीच’ का मजा दे सकता है और यह बीच थालास्सेरी से लगभग 9 किमी. की दूरी पर स्थित है.
Peerumedu – केरल एक खुबसूरत पर्यटन स्थल
पीरुमेडू केरल के अक बेहद ही खूबसूरती वाला जगह ही, जो आपने हरे भरे आवरण, सुंदर लुढ़कती पहाड़ियाँ, भटकती धाराएँ और गुर्राते झरनों से जाना जाता है.
समुद्र तल से 915 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस शहर में कई छिपे हुए सुन्दर से सुन्दर जगह मोजूद है. और जिसे यहाँ का शान माना जाता है.
इडुक्की जिले में स्थित पीरुमेडू में चाय, कॉफी, रबर और इलायची के फैलाव भी शामिल हैं. मलपंडारम, मलयारायण और ओरली जैसी विभिन्न प्रकार की जनजातियों का घर होने के कारण यह स्थान सम्मिश्रण संस्कृतियों का एक गांव वाला सार प्रदर्शित करता है.
पीरुमेडू भी अतीत से एक अद्भुत मोड़ से सुशोभित है. इस शहर का नाम पीर मोहम्मद नाम के एक सूफी संत के नाम पर पड़ा है. जिसके बारे में कहा जाता है कि यह त्रावणकोर के शाही परिवार से जुड़ा हुआ है.
बहुत सारे खूबसूरत ट्रेकिंग ट्रेल्स के साथ, यह शहर परिवारों, साहसिक प्रेमियों और हनीमून मनाने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है. इस क्षेत्र के अविरल प्राकृतिक दृश्य एक अविस्मरणीय अनुभव की तलाश में देश भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
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