Monkeypox: अभी अभी कोरोना वायरस का कहर अच्छे से थमा भी नहीं था. लेकिन अभी चला आया है और एक वायरस जिसका नाम है Monkeypox.
क्या आपको पता है Monkeypox Virus के बारे में सारी बाते. यदी नहीं, तो चिंता की कोई बात नहीं है. आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले है What is Monkeypox virus, इसके Symptoms क्या है, Monkeypox Virus से क्या लोगो की मृतु हो सकती है, Monkeypox Virus के इलाज क्या है आदि बाते.
इस लिए हमारे इस पोस्ट को पूरा जरुर पड़े, क्युकी हम आपको Monkeypox Virus के बारे में पुरी जानकारी देने वाले है. जिससे आप इस Monkeypox Virus से बच सकते है. इसके साथ ही हम इस वायरस से बचने के तरीके भी बताएँगे, monkeypox vaccine, monkeypox pictures, monkeypox scientific name, monkeypox treatment आदि. .
तो आइये देर न करते हुए जानते है Monkeypox Virus के बारे में पुरी जानकारी. जो आपको इस वायरस से बचने में मदद कर सकता है.
Monkeypox Virus क्या है?
मंकीपॉक्स एक तरह का वायरस है. जो अभी अभी सामने आया है. यह वायरस लोगो को जानवरों जैसे चूहों या बंदरों से होती है. मंकीपॉक्स जानवरों के संपर्क में आने से ही संक्रमन होती है. इसके बाद इंसान से इंसान में इसका संक्रमन बढ़ता जाता है.
खबरों से पता चला है की जिस व्यक्ति को यह वायरस हुआ है, वह व्यक्ति हाल ही में नैजेरिया से आया है. वह व्यक्ति अभी लन्दन में स्थित है और उसका इलाज भी लन्दन के अस्पताल में चल रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के हिसाब से मंकीपॉक्स ज्यादातर जंगल में रहने वाले जंगली जानवरों से फैलता है. जैसे rodents यानि चूहा, बंदरों और प्राइमेट्स से इंसानों में फैलता है. इसके बाद एक इंसान से दुसरे में फैलता है.
मंकीपॉक्स मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होती है. इसके साथ ही यह वायरस कभी कभी दुसरे इलाको में भी फ़ैल जाती है. इस वायरस को जूनोटिक डिजीज भी कहा जाता है.
Monkeypox Virus Highlights
वायरस का नाम | Monkeypox Virus |
स्पेशलिटी | संक्रामक रोग |
Symptoms | बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, फफोले दाने, सूजन लिम्फ नोड्स |
सामान्य शुरुआत | 5–21 दिन पोस्ट एक्सपोज़र |
ठीक होने के अवधि | 2 से 4 सप्ताह |
Monkeypox Virus का पहला मामला
CDC के अनुसार कहे तो मंकीपॉक्स वायरस को सन 1958 में खोजा गया था. उस वक्त यह वायरस सिर्फ बंदरो में पाया गया था. इसी जगह यदी हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की बात करे तो, उनका कहना है की मंकीपॉक्स वायरस को पहली बार सन 1970 में इंसानों में संक्रमण पाया गया था.
यह मामला équateur प्रांत के बासकसु शहर Democratic Republic of the Congo में हुआ था. उसके बाद WHO के हिसाब से 1981 और 1986 के बीच में मंकीपॉक्स की 338 मामले और 33 मौतों हुई थी.
उस मामले के बाद से ले करके अभी तक सिर्फ यह वायरस अफ्रीका के देशो में ही देखने को मिला था. यह बीमारी बंदर से ही इंसानों में संक्रम मिला था.
Monkeypox Virus की ब्रिटेन में आ चुके है 9 मामले
Monkeypox Virus की पहल मामला ब्रिटेन में 07 मई 2022 को आया था. तब से लेकर अभी तक ब्रिटेन में 9 संक्रमित मामले आ चुके है. इसके साथ ही पुर्तगाल में अधिकारियो ने बताया है की इस बुधवार को 5 Monkeypox के नए संक्रमित मामले सामने आये है. वही अभी तक स्पेन में 20 से अधिक Monkeypox मरीजो का जाँच कर रहा है.
Monkeypox Virus कैसे इंसानों में फैलता है
मंकीपॉक्स वायरस मूलत चूहो और बंदरो से इंसानों में फैलता है. इसके साथ ही यदी कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते है तो यह वायरस के कारण वे भी संक्रमित हो जाते है.
यदी विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो मंकीपॉक्स वायरस एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति के शरीर मे घावों, शरीर के तरल पदार्थों, खांसने-छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर और कपड़े के संपर्क में आने से फ़ैल सकता है.
चिकनफॉक्स के परिवार के इस बीमारी का लक्षण काफी गंभीर भी हो सकता है, सही समय पे इलाज यदी नहीं मिलता है तो स्थीथी काफी गंभीर हो सकती है.
Monkeypox Death Rate
यदी monkeypox death rate की बात करे तो इस बीमारी का सही इलाज नहीं मिलने के कारण बीमारी के चपेट में आने वाली हर 100 लोग में से एक की जान जा सकती है. जिसका मतलब हम यह कह सकते है की इस बीमारी का घातक दर या death rate 1% से भी कम है.
इस लिए यदी किसि व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती है तो वह ठीक हो सकता है. लेकिन यदी ज्यादा वक्त तक इलाज नहीं मिलता है तो मामला गंभीर भी हो सकता है.
Monkeypox Virus Symptoms कैसे होते है?
Monkeypox Virus Symptoms की बात करे तो यह वायरस यदी किसी व्यक्ति को होता है तो बुखार, तीव्र सिरदर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में अत्यधिक रूप से ऊर्जा की कमी, स्किन रैशेज, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते होना, शरीर पर लाल रंग के दाने होना, ठंड महसूस होना, लिम्फ नोड्स में सूजन होना आदि Symptoms या लक्षण दिखाय देते है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुशार संक्रमित व्यक्ति को यह बीमारी होने से त्वचा फटने की भी समस्या देखने को मिलता है. यह बीमारी होने के बाद बुखार हो जाता है और 1 से 3 दिन के अन्दर त्वचा फटने का समस्या देखने को मिलता है.
यह बीमारी होने पर रैशेज चहरे पर बहुत ज्यादा नजर आने लगते है. इसके साथ ही हथेलियों, तलवों, कोर्निया, कन्जंक्टिवाइटिस, जननांगों को भी मंकीपॉक्स बहुत प्रभाबित करता है.
मंकीपॉक्स की लक्षण की शुरुवात आमतोर पर 6 से 13 दिन तक होती है लेकिन यह 5 से 21 दिन तक का भी हो सकती है. इसे ठीक होने में दो से चार हप्ते लग जाते है. तब तक घाव बहुत ही सकत हो जाते है और बहुत तेज दर्द का भी अनुभव होता है.
निचे हमने मंकीपॉक्स के लक्षण को सूचि में बताया है जिससे आपको समझने में आसानी होगी.
- यह बीमारी होने पर सिर दर्द की समस्या हो जाते है.
- मंकीपॉक्स होने से शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने देखने को मिलता है
- यह बीमारे से व्यक्ति को फ्लू के लक्षण देखने लगते है.
- इसके साथ ही निमोनिया के लक्षण भी नजर आ जाते है.
- इससे तेज बुखार भी हो जाता है
- यह बीमारी से मांसपेशियों में दर्द होना शुरू हो जाता है.
- इसके साथ ही व्यक्ति को तेज ठंड लगने लगता है.
- व्यक्ति को अत्यधिक थकान महसूस होता है.
- व्यक्ति के लिए लिम्फ नोड्स में सूजन हो जाते है.
Monkeypox Treatment क्या क्या है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार इस बीमारी का कोई भी सठीक इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है. मंकीपॉक्स होने पर monkeypox vaccine लगाईं जाती है जो लगभग 85% कारगर हो पाती है.
हालाकि यह बीमारी होने पर डॉक्टर मेडिसिन और इंजेक्शन देते है. लेकिन इसके साथ ही मरीज को कुछ बातो का खास ख्याल रखना होता है. जैसे अपने आसपास साफ सफाई रखना आदि. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के क्लीनिकल एंड अमेजिंग इनफेक्शंस के निदेशक डॉक्टर कॉलोनी ब्राउन के अनुसार, मंकीपॉक्स आसानी से इंसानों को नहीं हो सकता है.
इसका कारण यह है की यह बीमारी अभी तक इंसानों में काफी कम देखी गयी है. यदी कोई व्यक्ती इस बीमारी के चपेट में आता है, तो उसको आइसोलेशन में रखने से मंकीपॉक्स वायरस दुसरे लोगो में फैलने की संभावना कम हो जाती है.
इसके साथ ही यदी कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसको तुरंत अपना जाँच करवाना चाहिए. यदी वे अपने पास साफ सफाई रखते है और मास्क का इस्तेमाल करते है तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है.
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
निचे हमने मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय के बारे में बताया है. जिससे आप आसानी से समझ सकते है. तो आइये जानते है आप कैसे मंकीपॉक्स से बच सकते है.
- मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें.
- इसके मरीज आइसोलेशन में रहते हैं, ताकि दूसरों को संक्रमित ना कर सकें.
- मरीज के पास जाने से पहले मास्क जरूर पहनें.
- साफ सफाई का पूरा ख्याल रखें.
- किसी भी रोडेंट्स जैसे चूहों, बंदरों के संपर्क में ना रहें.
- हेल्दी खाना खाए इसके साथ ही आराम करें.
Monkeypox Vaccine
Monkeypox vaccine की यदी बात करे तो इस बीमारी का कोई सठीक इलाज नहीं है. लेकिन Monkeypox से लोगो को बचने के लिए Jynneos vaccine को U.S. FDA ने 2019 में approved किया है.
इसके साथ ही Jynneos vaccine को European Medicines Agency ने सन 2013 में smallpox और monkeypox से बचाव के लिए approved किया है. यदी कोई व्यक्ति इस बीमारी के चपेट में आता है तो उसको Jynneos vaccine दे के ठीक किया जाता है.
क्या मंकीपॉक्स चेचक की तरह है? – Is Monkeypox Like Smallpox?
मंकीपॉक्स वायरस वैरीओला वायरस से संबधित है, आपको बता दू की वैरीओला वायरस ही वह कारण है जिससे चेचक या smallpox होता है. इस खूंखार बीमारी को सन 1980 में मिटा दिया गया था.
मंकीपॉक्स की लक्षण बिलकुल चेचक या smallpox के सामान है. आप इन दोनों ही बीमारी के लक्षण को एक जैसा ही देख पाएंगे. संक्रमित लोग फ्लू जैसे लक्षण विकसित करते हैं. जैसे बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना-लेकिन लिम्फ नोड्स भी सूजन आदि.
Monkeypox Sientific Name क्या है?
Monkeypox Sientific Name की बात करे तो यह एक Monkeypox Virus है. जो की Poxviridae परिवार का Orthopoxvirus genus का एक हिस्सा है. Monkeypox Sientific Name Monkeypox Virus है.
Monkeypox Pictures
Monkeypox की pictures हमने यहाँ निचे दे रखी है जिसको आप देख सकते है. आप इन सभी Photos में देख पाएंगे की कैसे यह वायरस अपना लक्षण इंसानों के शरीर में दिखा रहा है.
FAQs:
मोनकेपॉक्स कहां पाया जाता है?
अधिकांश संक्रमण कांगो के लोकतांत्रिक गणराज्य में हैं। लोगों में मंकेपॉक्स मामले अफ्रीका के बाहर अंतरराष्ट्रीय यात्रा या आयातित जानवरों से जुड़े हुए हैं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका में मामलों के साथ -साथ इज़राइल, सिंगापुर और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.
वे मंकीपॉक्स मंकेपॉक्स क्यों कहते हैं?
मोनकेपॉक्स को पहली बार 1958 में खोजा गया था जब शोध के लिए रखे गए बंदरों की उपनिवेशों में एक पॉक्स जैसी बीमारी के दो प्रकोप पाए गए थे, इसलिए इसको ‘मंकीपॉक्स’ कहते है.।
मुझे उम्मीद है की आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी. यदी पसंद आई है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे. ज्वाइन करे टेलीग्राम चैनल को न्यू अपडेट के लिए..
इन्हें भी जरुर पड़े –
- Latest News: LIC New Plan Dhan Sanchay |एलआइसी की नई योजना धन संचय
- Red Cross Children’s Hospital Silchar का एक बहुत ही प्रशीद्ध बच्चो का हॉस्पिटल, जाने इसके बारे में…
- Cancer Hospital Silchar का सबसे प्रशिद्ध Cachar Cancer Hospital and Research Centre के बारे में जाने..
- Medinova Hospital Silchar है सबसे अनुभवी और आधुनीक Hospital, जाने इसके बारे में…