Agneepath Yojana के कारण भारत का हुए इतने करोड़ों रुपयें का नुकसान

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Agneepath Yojana: देश में Agneepath Yojana के कारण चल रहे प्रदर्शन से भारत का हुआ है भारी नुकसान. Agneepath Yojana के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने जगह जगह लगाई ट्रेनों को आग. 

पिछले हफ्ते केंद्र की विनिर्णय सरकार सेना में भर्ती के लिए Agneepath Yojana लेकर आई थी. पूरे देश में उम्मीदवार इस योजना का विरोध कर रहे हैं. इस योजना के विरोध के दौरान युवाओं का यह आंदोलन हिंसक हो गया. 

Agneepath Yojana
Agneepath Yojana

Agneepath Yojana के कारण बिहार और यूपी समेत देश के कई राज्यों में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. जिसमें भारतीय रेलवे को भारी नुकसान हुआ है. लेकिन क्या आप जानते है की प्रदर्शनकारियों के ऐसे विरोध के कारण भारत सरकार को कितना नुकसान हुआ है. आइए जानते है. 

देश में चल रहे इस प्रदर्शन के कारण भारतीय रेलवे को हुआ है सबसे ज्यादा नुकसान. सुत्रों की माने तो अभी तक कुल 12 ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया है. 

इस नुकसान को समझने के लिए आपके लिए सबसे पहले यह जानना बेहद ही ज़रुरी है, की आखिर एक ट्रेन को बनने में कितना दिन और कितना पैसा लगता है. तभी इस प्रदर्शन में हुए नुकसान को समझ पाएंगे. 

एक ट्रेन को बनाने में कितना पैसा लगता है.

बात करे यदि एक ट्रेन की बनने की तो एक ट्रेन में दो भाग होते है. पहला भाग होता है इंजन और दूसरा भाग होता है बोगी या कोच. इसमें इंजन और बोगी भी कई प्रकार के होते है. अलग अलग इंजन को बनाने में अलग अलग खर्च आते है. 

बात करे यदि एक नार्मल ट्रेन इंजन को बनने के कितना दिन और कितना पैसा लगता है, तो इसमें एक इंजन को बनाने में कुल 5 से 6 महीने का समय और 20 से 30 करोड़ का पैसा लगता है. वही यदि बात करे एक express ट्रेन इंजन को बनाने में कितना दिन और पैसा लगता है. 

तो इस इंजन को बनाने में कुल समय 8 से 10 और 30-40 करोड़ रुपया लगता है. अब बात करते है की ट्रेन की बोगी को बनाने में लगने वाले समय और पैसे के बारे में. ट्रेन इंजन दो तरह के मिल जायेंगे लेकिन ट्रेन बोगी कई प्रकार के होते है. 

जिसमे पहला होता है नार्मल या जनरल, दूसरा SL यानि स्लीपर और तीसरा AC. इन तीनों बोगी को बनाने में अलग अलग खर्च और समय लगते है. जहाँ जनरल या स्लीपर कोच को बनाने में 30 से 40 दिन और 2 से 3 करोड़ रुपया लगता है, वही एक AC कोच को बनाने में 1 से 2 महीने और 3 करोड़ 4 करोड़ रुपया लगता है. 

अभी आपको यह मालूम हो गया होगा की एक ट्रेन को बनाने में कितना पैसा लगता है. आइए अभी Agneepath Yojana के कारण भारतीय रेलवे की हुई नुकसान को समझते है. 

भारतीय Railway की कितना नुकसान हुआ है ?

जैसा की हमने आपको पहले ही बता दिया है प्रदर्शनकारियों के कुल 12 ट्रेनों को क्षति पहुँचाया है. इन 12 ट्रेनों में से 7 ट्रेन को आग के हवाले कर दिया है, बाकी बचे कोच को पुरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है. जिस बजह से भारतीय रेलवे को कुल 600 करोड़ का घटा लगा है. 

एक ट्रेन को बनाने में कुल 60 से 70 करोड़ रुपया का जरुरत पड़ता है और समय अलग से. जिसमे एक ट्रेन एक एक इंजन और 23 से 24 बोगी या कोच लगते है. एक इंजन को बनाने में 20 करोड़ और एक जनरल बोगी को बनाने में कुल 2 से 3 करोड़ लगते है. 

अभी यदि एक पुरी ट्रेन को बनाने की खर्च की बात करे तो, एक इंजन 20 करोड़ और 24 बोगी यानि 2 x 24 =  48 करोड़. दोनों मिलाने पर लगभग 60 से 70 करोड़ खर्च आते है. क्युकी एक ट्रेन में कुछ AC और कुछ स्लीपर कोच भी होती है. रेलवे ने अभी तक सिर्फ दो ज़ोन के नुकसान का डेटा ही तैयार किया है. 

ये डेटा भी सिर्फ शुक्रवार को हुए नुकसान का है. यानी सिर्फ दो ज़ोन में एक ही दिन में रेलवे को 120 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ. ऐसे में सबसे अधिक उपद्रव वाले 5 दिनों को लें तो औसत नुकसान 600 करोड़ रूपए आता है. अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक सभी जोन की रिपोर्ट आने पर 1000 करोड़ या उससे ज्यादा तक का नुकसान सामने आ सकता है.

इन्हें भी पढ़े – Agneepath Yojana क्या है? क्यों लोग इसका विरोध कर रहे है – पूरी बात जाने

FAQs

Agnipath Yojana के कारण चल रहे प्रदर्शन से railway को इतना नुकसान हुआ है ?

देश में चल रहे इस प्रदर्शन के कारण भारतीय रेलवे को हुआ है सबसे ज्यादा नुकसान. सुत्रों की माने तो अभी तक कुल 12 ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया है. भारतीय रेलवे को कुल 600 करोड़ का घटा लगा है.

Agneepath yojana के कारण चल रहे प्रदर्शन से देश को कितना नुकसान हुआ है ?

Agneepath Yojana के कारण चल रहे प्रदर्शन से देश का हुआ 1000 करोड़ का नुकसान.

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