अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography in Hindi

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Albert Einstein जी एक बहुत बड़े बैज्ञानिक थे. क्या आप Albert Einstein Biography in Hindi जानना चाहते है. तो दोस्तों हमने इस लेख में Albert Einstein Biography in Hindi, उनके सिक्षा जीवन, परिवार, खोज, पुरुष्कार, पुस्तक, मृत्यु, ट्रेन की सफ़र की  कहानी और अनमोल विचार के बारे में बिस्तार से बात की है. तो आइये जानते है Albert Einstein Biography in Hindi.

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10 FAQs

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन  यह  एक ऐसे महान विज्ञानिक जिनका जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म शहर के एक यहूदी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन और माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था.

अल्बर्ट आइंस्टीन का एक चाचा भी था जिनका नाम जैकोब आइंस्टीन था. उनके पिता एक सेल्समेन और इंजीनियर थे जो लोगो को बिजली के उपकरण सप्लाई करते थे.

Albert Einstein Biography in Hindi
Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट के जन्म के बाद उनका परिवार सन 1980 में 160 किलोमीटर दूर म्युनिक में आकर बस गए. और उसके दो साल बाद उनके बहन का जन्म हुआ जिनका नाम माजा थी. उनके बहन के जन्म के बाद वे और उनके परिवार बहुत खुश हुए.

वहाँ सेटल होने के बाद उनके पिता और चाचा मिलकर एक नए कंपनी Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co की स्थापना की जो डायरेक्ट कर्रेंट (DC) के लिए बिजली के उपकरण बनाती थी.

आपको यह जानकर हैरानी होगी की अल्बर्ट आइंस्टीन दुसरे बच्चो से काफी अलग थे उनका सर दुसरे बच्चो से बड़ा था और वे चार साल की उम्र तक कोई बात चित नहीं कर सकते थे.

एक दिन जब उनका परिवार खाना खा रहे थे तो अल्बर्ट आइंस्टीन ने चार साल बाद पहली बार अपने मुख से  बोला की सूप बहुत गर्म है. उनके  मुख  से यह बात सुन कर उनके माता-पिता अस्चर्या हो गए और उनके मुख से पहली बार कुछ सुनकर वे बहुत खुश हुए. 

अल्बर्ट आइंस्टीन जी का यह भी  मानना था की अच्छी नींद हमारे  दिमाग को बहेतर काम करने के लिए बेहद ज़रूरी है इसलिए वे हर रोज 10 घंटे सोते थे.

अल्बर्ट आइंस्टीन का सिक्षा जीवन – Albert Einstein Education Life in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की सिक्षा जीवन की बात की जाए तो जब वे 4 साल के उम्र के बाद धीर -धीरे बोलना सिख गए तो 6 साल की उम्र में उनकी प्रारम्भिक सिक्षा के लिए उन्हें म्युनिक के कैथोलिक प्राइमरी स्कूल में दाखिला दिलाया. 

स्कूल में दाखिला दिलाने के बाद भी अल्बर्ट आइंस्टीन को स्कूल  जाना अच्छा नहीं लगता था. स्कूल के बच्चे उन्हें चिड़ाते क्युकी वे एक यहूदी परिवार से थे. यहूदी धर्म  (Judaism) विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से एक है, तथा दुनिया का प्रथम एकेश्वरवादी धर्म माना जाता है. यह धर्म इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है.

इस धर्म में ईश्वर और उसके नबी यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है. इनके धार्मिक ग्रन्थों में तनख़, तालमुद तथा मिद्रश प्रमुख हैं. यहूदी मानते हैं कि यह सृष्टि की रचना से ही विद्यमान है. यहूदियों के धार्मिक स्थल को मन्दिर व प्रार्थना स्थल को सिनेगॉग कहते हैं. ईसाई धर्म व इस्लाम का आधार यही परम्परा और विचारधारा है. इसलिए इसे इब्राहिमी धर्म भी कहा जाता है.

इस कारण उस समय म्युनिक में यहूदियों के लिए बहुत समस्याए थी इसलिए उन्हें भी काफी संगर्ष करना पड़ा और उन्हें स्कूल एक कैद खाने की तरह लगता था.

उस स्कूल में पड़ते समय वे अपने कक्षा में एक नंबर से परीक्षा पास करते थे.  इस कारण उनका परिवार  बहुत  खुश थे और उस स्कूल में पड़ने के तिन साल बाद जब वे 9 साल के हुए तब उस स्कूल से निकालकर उन्हें लुइटपोल्ड जिम्नेजियम स्कूल में दाखिला दिलवाया.

इस स्कूल में उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की. अल्बर्ट आइंस्टीन जी जब उस स्कूल में पड़ते थे तब अल्बर्ट अपने शिक्षक से बहुत सवाल करते थे. वो सवाल तो करते थे लकिन उनके सवाल का जवाब देने के लिए कोई भी ऐसा विद्वान शिक्षक नहीं था.

एक बार तो सब  के सामने सवाल पूछने पर एक  शिक्षक ने उन्हें डाटते हुए कहा की हमसे ऐसा प्रश्न मत पूछो जिस का उत्तर हमें नहीं पता. उनके इस सव्भाव के कारण एकान्तप्रिय अलबर्ट को सब असामाजिक कहा करते थे. लेकिन वे उन बातों को दिमाग में नहीं रखना चाहते थे.

1894 में, उनके पिता की कंपनी को म्यूनिख शहर में विद्युत प्रकाश व्यवस्था के लिए आपूर्ति करने का अनुबंध नहीं मिल सका जिसके कारण  उनका बहुत बड़ा नुकसान हुआ और उन्हें अपनी कंपनी बेचनी पड़ी.

बाद में अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार  व्यापार करने के लिए इटली चले गए. वहा  वे जाकर पहले  मिलान  में रहने लगे  फिर उसके  कुछ महीने बाद  वे पाविया शहर में बस गये. परिवार के पाविया जाने के बाद भी आइंस्टीन म्युनिक में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए रुके.

उसके बाद दिसंबर 1894 के अंत में, वे अपने परिवार से मिलने इटली चले गए. इटली में अपने समय के दौरान उन्होंने “एक चुंबकीय क्षेत्र में ईथर की अवस्था की जांच” शीर्षक के साथ एक लघु निबंध लिखा था.

उसके बाद 16 साल के उम्र में ही उन्होंने सन 1985 में स्विस फ़ेडरल पोलिटेक्निक की परिक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जाना जाने लगा.  वे गणित और भौतिक के विषय को छोड़ कर बाकि सभी विषयों में फ़ैल हो गये.

उस परिक्षा में फ़ैल होने के बाद वहां से प्रधानाचार्य के सलाह पर वो स्वेजर्लैंड (Switzerland) के आरू में आर्गोवियन कैंटोनल स्कूल में चले गये.  यहाँ से आइंस्टीन ने डिप्लोमा किया और उसके बाद इन्होने 1896 में फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में दाखिला लिया. बाद में सन 1900 में उन्होंने  फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से ग्रेजुएशन किया.

अपनी सिक्षा पूरी करने के साथ–साथ बाइबिल सहित कई धार्मिक किताबे भी पड़े थे. जिसके कारण उन्हें पता चला  की सभी धर्मो की धार्मिक किताबे हमें अच्छी प्रेना देती है.

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार – Albert Einstein Family in Hindi

आइए अभी हम बात करते है अल्बर्ट आइंस्टीन जी की परिवार के बारे में. उनके पिता का  नाम हरमन आइंस्टीन और माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था.

अल्बर्ट आइंस्टीन का एक चाचा भी था जिनका नाम जैकोब आइंस्टीन था उनके पिता एक सेल्समेन और इंजीनियर थे जो लोगो को बिजली के उपकरण सप्लाई करते थे. उनका एक बहन भी था जिनका नाम माजा थी.

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन  अपने  फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद. सन 1902 में उन्होंने मारीक से शादी किया.

शादी के बाद मई 1904 में, उनके बेटे हंस अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म Switzerland में हुआ था.उनके बेटे एडुअर्ड का जन्म जुलाई 1910 में ज़्यूरिख़ में हुआ था. अप्रैल 1914 में अल्बर्ट आइंस्टीन और उनके पत्नी बर्लिन चले गए,  और किसी  कारण  मारीक अपने बेटों के साथ ज़्यूरिख लौट आए और उन्होंने 14 फरवरी 1919 आइंस्टीन को तलाक दे दिया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की खोज – Albert Einstein Discovery in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन जी ने अपने जीवन में बहुत सारे खोज की है. सन 1908 में  अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रकाश का क्वांटम सिद्धांत पेश किया था. दरअसल पहले के सिद्धांतों में बताया गया था कि प्रकाश तरंगों के रूप में चलता है.

आइंस्टीन ने बताया कि प्रकाश फोटॉन के छोटे-छोटे पैकिटों के रूप में चलता है. इन पैकिटों को क्वांटा या फोटॉन कहते हैं. आइंस्टीन को प्रकाश के फोटॉन सिद्धांत के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

आइंस्टीन जी ने E= MC square – द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है.

और “स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी” अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है.

अल्बर्ट आइंस्टीन  ने जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का अबिष्कार किया जिनमे उन्होंने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.

अल्बर्ट आइंस्टीन जी ने एक मन्हात्तम प्रोजेक्ट बनाया था. उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया. उसके बाद विश्व युद्ध के दौरान जापान में उनका ही बनाया एटॉमिक बम को फेक के बहुत ही विनाश किया गया था.

अल्बर्ट आइंस्टीन को मिले पुरुष्कारो – Albert Einstein Awards in Hindi

1. अल्बर्ट आइंस्टीन जी को भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.

2. मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन जी को दिया गया.

3. बाद में अल्बर्ट आइंस्टीन जी को कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.

4. इसके बाद अल्बर्ट आइंस्टीन जी को मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.

5. शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी अल्बर्ट आइंस्टीन जी को सन 1999 में दिया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की लिखि गए पुस्तके – Albert Einstein Books in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वज्ञानिक तो थे. लकिन वे एक अच्छे लेखक भी थे. उन्होंने कई पुस्तके लिखे है, जिनके नाम निचे दी गयी है. आप यदि इन पुस्तको को पढ़ना चाहते है तो पुस्तकों के नाम पर क्लिक करके डायरेक्ट Amazon से खरीद सकते है.

1.सापेक्षता और विशिष्ट आपेक्षिकता – Relativity and Special Relativity.

2. प्रकाश वैद्युत प्रभाव – Photoelectric Effect

3. द्रव्यमान ऊर्जा समतुल्यता

4. ब्राउनियन गति – Brownian Motion

अल्बर्ट आइंस्टीन का मृत्यु – Albert Einstein Died in Hindi

मृत्यु के  एक दिन पहले अल्बर्ट आइंस्टीन  इजरायल की सातवीं वर्षगांठ का सम्मान करने के लिए भाषण दे रहे थे. अचानक उनके पेट  के धमनी में समस्या शुरू हो गई और 18 अप्रैल, 1955 को प्रिंसटन के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में 76 वर्ष की आयु में उनका मृत्यु हो गया.

कहा जाता है  की   उनके मृत्यु के  बाद शोध के दौरान आइंस्टीन के दिमाग की तुलना 85 अन्य मस्तिष्क से की गई . पता लगा- 1230 ग्राम का आइंस्टीन का दिमाग वजन में आम लोगों जैसा ही है,

लेकिन उन पर बहुत ज्यादा फोल्ड्स है. शोध के दौरान दिमाग के 240 सेक्शन्स को फिर से जोड़ा गया और उसका मैप बनाया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की ट्रेन की सफ़र की  कहानी

अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वज्ञानिक थे लकिन वे विज्ञान के बारे में इतना सोचते रहते थे की वे दुसरी समान्य बातो को भूल जाते थे. एक बार आइंस्टाइन प्रिंसटन से रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे. जब टिकट चेक करने वाला रेल अधिकारी उनके पास आया और उनसे टिकट माँगा  तो उन्होंने अपने कोट की जेब में हाथ डाला, लेकिन टिकट जेब में  नहीं था. टिकट नहीं मिलने पर आइंस्टीन  परेशान हो गए और  टिकट ढूंढने लगे.

 कभी कोट तो कभी पतलून की जेब तो कभी ब्रीफकेस में लेकिन टिकट कहीं नहीं था. अब  आइंस्टाइन पास वाली ख़ाली सीट झाड़ने लगे तब टिकट चेकर उन्हें छोड़ आगे बढ़ गया. उसने देखा कि इतना बड़ा वैज्ञानिक परेशानी में  फ़र्श पर बैठ बर्थ के नीचे टिकट खोज रहे हैं . टिकट चेकर ने आइंस्टीन से बोला – सर आप परेशान मत हों. आप आइंस्टाइन साहब हैं, मैं आपको अच्छी तरह से जानता हूँ.

 मुझे यह भी पता है कि आपने टिकट जरुर लिया  होग लकिन नहीं मिल रहा है.  कोई बात नहीं. रहने दीजिए, परेशान मत होइए .टिकट चेकर  की  इस बात को सुनके आइंस्टाइन ने टिकट चेकर से कहा –  बात सिर्फ टिकट की नहीं  है . मुझे याद ही नहीं आ रहा है  कि आखिर मैं जा कहाँ रहा हूँ.

अल्बर्ट आइंस्टीन का अनमोल विचार – Albert Einstein Quotes in Hindi

  1.  जिस व्यक्ति ने कभी कोई गलती नहीं की उस व्यक्ति ने कुछ नया करने की कोशिश नहीं की
  2.  जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से  नहीं लेता है उस पर बड़े मामलों  पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है.
  3.  ईश्वर के सामने हम सब एक समान हैं, एक समान बुद्धिमान  और एक समान मुर्ख  भी.
  4.  कल्पना शक्ति  ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
  5.  सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत कीजिये बल्कि सिद्धांतो वाला  बनने का प्रयत्न कीजिये.
  6. हर व्यक्ति में काबिलियत होती है परन्तु आप मछली को पेड़ पर चढ़ने के हिसाब से तुलना करेंगे तो वो पूरी उम्र ये सोच कर जियेगी की वो कितनी मुर्ख है.
  7.  एक जहाज सबसे अधिक सुरक्षित  समुद्र किनारे पर होता है परन्तु वो इसलिए नहीं बना होता है.
  8. महत्वपूर्ण बात यह है की करना न छोड़े, जिज्ञासा के मौजूद होने के अपने खुद के कारण होते हैं.
  9. ज़िन्दगी साइकिल चलाने के समान है, Balance बनाने के लिए आपको चलते रहना होता है.
  10. जैसे ही आप सीखना बंद करते हैं, आप मरना शुरू कर देते हैं.
  11. आप कभी असफल नहीं होते जब तक आप प्रयास करना नहीं छोड़ देते.
  12. केवल दूसरों के लिये जिया जीवन ही सार्थक है.
  13.  मैं कभी Future के बारे में नहीं सोचता ये जल्द ही आ जाता है.
  14. जीनियस, 1% टैलेंट है और 99% प्रतिशत हार्ड वर्क.
  15.  जीनियस और स्टूपिड में सिर्फ इतना ही फर्क है की जीनियस की सीमायें हैं.
  16. भेड़ का सदस्य बनने के लिए सबसे पहले आपको एक भेड़ होना चाहिए.
  17. अपने आप को खुश करने का तरीका किसी और को खुश करना है.
  18.  एक निराशावादी और बुद्धिमान होने के बजाये मैं आशावादी और मुर्ख होना पसंद करूँगा.
  19. अगर मेरे पास किसी समस्या को सुलझाने के लिए 1 घंटा हो तो मैं 55 मिनट समस्या के बारे में सोचने और 5  मिनट हल करने में लगाऊंगा.
  20.  क्रोध मूर्खो की छाती में बसता है.
  21.  दो चीजें असीमित है, ब्रहम्मांड और व्यक्ति की मूर्खता, परन्तु मैं ब्रहम्मांड के बारे में नहीं कह सकता.
  22.  एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन भला खुश रहने की लिए और क्या चाहिये.
  23. यदि मानव जाति को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यक्ता होगी.
  24. पहले आपको खेल के सभी Rules अच्छी तरह से जानने होंगे, तभी आप दूसरों की अपेक्षा अच्छा खेल पायेंगे.
  25. अतीत से सीखो, वर्तमान में जियो, कल के लिए आशा करों, कभी  पूछना बंद मत करो, ये सबसे महत्पूर्ण बात है.
  26. अगर हम सभी अपनी सीमाओं  को जान लें तो फिर हम सब अपनी सीमाओं से आगे निकल सकते हैं.
  27. तर्क आपको A से B तक ले जा सकता है लेकिन कल्पना शक्ति आपको हर जगह ले जा सकती है.
  28.  जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हैं तो एक घण्टा एक सैकिंड के समान होता है, जब आप धधकते अंगारे के पास बैठे है तो एक सेकिंड एक घण्टे के सामान लगता है, यही सापेक्षता है.
  29. धर्म के आभाव में विज्ञान लंगड़े के समान है, एवं विज्ञान के बिना धर्म अंधा है.
  30. मेरे अंदर कोई विशेष प्रतिभा नहीं है बस चीजों को जानने के लिए मैं काफी उत्सुक रहता हूँ.
  31. यदि आप किसी तथ्य  को आसानी से नहीं समझा पाते हैं, तो आप उस तथ्य  को स्वम ही नहीं समझ पाये हैं.
  32. विश्व  को नुकसान पहुंचाने वालों से खतरा नहीं है बल्कि उनसे है जो नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को देखकर भी उन्हें अनदेखा करते हैं और कुछ नहीं करते.
  33. ज़िन्दगी जीने के केवल दो ही तरीके हैं, पहला कि मानो कोई भी चमत्कार ना हो, दूसरा कि मानो सब कुछ एक चमत्कार  जैसा हो.
  34.  बुद्ध ही ऐसे हैं जो अपनी आँखों से देखते हैं और ह्रदय से महसूस करते हैं.
  35. सत्ता के प्रति विचारहीन सम्मान होना सत्य का सबसे बड़ा शत्रु है.
  36. महान सोच वाले लोगों ने हमेशा मामूली सोच वाले लोगों के हिंसक विरोध का सामना किया है.
  37. वो प्रत्येक चीज़ जिसको गिना जा सके, मायने नहीं रखती, और वो चीज़ जो मायने रखती है, गिनी नहीं जा सकती.
  38. अगर आपको कोई चीज़ गहराई से समझनी है तो प्रकृति में गहराई से देखना होगा.
  39. सभी धर्म, विज्ञान, कला एक ही वृक्ष की शाखायें हैं.
  40. शिक्षा वो है, जो स्कूल में सिखाई गई बातों को भूल जाने के बाद बचती है.
  41. एक प्रश्न जो कभी कभी मुझे confuse कर देता है, या तो मैं पागल हूँ या अन्य लोग.
  42.  ऐसा नहीं है की मैं बहुत जीनियस  हूँ, बस मैं समस्यों के साथ ज्यादा देर तक रहता हूँ.

FAQs

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म  कब और कहा हुआ था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ था.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन के पिता का नाम क्या था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन के पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन के माता का नाम क्या था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन के माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन थी.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन के बहन का नाम क्या था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन के बहन का नाम माजा थी.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन के चाचा का नाम क्या था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन के चाचा का नाम  जैकोब आइंस्टीन था.  

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन के बेटे का नाम क्या था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन के बेटे का नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन था.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन ने कब एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया था ? 

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन ने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रकाश का क्वांटम सिद्धांत  कब पेश किया था ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रकाश का क्वांटम सिद्धांत सन 1908 में  पेश किया था.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन हर रोज कितने घंटे सोते थे  ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन हर रोज 10 घंटे सोते थे.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन का मृत्यु कब हुआ ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु 18 अप्रैल, 1955 को हुआ था.

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु कितने बर्ष की आयु में हुई ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु 76 वर्ष की आयु में हुई .

Q: आइंस्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण क्या है ?

Ans: आइंस्टीन का द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E= mc2  है ?

Q: अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरुस्कार कब मिला ?

Ans: अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरुस्कार सन 1921 में मिला.

निष्कर्ष

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