डॉ० ए. पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी – Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography in Hindi

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Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography: दोस्तों हमने इस लेख में बात की है कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन है? Who is A. P. J. Abdul Kalam? जन्म कब हुआ ? जीवनी, शिक्षा जीवन, राजनीतिक जीवन, और उनके विज्ञान में योगदान. इन सब चीजों के बारे में.

तो आइए जानते हैं कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की संपूर्ण जीवन, Dr. A. P. J. Abdul Kalam Biography in Hindi.

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12 FAQs

डॉ० ए. पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है – What Is The Full Form Of Dr. A. P. J. Abdul Kalam In Hindi

दोस्तों क्या आपको पता है डॉ० ए. पी.जे. अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम क्या है, उनका पूरा नाम अब्दुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम है.

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography in Hindi
Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography in Hindi

इनका नाम इतना लम्बा होने के कारण इनके नाम को शोर्ट में हम सब डॉ० ए. पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम से बुलाते है.

डॉ०ए. पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी – Dr. A. P. J. Abdul Kalam Biography in Hindi.

डॉ० ए.प.जे अब्दुल कलाम भारत के एक अनोखे महापुरुष है. उनका पूरा नाम अबुल पकीर जैनुलाब्दिन अब्दुल कलम है. वे भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके थे.

डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेशवर जिला में हुआ था. वे एक मेधावी छात्र थे. विज्ञानं विषयों में उनकी गहरी रूचि थी. मद्रास प्रौधोगिकी संस्थान से उन्होंने वैमानिक अभियांत्रिकी में विशेषज्ञाता प्राप्त की थी. वे विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति थे.

उन्होंने शिक्षा अनुसंधान कार्य को उन्नति के शिखर पर पंहुचा दिया.उन्होंने अनेक प्रक्षेपास्त्रों (मिशाइलो) का निर्माण किया है. इनमे पृथ्वी आकाश, अग्नि अदि विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इन प्रक्षेपास्त्रों के कारण ही भारत रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका है.

जुलाई 2002 ई. में डॉ. कलाम को भारत के राष्ट्रपति चुना गया. इसके पहले वे प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, रक्षा अनुसंधान  तथा विकास संगठन के निर्देशक जैसे उच्चा पदों पर भी रहे थे.

राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी जिन्म्मेदारियाँ और भी बढ़ गई थी. वे भारत के सुरक्षित एवं मजबूत देखना चाहते थे. उन्होंने देशवाशियों से सन 2020 तक भारत को विकाश देश बनाने का अहवान क्या था.

स्वभाव के मृदु एवं सादा जीवन बिताने वाले डॉ० कलाम निरन्तर देशसेवा में लगे थे. वे भारत के सच्चे एवं महान सपूत थे. हर भारतवासी का उन पर गर्व है.

डॉ० ए.पी.जे अब्दुल कलाम का परिवार और मित्र – Dr. A. P. J. Abdul Kalam Family And Friends in Hindi.

डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेशवर जिला में हुआ था. उनके पिता का नाम जैनुलअबिदीन था जो एक नाविक थे और माता का नाम अशिअम्मा था.  

उनके तीन भाई और एक बहन भी था. उनके भाइयों का नाम कासिम मोहम्मद, मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई माराइकयार और  मुस्तफा कलाम था और उनके बहन का नाम  असीम जोहरा थी.

वे सभी भाइ और बहन से छोटे थे. अगर उनकी पत्नी की बात की जाए तो वे देश सेवा में इतना खो गए की उन्होंने शादी नहीं की. रामानंद शास्त्री, अरविंदन और शिवप्रकाश उनके बचपन के घनिष्ट मित्र थे.

डॉ० ए.पी.जे अब्दुल कलाम का शिक्षा जीवन – Dr. A. P. J. Abdul Kalam Education Life in Hindi

जब डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जन्म हुआ तब उनके परिवार का आर्थिक इस्तिथि इतनी अच्छी नहीं थी। फिर भी जब उनके पढ़ने-लिखने का उम्र हुआ तो उनके पिता ने उन्हें रामनाथपुरम तमिलनाडु के Schwartz Higher Secondary स्कूल मे दाखिला दिलाया. 

इस स्कूल में पढ़ाई करते हुए जब A. P. J. Abdul Kalam धीरे – धीरे बड़े होने लगे तो उनके परिवार का इस्तिथि उनसे देखा नहीं गया. अपने पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए उन्होंने बचपन से ही मेहनत करते हुए पैसा कमाना शुरू कर दिया. उन्हें बच्चपन से ही पढ़ाई से बहुत लगाव था.  

इसिलिए A. P. J. Abdul Kalam जब 8 साल के थे तब से ही वे सुबह 4 बजे उठते थे और नहाकर गणित पढ़ने चले जाते थे. इतनी सुबहे नहाने का कारण यह था की उनके जो शिक्षक थे हर साल वे पाँच बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे और जो नहीं नहा कर आते थे उन्हे वे नहीं पढ़ाते थे. 

गणित का पढ़ाई ख़त्म होने के बाद डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम घर लौट आते थे और घर लौटने के बाद वे नमाज पढ़ते थे. नमाज पढ़ने के बाद  वे सुबह 8 बजे तक रामेश्वरम के रेलवे स्टेशन  और बस अड्डे के पास न्यूज़ पेपर बाटते थे. न्यूज़ पेपर बाटने के बाद वे घर से खाना खाकर स्कूल चले जाते थे.

उसके बाद जब 1 सितंबर 1939 द्वितीय विश्वयुद्ध सुरु हुआ तो अखबारों के जरिए जानकारी मिली कि इमली के बीजों की मांग काफी बढ़ रही है. उसका उपयोग युद्ध की सामग्री बनाने में हो रही है।

ये बात A. P. J. Abdul Kalam ने अपने बड़े भाई से बताई और वे इमली का बीज इकट्ठे कर के बेचना सुरु किया। जब की उस समय केबल 8 साल के थे.  इमली का बीज बेचकर उनकी अच्छी कमाई हो गयी थी. यह युद्ध 2 सितंबर 1945 को समाप्त हुआ था.

रामनाथपुरम तमिलनाडु के Schwartz Higher Secondary स्कूल से उन्होंने अपनी मेट्रिक  तक की पढ़ाई पूरी की.

 मेट्रिक  तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज ( St. Joseph College) में दाखिला लिया। जो तिरुचिराप्पल्ली में स्थित है  और सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया. इसके बाद सन् 1955 में वे मद्रास चले गए और  इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा सन 1958 तक ग्रहण की.

उनका सपना था कि वह भारतीय वायु सेना में फाइटर प्लेन के चालक यानि पायलट (Pilot) बन सकें लकिन  उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया, पर फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. बाद में सन 1960 में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की.

डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वैज्ञानिक जीवन – Dr. A. P. J. Abdul Kalam Scientist Career in Hindi.

डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का पायलट (Pilot) बनने का सपना पूरा हो नहीं पाया फिर भी वे हार नहीं माने और सन 1960 में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हो गए.

बाद में उन्होंने भारतीय राष्ट्रिय समिति के रूप में जाने माने एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ साराभाई के साथ काम किया. 1963-64 के दौरान उन्होंने अमेरिका के अन्तरिक्ष संगठन नासा की भी यात्रा की. परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना, जिनके देख-रेख में भारत ने पहला परमाणु परिक्षण किया.

 सन 1969 में उनको भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में स्थानांतरित कर दिया गया था. वह देश के सबसे पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के प्रोजेक्ट हेड बन गए. जुलाई 1980 में SLV-III ने कलाम के नेतृत्व में ’रोहिणी’ उपग्रह को सफलतापूर्वक पृथ्वी के निकट कक्षा में तैनात किया. यह विश्व में उभरते भारत की एक बड़ी सफलता थी.

सन 1970 में वे प्रोजेक्ट डेविल’ सहित कई परियोजनाओं का हिस्सा थे. उस समय इन परियोजनाओं को कोई सफलता नहीं मिली फिर भी सन 1980 में पृथ्वी मिसाइल के विकास की नींव रखी. वह प्रोजेक्ट वैलिएंट का भी हिस्सा था.

1983 में, कलाम प्रमुख के रूप में DRDO में लौटे क्योंकि उन्हें  इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) का नेतृत्व करने के लिए कहा गया था.

मई 1998 में, उन्होंने भारत द्वारा “पोखरण-द्वितीय ” परमाणु परीक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन परमाणु परीक्षणों की सफलता ने ए.पी.जे. अब्दुल कलम को राष्ट्रीय नायक बना दिया और उनकी लोकप्रियता आसमान छूने लग गई.

डॉ० ए.पि.जे. अब्दुल कलाम जी का भारत के राष्ट्रपति बनने का सफ़र

आज के समय में भारत को दुनिया के एक ऊँची सिखर में पहुचाने में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का बहुत बड़ा सैयोग है. एक  बार के बात है जब इंद्रा गांधी ने एक बैठक में अटल बिहारी वाजपेई जी को अब्दुल कलाम जी  से मिलवाया तो अटल बिहारी वाजपेई जी ने उनसे हाथ मिलाने के बजाई उन्हें अपने गले से लगा लिया.

उन्हें गले से लगते देख इंद्रा गांधी जी के मन में एक शरारत का भाव उठा और  मुस्कराते हुए कहने लगी की अटल जी अपने अब्दुल कलाम जी  को गले से लगाया लेकिन वे तो एक मुस्लमान है। अटल जी ने उनका उत्तर देते हुए कहा की वे मुस्लिम तो है ही लकिन उसके साथ- साथ एक भारतीय  और माहान वैज्ञानिक भी है.

दुसरी बार जब अटल बिहारी वाजपेई जी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी को उनके मंत्रिमंडल में सामिल होने के लिए कहा, तो  डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने इस प्रस्ताव के बारे में सोचने ने लिए एक दिन का समय लिया.

अगले दिन इस प्रस्ताव के बारे में बिचार करने के बाद जब वे अटल जी से मिले तो बहुत विनम्रतापूर्वक इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई जी को कहा की उनकी रक्षा शोध और परमाणु परीक्षण कार्यक्रम अपने अंतिम चरण तक पहुंच रहा है. में अपनी वर्तमान ज़िम्मेदारियों को निभा कर देश की बेहतर सेवा करना चाहता हूँ और उसके दो महीने बाद पोखरण में परमाणु विस्फोट के बाद ये स्पष्ट हो गया कि कलाम ने वो पद क्यों नहीं स्वीकार किया था.

जब 10 जून, 2002 को एपीजे अब्दुल कलाम को अन्ना विश्वविद्यलय के कुलपति डाक्टर कलानिधि का संदेश मिला कि प्रधानमंत्री  आप से बातचित करना चाहते है इसलिए आप तुरंत कुलपति के दफ़्तर चले आइए ताकि प्रधानमंत्री से आपकी बात हो सके.

जैसे ही उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से कनेक्ट किया गया, वाजपेई फ़ोन पर आए और बोले, ‘कलाम साहब देश को राष्ट्पति के रूप में आप की ज़रूरत है इस पेशकश पर विचार करने के लिए कलाम जी ने  एक घंटे का समय लिया और वाजपेई  जी ने कहा लेकिन मुझे आपसे हाँ चाहिए ना नहीं.

 शाम तक एनडीए के संयोजक जॉर्ज फ़र्नान्डेस, संसदीय कार्य मंत्री प्रमोद महाजन, आँध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कलाम की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया. जब डाक्टर कलाम दिल्ली पहुंचे तो हवाई अड्डे पर रक्षा मंत्री जॉर्ज फ़र्नान्डेस ने उनका स्वागत किया.

उनकी इसी  देश के प्रति प्रेम के कारण सन 2002 में, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने A. P. J. Abdul Kalam को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना. 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 25 जुलाई, 2007 तक इस पद पर रहे.

डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलम को मिसाइल मैन ऑफ़ इंडिया क्यों कहा जाता है?

सन 1982 में कलाम को डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री (Defence Research & Development Laboratory – DRDOL) डायरेक्टर बनाया गया. जिसके बाद ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने तब के रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम आईजीएमडीपी ( IGMDP) का प्रस्ताव तैयार किया. इसी की बदौलत उन्होंने भारत के लिए पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश और ब्रह्मोस समेत कई मिसाइल बनाई.

वो कलाम ही थे जिनके डायरेक्शन में देश को पहली स्वदेशी मिसाइल मिली थी. भारत को बैलेस्टिक मिसाइल और लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने के कारण ही एपीजे अब्दुल कलाम का नाम मिसाइल मैन पड़ा.

डॉ० ए.पि.जे. अब्दुल कलाम जी की मृत्यु कैसे हुई ? – How was Abdul Kalam dead in Hindi

27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और वे वह पर बेहोश हो कर गिर पड़े, लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में इन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई. जब उनका मृत्यु हुआ तब उनकी उम्र 83 था.

डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को किन राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया था और क्यों? – A. P. J. Abdul Kalam Awards in Hindi

पद्म श्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है.

सन 1998 में उन्हें ‘भारत रत्ना, 1981में पद्मा भूषण, और 1990 में पद्मा विभूषण यह सब अवार्ड उन्हें  उनके देश सेवा और उनके वैज्ञान के साहेतासे भारत के रक्षा हेंतु बनाये गए  मिसाइल के कारण उन्हें राष्ट्रीय पुरुस्कारों से नवाज़ा गया था.

पृथ्वी, त्रिशूल और आकाश ब्रह्मोस मिसाइलो  की विशेषताएं क्या है?

डॉ० ए.पी.जे अब्दुल कलम ने हामारे देश के लिए कुछ मिसाइलो का निर्माण क्या जीनके नाम पृथ्वी त्रिशूल, आकाश, नाग और ब्रह्मोस है. आइये जानते है इनके बिस्ताओ के बारे में बिस्तार से.

पृथ्वी मिसाइल –

अगर हम पृथ्वी मिसाइल के बारे में बात करे तो 5 फरवरी साल 1988 को भारत में पहली बार पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ था.

इस मिसाइल की विशेषताओ के बात की जाए तो  यह मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है. सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं. इसे तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जाता है.

त्रिशूल मिसाइल –

सन 1983 में त्रिशूल मिसाइल परियोजना को चालू किया गया था. यह परियोजना 1992 तक पूरी होनी थी और मिसाइल ब्रह्मपुत्र क्षेत्र की ओर विदेशी खतरे से निपटने के लिए इसे स्थापित करने की योजना थी. इस मिसाइल की  मारक क्षमता 9 किलोमीटर है त्रिशूल नौसेना, थल सेना और वायु सेना के लिये प्रयोग होने वाला अस्त्र है.

तीन मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी ये मिसाइल धरती से आसमान में नौ किलोमीटर तक मार कर सकता है. त्रिशूल भारत द्वारा विकसित लघु-सीमा वाली सतह से हवा मार करने वाली मिसाइल है.

ब्रह्मोस मिसाइल

अगर हम ब्रह्मोस मिसाइल  की बात करे तो 12 जून 2001 को मिसाइल ने अपनी पहली टेस्‍ट उड़ान भरी थी. इसे डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) और रूसी एजेंसी ने मिलकर तैयार किया था.

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत ये है कि इसे कहीं से भी लॉन्‍च किया जा सकता है. जमीन से हवा में मार करनी वाले सुपर सैनिक मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट कर सकती है.

आकाश  मिसाइल –

अब हम बात करते है आकाश  मिसाइल की यह मिसाइल आकाश सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है .इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है. इसकी मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है.

इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना तथा 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. विदित हो कि वर्ष 1990 में आकाश मिसाइल की पहली परीक्षण उड़ान आयोजित की गयी थी. यह मिसाइल विमान को 30 किमी दूर और 18,000 मीटर ऊंचाई तक टारगेट कर सकती है.

डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कालम के विचार – Dr. A.P.J Abdul Kalam Famous Quotes

  1. “इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे.”
  2. “शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं. अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा.”
  3. “अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो.”
  4. “विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है, हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए.”
  5. “सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे.”
  6. “महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं.”
  7. “हमें हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्याओं को खुद को हराने नहीं देना चाहिए.”
  8. “मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता.”
  9. “आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके.”
  10. “अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा.”
  11. “इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं.”
  12. “छोटा लक्ष्य अपराध हैं; महान लक्ष्य होना चाहिए.”
  13. “शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का.”
  14. क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान, आत्मनिर्भरता के साथ आता है?
  15. “अंतः, वास्तविक अर्थों में शिक्षा सत्य की खोज है. यह ज्ञान और आत्मज्ञान से होकर गुजरने वाली एक अंतहीन यात्रा है.”
  16. “तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पर ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय हो तुम. ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञानप्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो.”
  17. “किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं.”
  18. “जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते हैं, लेकिन बस खोखली चीजें, अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती हैं.”
  19. “एक छात्र का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे.”
  20. “जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा. इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है. केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं.”
  21. “किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया.”
  22. “मुझे बताइए, यहाँ (भारत) का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? भारत में हम अपनी अच्छाइयों, अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में इतना शर्मिंदा क्यों होते हैं? हम एक महान राष्ट्र हैं, हमारे पास ढेरों सफलता की गाथाएँ हैं, लेकिन हम उन्हें नहीं स्वीकारते. क्यों?”
  23. “इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है.”
  24. “एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय)  के बराबर होता है.”
  25. “जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है, बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है, कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो.”
  26. “आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को  मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है. ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है.”
  27. “देश का सबसे अच्छा दिमाग, क्लास रूम की आखरी बेंचो पर मिल सकता है.”
  28. “आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका भविष्य बदल देगी.”
  29. “आप अपने जॉब से प्यार करें, अपनी कम्पनी से नहीं, क्योकि आप नहीं जानते की कब आपकी कम्पनी आपको प्यार करना बंद कर दे.”
  30. “अपनी पहली सफलता के बाद विश्राम मत करो क्योकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतज़ार में होंगे की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी.”
  31. “यदि आप अपनी ड्यूटी को सैल्यूट करोगे तो आपको किसी भी व्यक्ति को सैल्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन यदि आप  अपनी ड्यूटी को पोल्यूट करेंगे तो आपको हर किसी को सैल्यूट करना पड़ेगा.”
  32. “जब हमारे हस्ताक्षर, ऑटोग्राफ में बदल जाए तो यह सफलता की निशानी है.”
  33. “सफलता की कहानियां मत पढ़ो उससे आपको केवल एक सन्देश मिलेगा. असफलता की कहानियां पढ़ो उससे आपको सफल होने के कुछ आइडियाज (विचार) मिलेंगे”.
  34. “कला रंग भावनात्मक रूप से बुरा होता है लेकिन हर ब्लैक बोर्ड विधार्थियों की जिंदगी ब्राइट बनाता है.”
  35. “मैं एक हैंडसम इंसान नहीं हूँ लेकिन मैं अपना हैंड उस किसी भी व्यक्ति को दे सकता हूँ जिसको भी  मदद की जरूरत है. सुंदरता हृदय में होती है, चेहरे में नहीं.”
  36. “नकली सुख की बजाय ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये.” 
  37. “एक मुर्ख जीनियस बन सकता है यदि वो समझता है की वो मुर्ख है लेकिन एक जीनियस मुर्ख बन सकता है यदि वो समझता है की वो जीनियस है.”
  38. “बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है.समस्याए कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है.”
  39. “कभी कभी कक्षा से बंक मारकर दोस्तों के साथ मस्ती करना अच्छा होता है, क्योंकि आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो ये सिर्फ हंसाता ही नहीं है, बल्कि अच्छी यादे भी देता है.”
  40. “मेरे लिए नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज़ नहीं है.”
  41. “जिंदगी और समय, विश्व के दो सबसे बड़े अध्यापक है. ज़िंदगी हमे समय का सही उपयोग करना सिखाती है जबकि समय हमे ज़िंदगी की उपयोगिता बताता है.”
  42. “जब हम दैनिक समस्याओ से घिरे रहते है तो हम उन अच्छी चीज़ों को भूल जाते है जो की हम में है.”
  43. “हमे प्रयत्न करना नहीं छोड़ना चाहिए और समस्याओ से नहीं हारना चाहिए.”
  44. “मेरा यह सन्देश विशेष रूप से युवाओ के लिए है. उनमे अलग सोच रखने का साहस, नए रास्तो पर चलने का साहस, आविष्कार करने का साहस होना चाहिए.  उन्हें समस्याओ से लड़ना और उनसे जीतना आना चाहिए.  ये सभी महान गुण है और युवाओ को इन गुणों को अपनाना चाहिए.”

FAQs

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म कहा हुआ था ?

Ans:  डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेशवर जिला में हुआ था.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के पिता का नाम क्या था ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलअबिदीन था.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के माता का नाम क्या था ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के माता का नाम अशिअम्मा था.  

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को किसका जनक कहा जाता है ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को रक्षा क्षेत्र में मिसाइल कार्यक्रम का जनक कहा जाता है.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को कौन-कौन से राष्ट्रीय पुरुस्कार से नवाज़ा गया है ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को पद्मा भूषण, पद्मा विभूषण और भारत रत्ना जैसे राष्ट्रीय पुरुस्कार से नवाज़ा गया है.

Q: जब द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था तो डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम कितने वर्ष के थे ?

Ans: जब द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था तो डॉ० ए.पी.जे.अब्दुल कलाम मात्र 8 वर्ष के थे.

Q: द्वितीय विश्वयुद्ध कब  सुरु हुआ था ?

Ans: द्वितीय विश्वयुद्ध सन 1 सितंबर 1939 में सुरु हुआ था.

Q: दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान कलाम ने कौन से बीज एकत्रित किए ?

Ans: दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान कलाम ने ईमली के बीज एकत्रित किए.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कौन से स्कूल से मीट्रिक पास किया था ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने  रामनाथपुरम तमिलनाडु के Schwartz Higher Secondary स्कूल से मेट्रिक  पास किया था.

Q: द्वितीय विश्वयुद्ध कब समाप्त हुआ था ?

Ans: द्वितीय विश्वयुद्ध 2 सितंबर 1945 को समाप्त हुआ था.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के भाइयों के नाम क्या था ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के भाइयों के नाम कासिम मोहम्मद, मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई माराइकयार और  मुस्तफा कमाल था.

Q:  डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बहन का नाम क्या था ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बहन का नाम असीम जोहरा थी.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत का राष्ट्रपति कब बने ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने.

Q: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम कब तक भारत के राष्ट्रपति पद पर रहे ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 25 जुलाई, 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर रहे.

Q. डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम कितने वर्ष के थे जब उनकी मृत्यु हुई ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम  83 वर्ष के थे जब उनकी मृत्यु हुई.

Q. डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई थी ?

Ans: डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का मृत्यु सन 27 जुलाई 2015 को हुआ था.

निष्कर्ष

हमने ऊपर डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का सपूर्ण जीवन उनके बिज्ञान के योगदान और उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक सब कुछ के बारे में बात की है. इसमें Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography In Hindi के बारे में बिस्तार से हमने चर्चा की है.

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