20+ Hindi Pustak Samiksha Short Stories

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Hindi Pustak Samiksha Short Stories को पढ़ने के लिए आप बिलकुल सही जगह में आए है. इस पोस्ट में हमने Hindi Pustak Samiksha के बहुत ही मजेदार Short Stories दी है. जिसे आप अपने बच्चो को पढ़ के सूना सकते है.

सबसे बड़ी बात की सभी Hindi Pustak Samiksha Short Stories में हमने Moral भी दी है, जिससे आपको बच्चो को हर कहानी की एक अच्छी सीख देने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही हमारी इस पोस्ट में दिए गए सभी कहानी से बड़ी उम्र के लोग भी बहुत कुछ सीख सकते है.

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1 पुस्तक समीक्षा की कहानियाँ – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

पुस्तक समीक्षा की कहानियाँ – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

निचे हमने बहुत ही मजेदार मजेदार और बच्चो में प्रचलीत Hindi Pustak Samiksha Short Stories दी है, जिन्हें बच्चे सुनना बहुत पसंद करते है. तो आइए अब देर न करते हुए उन सभी Hindi Pustak Samiksha Short Stories को पढ़ते है और अपने बच्चो को जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक सही सीख देते है.

Hindi Pustak Samiksha Short Stories
Hindi Pustak Samiksha Short Stories

1# मूर्ख बकरियां – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक बार एक काली बकरी और एक भूरी बकरी संकरे पुल पर बीचोंबीच मिलीं। दोनों एक दूसरे से तुम पीछे हटो- तुम पीछे हटो कहके एक-दूसरे पर हमला कर दिया । मूर्ख बकरियों का संतुलन बिगड़ा और वे नदी में गिरकर डूब गई। कुछ देर बाद दूसरी दो बकरियाँ भी पुल से गुज़रीं । वे दोनों काफ़ी चतुर थीं। उनमें से एक नीचे बैठ गई और दूसरी उसके ऊपर से सुरक्षित दूसरी ओर चली गई ।

शिक्षा – क्रोध से हानी और शांत दिमाग से प्रसन्नता व सफलता प्राप्त होती है।

2# अँधा ज्योतिषी – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

किसी समय एक प्रसिद्ध ज्योतिषी एक गाँव में रहा करता था । वह लोगों का भविष्य बताने के लिए सदैव ग्रहों की चाल को देखता रहता था। एक दिन हमेशा की भाँति वह सिर उठाकर आकाश को देखता हुआ चला, जिससे एक गहरी खाई में जा गिरा।

कुछ राहगिरों की सहायता से ही वह बाहर आ सका। उनमें से एक ने पूछा, तुम खाई में कैसे जा गिरे ? ज्योतिषी अपने बारे में बताया। एक राहगीर ने ताना मारा, यदि तुम इतनी बड़ी खाई को ही नहीं देख सके तो भविष्य को क्या खाक देखोगे….?

शिक्षा – पहले स्वयं को पहचानो, फिर दूसरों को जानो ।

3# बुद्धिमान जंगली सुअर – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक दिन एक गीदड़ को एक जंगली सुअर अपने दाँतों को पेड़ के तने के साथ रगड़ना देखा । काफी देर सोचने के बाद भी गीदड़ की समझ में नहीं आया कि आखिर जंगली सुअर ऐसा क्यों कर रहा है ? गीदड़ के पूछने पर जंगली सुअर ने कहा- शिकारियों का सामना करने के लिए |

गीदड़ ने कहा- अब आपको कोई खतरा दिखाई नहीं दे रहा है, फिर क्यों ऐसा कर रहे हो ? तब सुअर बताया- आग लगने के बाद कुआँ खोदना कहाँ की बुद्धिमानी होगी ? अगर कभी किसी शत्रु का सामना करना पड़ जाए? तब अपने दाँतों को पैना करने का समय कहाँ मिलेगा ।

शिक्षा : आनेवाले खतरों के प्रति सावधान रहें ।

4# मुर्ख कौआ – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक भूखे कौए को कहीं से पनीर का एक टुकड़ा मिला। कौआ पेड़ की टहनी पर बैठकर अपनी भूख शांत करना चाहता था। तभी एक लोमड़ी पेड़ के नीचे आयी । उसने कौए को पनीर के टुकड़े के साथ देख लिया था । लोमड़ी को देख कौए ने पनीर का टुकड़ा मज़बूती से चोंच में दबा लिया |

लोमड़ी ने पनीर का टुकड़ा पाने के लिए कौए से कहा-” कौए भाई, तुम बहुत सुंदर हो, मुझे अपना गाना तो सुनाओ ।” प्रशंसा सुनकर कौआ कॉव-काँव करने लगा तो पनीर का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी पनीर का टुकड़ा लेकर वहाँ से भाग निकली। अब कौए की समझ में आ गया था कि लोमड़ी ने प्रशंसा करके उसे मूर्ख बनाया था ।

शिक्षा : किसी काम को करने से पहले आगा-पीछा विचार लें ।

5# चतुर सुक्खु – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

सुक्खु नामक एक मज़दूर काम पूरा करके घर लौट रहा था । रास्ते में उसे मिठाई की दूकान दिखाई दी । सुक्खु के पास काफी पैसे नहीं थे। इसलिए वह सुगंध से ही संतुष्ट होकर लौटने लगा तो, मिठाई वाले ने पैसा पूछा- क्योंकि मिठाई की सुगंध लेना, खाने के समान है बताया।

तभी सुक्खु को एक तरकीब सूझी। वह अपनी जेब में रखे सिक्कों को खनकाने लगा | मिठाई वाले के फिर पूछने पर सक्खु ने जवाब दिया- ” मैंने मिठाई की सुगंध ली, तुमने पैसों की खनक सुनी… हो गया हिसाब बराबर कहकर चला गया ।

शिक्षा : ज्यादा चतुराई हानिकारक होती है ।

6# दो बिल्लिया – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक बार दो बिल्लियों को एक रोटी मिली। उनमें से एक बिल्ली ने झपटकर रोटी उठा ली – और दूसरे ने उसे छीनने का प्रयास किया। जब वे दोनों बहस कर रही थीं, तभी एक बंदर वहाँ से गुज़र रहा था । बिल्लियों ने बंदर से कहा कि वह उनका विवाद हल करे।

तब बंदर ने सहमति देकर रोटी के दो बराबर टुकड़े कर दिये। एक छोटा, दूसरा बड़ा कहकर उनमें से छोटा छोटा हिस्सा खा लिया। थोड़ी देर बाद रोटी के बहुत छोटे दो टुकड़े ही शेष रह गये । ” इतने छोटे टुकड़े तुम्हारे किस काम के ?” ऐसा कहते हुए उसने दोनों टुकड़ों को भी खा लिया ।

शिक्षा : दो व्यक्तियों के झगड़े का फ़ायदा तीसरा उठाता है।

7# भेड़िया आया – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

कालू नामक चरवाह बकरियाँ चराने के लिए जंगल में जाया करता था। वह बहुत शरारती था । एक दिन उसने झूठ ही चिल्लाना आरंभ कर दिया,” भेड़िया आया ! बचाओ !!” खेतों में काम करने वाले किसान उसकी मदद के लिए दौड़ पड़े।

लेकिन वह सब मज़ाक समझकर कालू को डांटकर चले गये। उसी तरह दूसरी बार भी किया। किसानों ने चरवाहे को फटकारा और खेतों की ओर लौट गये। एक दिन भेड़िया सचमुच आ पहुँचा। सहायता के लिए चिल्लाने पर, किसानों ने समझा- वह मज़ाक कर रहा है । भेड़िये ने कई बकरियों को मार डाला । अब चरवाह अपनी भूल पर पछता रहा ।

शिक्षा : झूठे व्यक्ति की सच बात पर भी लोग विश्वास नहीं करते हैं।

8# गधा और कुत्ता – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक गधा और एक कुत्ता रास्ते में चल रहे थे । उनमें मित्रता हो गई और वे साथ-साथ चलने लगे । उन दोनों को सड़क पर एक पत्र मिला । कुत्ते ने गधे से कहा- तुम पत्र पढ़ो । पत्र में गधे के खाने की चीजें लिखी थीं। कुत्ते ने गधे से पत्र पलटकर पढ़ने को कहा, क्योंकि उस तरफ अपने खाने चीजें होती हैं।

लेकिन उसमें कुत्ते की पसंद का कुछ नहीं लिखा। पत्र बेकर कहकर कुत्ते ने गधे से उस पत्र को फेंकने को कहा। तब गधे ने सोचा- पत्र में कुत्ते के काम का कुछ नहीं था, इसलिए पत्र बेकार हो गया ।

शिक्षा : स्वार्थपरता प्राणी के स्वभाव में होती है ।

9# शेर और चूहा – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

गर्मी से बचने के लिए एक शेर घने वृक्ष की छाया में आराम कर रहा था । उस पेड़ के नीचे बिल में रहे एक चूहा, शेर की पीठ पर चढ़कर खेलने को चाहा। शेर की पीठ पर चढ़ा ही था कि शेर ने उसे पंजे में जकड़ लिया और मारने का तैयार हुआ ।

तब चूहे ने कहा- मैं भविष्य में तुम्हारे किसी काम आ सकूँ, अब मुझे छोड़ दो। शेर ने हस्ते हुए कहा की तू छोटा सा प्राणी में जंगल का राजा तू मेरी क्या मदद करेगा. लेकिन शेर ने दया करते हुए चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिन के बाद शेर एक शिकारी के जाल में फँस गया। तब चूहे ने आकर जाल की रस्सियों को कुतर कर शेर को आज़ाद कर दिया ।

शिक्षा : किसी को छोटा व कमज़ोर न समझो ।

10# सच्चा मित्र – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक कछुआ तालाब में रहता था। वहीं निकट एक लोमड़ी भी रहती थी। दोनों बड़े मित्र थे । एक दिन एक भूखा चीता कछुए को पकड़ लिया और खाने के लिए उसके खोल तोड़ने का प्रयास करने लगा। यह सब देखकर लोमड़ी अपनी मित्र को बचाने के लिए सोची। तुरंत एक उपाय सूझा। वह धीरे से चीते के पास जाकर कहा- पानी में फेंकने से कछुए का खोल नरम हो जागा, तब आप उसको आसानी से खा सकते हैं। चीता सच समझकर कछुए को पानी में फेंक दिया। कछुए का प्राण बच गया ।

शिक्षा : सच्चा मित्र वही है, जो समय पर काम आये ।

11# प्यासा कौआ – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में यहाँ-वहाँ भटक रहा था। उसे एक मैदान में पानी का बरतन नज़र आयी । उसमें थोडा पनी है। पानी की सतह तक उसकी चोंच नहीं पहुँच पाई। अथक परिश्रम करने के बाद उसको एक उपाय सूझा । उसने एक-एक कंकर उठाकर पानी के बरतन में डाल दिया। कौए ने बरतन में इतने कंकर डाल दिए कि पानी ऊपर तक आ गया | उसने अपने प्यास बुझाई और उड़ गया ।

शिक्षा : हमें सदैव दिमाग से काम लेना चाहिए ।

12# भेड़िया बना भेड़ – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक बार एक भेड़िया शिकार की तलाश में गाँव के निकट पहुँचा । वहाँ एक भेड़ों का झुण्ड दिखाई पड़ा । इतने में भेड़िये को भेड़ की एक खाल दिखाई दी। खाल ओढ़कर भेड़िया, भेड़ों के झुण्ड में शामिल हो गया। शाम को चारवाह सभी भेड़ों को वापस ले जाकर बाड़े में बंद कर दिया ।

भेड़ों का मारना आसान समझकर भेड़िया मन-ही-मन बहुत खुश था। लेकिन चरवाह के पत्नी, घर आए मेहमानों के लिए एक मोटी भेड़ काट देने को कहा। पत्नी की बात से चारवाह भेड़ की खाल में लिपटे भेड़िये को मोटी समझकर कुल्हाड़ी से गरदन अलग कर दी ।

शिक्षा : मक्कारों से सावधान रहें ।

13# दुष्ट हाथी – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

किसी जंगल में एक दुष्ट हाथी रहता था। उसे गीदड़ों को मारने में बड़ा आनंद आता था | हाथी के इस उत्पात से परेशान गीदड़ों ने एक सभा बुलाई। उसमें से एक वृद्ध गीदड़ ने अपनी योजना रखी जिसे सबने स्वीकार कर लिया।

योजना के अनुसार हाथी को अपना राजा चुना और उसको राजमकुट धारण करने आमंत्रित किये। राजा बनने के मोह में हाथी खुशी से झूम उठी और चल पड़े। रास्ते में एक दलदल था । योजनानुसार गीदड़ों ने पत्तियों से उस दलदले को ढंक दिया । मस्ती में डूबी हाथी दलदले में धंस गया और प्राण त्याग दिये ।

शिक्षा: बुरे का अंत बुरा ही होता है।

14# शेर और गधा – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक ही जंगल में रहने वाले शेर और गधा आपस में गहरे मित्र थे। उन्हें देखकर जंगल के अन्य जानवर डर जाते थे । वास्तव में जंगल के जानवर शेर से डरते थे, लेकिन गधा सोचता था कि वह भी ताकतवर है । एक दिन उनके सामना भेड़ियों के झुंड से हो गया । गधा ढ़ेंचू…ढ़ेंचू करता उनकी ओर लपका, तब भेड़िया वहाँ से भाग निकला। गधे ने शेर से अपनी बहादुरी के बारे में बताया तो शेर ने कहा- ” भेड़िये तुम्हारे रेंकने से नहीं मुझे देखकर भागे थे ।” और आगे बोला- अकेले कभी ऐसा करने का साहस मत करो। भेड़िये तुम्हें चीर कर रख देंगे ।

शिक्षा : दूसरों के बल पर किसी से शत्रुता न करें ।

15# खरगोश और कछुआ – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक जंगल में अन्य जानवरों के साथ खरगोश और कछुआ भी रहते थे । खरगोश को अपनी फुर्ती पर गर्व है । वह हमेशा कछुए को सताता रहा था। एक दिन खरगोश ने कहा न तुम्हारे और मेरे बीच दौड़ हो जाए ! कछुआ कुछ सोचकर बोला- मुझे मंजूर है । लेकिन दौड़ उस ऊँची पहाड़ी तक होगी। तय समय पर दौड़ आरंभ हुई।

पलक झपकते ही खरगोश काफ़ी आगे निकल गया। कुछ दूर दौड़ने के बाद खरगोश ने आराम करना चाहा और गहरी नींद में डूब गया । धीरे-धीरे चलता कछुआ उससे आगे निकल गया और लगातार चलकर विजय रेखा पर पहुँच गया। जब खरगोश की नींद टूटी तो वह तेजी से दौड़ा। कछुआ विजयी पाना देखकर खरगोश का सिर शर्म से झुक गया ।

शिक्षा : घमंडी का सिर नीचा होता है।

16# चतुर नाई – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक बार एक नाई जंगली जानवरों से भरे जंगल से गुज़र रहा था। अचानक उसके सामने एक शेर आकर खड़ा हो गया। लेकिन नाई ने हिम्मत नहीं हारी। नाई ने शेर से कहा मैं बहुत समय से तुम्हारी तलाश कर रहा हूँ, क्योंकि- मैं दो शेर पकड़ना चाहता था। एक मैंने पकड़ा और तुम दूसरे होओगे । ऐसा कहकर नाई ने शेर को एक आईना दिखाया | आईने में अपना मुख देख कर शेर घबराया और वहाँ से भाग गया । चतुर नाई ने अपनी जान बचा ली ।

शिक्षा : संकट में चतुराई से काम लेना चाहिए ।

17# स्वार्थी मित्र – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

राम और श्यामू नामक दो गहरे मित्र थे। एक बार दोनों को घने जंगल से होकर जाना पड़ा । रास्ते में अचानक उनके सामने एक जंगली भालू आ गया। मारे डर के रामू वहीं खड़ा रह गया और श्यामू जान बचाने के लिए दौड़कर पेड़ पर चढ़ गया। तभी रामू को याद आया कि भालू मरे आदमी को कुछ नहीं करता। वह शीघ्रता से जमीन पर लेट गया । भालू ने आकर उनके चेहरे के पास सूँघा और मृत समझकर चला गया। श्यामू ने पेड़ से उतर आकर रामू से पूछा- भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था ? रामू ने कहा, ” मुसीबत में काम आने वाला ही सच्चा मित्र होता है ।”

शिक्षा : स्वार्थी मित्रों से दूर रहो ।

18# पूँछ कटी लोमड़ी की – Hindi Pustak Samiksha Short Stories

एक बार एक लोमड़ी की पूँछ शिकंजे में फँस गई। काफ़ी देर कोशिश करने के बाद वह उस शिकंजे से आजाद हो गई… लेकिन पूँछ कट गई। उसके साथी उसका मज़ाक बनाएँगे सोचकर सभी लोमड़ियों की पूँछ कटवाने का बैठक बुलाई। बैठक में पूँछ कटी लोमड़ी ने कहा- हमारी पूँछ बदसूरत और बेकार है, तुम सभी को मेरी तरह पूँछ कटवा देनी चाहिए। यह सुनकर एक लोमड़ी बोली, ” यदि तुम्हारी पूँछ न कटी होती तो तुम ऐसी मूर्खता भरी सलाह नहीं देती ।”

शिक्षा : दूसरों को मूर्ख बनाने के चक्कर में खुद मूर्ख न बन जाएँ ।

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मुझे उम्मीद है की आपको हमारी यह पोस्ट Hindi Pustak Samiksha Short Stories के बारे मे जानकारी पसंद आइ होगी. यदी पसंद आई है तो हमारे इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ Share जुरूर करे. ताकि इस पोस्ट से उन्हे भी फायदा हो सके.

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