Hindi Short Story About Friendship | पढ़िए दोस्तों की बहुत सारी मजेदार कहानियां

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Hindi Short Story About Friendship: आज हम दोस्तों के कई मजेदार किस्से पढ़ेंगे। इसके साथ ही बता दें कि ये सभी कहानियां (100+ Hindi Moral Stories) खासतौर पर आपके दोस्तों के लिए तैयार की गई हैं। हमें उम्मीद है कि आपको ये सभी Hindi Short Story About Friendship की कहानियाँ बहुत पसंद आएंगी।

Hindi Short Story About Friendship
Hindi Short Story About Friendship

हमारे एक हँसते जीवन के लिए अच्छे दोस्त बहुत ही जरूरी हैं। आज हम यहां पर आपको दोस्ती की कीमत एक व्यक्ति के जीवन में क्या होती है (True Friendship Short Story In Hindi) के माध्यम से बतायेंगे। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और A Very Short Story About Friendship In Hindi के मजेदार किस्से जानते हैं कि इन कहानियों से हमें क्या सीख मिलती है।

Hindi Short Story About Friendship | Short Story About Friendship With Moral In Hindi

हम आपको कुल 5 बेहद मजेदार Hindi Short Story About Friendship के किस्से बताने जा रहे हैं। जिसे पढ़ने या सुनने के बाद आपको काफी मजा आने वाला है। इसके साथ ही बता दें कि हम Hindi Short Story About Friendship कहानियों के जरिए आपके साथ ढेर सारा मजा करेंगे।

1# दो मित्रों की सच्ची मित्रता | Short Story Examples About Friendship

एक बार की बात हैं, दो लोगों को अस्पताल के एक कमरे में भर्ती कराया गया है। जिसमें एक का नाम सुरेश और दूसरे का किशन था। जिस अस्पताल के कमरे में ये दोनों भर्ती थे, उसमें सिर्फ एक ही खिड़की थी। जो किशन के बेड के पास था। लेकिन किशन को सिर्फ 2 घंटे ही बाहर देखने दिया गया।

सुरेश को किसी गंभीर बीमारी के कारण बिस्तर से हिलने भी नहीं दिया जाता था। फिर कुछ दिनों में किशन और सुरेश में दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि दोनों आपस में अपने परिवार की बातें करने लगे और एक दूसरे को अपने दिल की बात भी कहने लगे।

जब भी किसी को कोई दुख होता तो वह उसे दूसरों के साथ बांटता था। इससे उनका दर्द कम हुआ और वे खुश हो गए। किशन हमेशा उस खिड़की के पास बैठकर सुरेश को बाहर का नजारा सुनाता और सुरेश खुश हो जाता।

किशन हमेशा उससे कहता था कि आज बगीचे में इतने लोग घूम रहे हैं, आज मंदिर में कुछ कार्यक्रम चल रहा है, पास के स्कूल में क्या हो रहा है और बाहर मौसम कैसा है? किशन सुरेश को यह सब बताता था।

सुरेश के जीवन की आशा टूटती जा रही थी। तब किशन की यह सब बाते सुनकर सुरेश बहुत खुश होता और वह धीरे-धीरे अपनी बीमारी को भूलने लगा। जब भी किशन उसे बाहर के नजारे के बारे में बताता तो वह हमेशा इतना खुश होता कि उसे लगता ही नहीं कि वह सुन रहा है। उसे लगता है कि वह यह सब दृश्य देख रहा है।

किशन हमेशा सुरेश को सकारात्मक बातें बताता था। ताकि सुरेश पर अच्छा प्रभाव पड़े। दोनों दोस्तों में दोस्ती इस कदर हो गई थी कि वे एक-दूसरे को अपनी सारी बातें बताने लगे। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। किशन सुरेश को बाहर की रंगीन दुनिया का नजारा दिखाएगा और सुरेश बहुत खुश होगा।

एक दिन अचानक किशन की मौत हो जाती है। जब सुरेश को इस बात का पता चलता है तो वह बहुत दुखी होता है और उसे याद करने लगता है। जबकि नर्स किशन को वहां से हटा रही है, सुरेश खिड़की के सामने वाले बिस्तर के लिए नर्स से अनुरोध करता है। तो नर्स ने कहा कि आपको इस बिस्तर की क्या जरूरत है।

तो सुरेश ने कहा कि मैं यहां से बाहर का नजारा देखना चाहता हूं जो किशन मुझे बताता था। लेकिन जब सुरेश ने उस खिड़की से देखा तो वहां कुछ भी नजर नहीं आया। क्योंकि वहां दीवार खड़ी कर दी गई थी।

कोई मंदिर व्यवस्थित नहीं था, बच्चे पार्क में खेल रहे थे और कोई स्कूल पास में नहीं था, किशन सुरेश को जो कुछ भी बताता था, वह वहाँ बिल्कुल नहीं था। किशन वह सब सुरेश को बता देता था क्योंकि सुरेश यह सब सुनकर अपनी बीमारी भूल रहा था। वह केवल सुरेश के साहस को बढ़ाता था और उसकी मरती हुई आशा को कम करता था। जिससे आप जीवन जीने के महत्व को जान सकें।

Hindi Short Story About Friendship, कहानी से सीख: हमें इस कहानी से सीख लेनी चाहिए कि हमें हमेशा ऐसा काम करना चाहिए जिससे दूसरों को खुशी मिले और जीने की नई उम्मीद मिले। ऐसा अवसर कभी न चूकें जिससे दूसरों को लाभ हो।

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2# संजना और श्यामा | Dosti Short Story In Hindi

संजना और श्यामा दोनों गहरे मित्र थे। उनकी सच्ची दोस्ती के सभी कायल थे। बचपन में दोनों एक साथ गांव में ही पढ़े थे‌। संजना के पिता व्यापारी थे‌। वह बहुत अमीर थे और श्यामा के पिता एक गरीब किसान थे‌।

श्यामा के माता-पिता ने कड़ी मेहनत करके श्यामा को पढ़ा लिखा रहे थे‌। संजना को अपने धन पर बिल्कुल भी घमंड नहीं था‌। जिसके चलते उनमें गहरी दोस्ती बन रही थी। श्यामा गरीब होने के बावजूद भी हमेशा संजना की मदद किया करती थी। एक दिन की बात है संजना और श्यामा एग्जाम के लिए जा रहे थे जोकि गांव से ज्यादा दूर था इसलिए संजना और श्यामा दोनों साइकिल से स्कूल जाया करती थी।

लेकिन एग्जाम के कारण संजना थोड़ा जल्दी निकल गई। उसकी साईकिल रास्ते में खराब हो गई। संजना ने बहुत कोशिश की पर साईकिल ठीक नहीं हुई‌। उसे स्कूल पहुंचने में काफी देर हो रही थी‌‌। बाद में जब श्यामा साइकिल से आ रही थी तो उसने देखा कि संजना रूकी हुई है वह तुरंत रुक गई और उसकी सहायता के लिए चल पड़ी।

उसने संजना की साइकिल को ठीक कर दिया। अब दोनों एग्जाम देने के लिए चले गए। समय बीतता गया दोनों बड़े हो गई और संजना अपने पिताजी के साथ शहर में बिजनेस करने लगी पर श्यामा पैसों की कमी के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाई।

जिसके कारण उन दोनों का मिलना बहुत कम हो गया। एक बार की बात है श्यामा के पिताजी काफी बीमार हो गए थे‌। डॉक्टर ने कहा कि शहर जाकर इनका इलाज कराना जरूरी है। लेकिन श्यामा के पास पैसे नहीं थे। वह परेशान हो गई थी कि इतने सारे पैसे वह कहां से लाएगी।

अब उसने सोचा की शहर जाना ही पड़ेगा इसलिए उसने रिश्तेदारों से थोड़े पैसे ले लिए। अब श्यामा पिताजी को शहर ले आई‌ और एक अच्छे अस्पताल में भर्ती करवाया। डॉक्टर ने कहा इनके इलाज में लगभग लाखों रुपए खर्च हो जाएंगे।

इतना सुनते ही श्यामा परेशान हो गई कि वह लाख रुपए कहां से लाएगी। बाद में संजना को पता चला की श्यामा के पिताजी का इलाज शहर में चल रहा है।

वह श्यामा से मिलने के लिए शहर चली गई और डॉक्टर को पैसे दिए और श्यामा के पिताजी का इलाज शुरू हो गया और वह कुछ दिन में ठीक हो गए। जल्दी ही वह वापस आ गए। बाद में वह दोनों मित्र फिर से मिल गए।

Hindi Short Story About Friendship, कहनी से सीख – हमें हमेशा अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में उनका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

3# दो सैनिक दोस्त | Short Friendship Story In Hindi

दो बचपन के दोस्तों का सपना बड़े होकर सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना था. दोनों ने अपना यह सपना पूरा किया और सेना में भर्ती हो गए.

बहुत जल्द उन्हें देश सेवा का अवसर भी प्राप्त हो गया. जंग छिड़ गई और उन्हें जंग में भेज दिया गया. वहाँ जाकर दोनों ने बहादुरी से दुश्मनों का सामना किया.

जंग के दौरान एक दोस्त बुरी तरह घायल हो गया. जब दूसरे दोस्त को यह बात पता चली, तो वह अपने घायल दोस्त को बचाने भागा. तब उसके कैप्टन ने उसे रोकते हुए कहा, “अब वहाँ जाने का कोई मतलब नहीं. तुम जब तक वहाँ पहुँचोगे, तुम्हारा दोस्त मर चुका होगा.”

लेकिन वह नहीं माना और अपने घायल दोस्त को लेने चला गया. जब वह वापस आया, तो उसके कंधे पर उसका दोस्त था. लेकिन वह मर चुका था. यह देख कैप्टन बोला, “मैंने तुमसे कहा था ना कि वहाँ जाने का कोई मतलब नहीं. तुम अपने दोस्त को सही-सलामत नहीं ला पाए. तुम्हारा जाना बेकार रहा.”

सैनिक ने उत्तर दिया, “नहीं सर, मेरा वहाँ उसे लेने जाना बेकार नहीं रहा. जब मैं उसके पास पहुँचा, तो मेरी आँखों में देख मुस्कुराते हुए उसने कहा था – दोस्त मुझे यकीन था, तुम ज़रूर आओगे. ये उसके अंतिम शब्द थे. मैं उसे बचा तो नहीं पाया. लेकिन उसका मुझ पर और मेरी दोस्ती पर जो यकीन था, उसे बचा लिया.”

Hindi Short Story About Friendship, कहनी से सीख – सच्चे दोस्त अंतिम समय तक अपने दोस्त का साथ नहीं छोड़ते.

दो सैनिक दोस्त | Short Friendship Story In Hindi

4# दोस्ती और भरोसा | Friendship Short Story In Hindi

रात घिर आई थी. परदेश की यात्रा पर निकले दो दोस्त सोहन और मोहन एक जंगल से गुजर रहे थे. जंगल में अक्सर जंगली जानवरों का भय रहता है. सोहन को भय था कि कहीं किसी जंगली जानवर से उनका सामना न हो जाए.

वह मोहन से बोला, “मित्र! इस जंगल में अवश्य जंगली जानवर होंगे. यदि किसी जानवर ने हम पर हमला कर दिया, तो हम क्या करेंगे?”

सोहन बोला, “मित्र डरो नहीं. मैं तुम्हारे साथ हूँ. कोई भी ख़तरा आ जाये, मैं तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा. हम दोनों साथ मिलकर हर मुश्किल का सामना कर लेंगे.”

इसी तरह बातें करते हुए वे आगे बढ़ते जा रहे थे कि अचानक एक भालू उनके सामने आ गया. दोनों दोस्त डर गए. भालू उनकी ओर बढ़ने लगा. सोहन दर के मारे तुरंत एक पेड़ पर चढ़ गया. उसे सोचा कि मोहन भी पेड़ पर चढ़ जायेगा. लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था. वह असहाय सा नीचे ही खड़ा रहा.

भालू उसके नज़दीक आने लगा. मोहन डर के मारे पसीने-पसीने होने लगा. लेकिन डरते हुए भी वह किसी तरह भालू से बचने का उपाय सोचने लगा. सोचते-सोचते एक उपाय उसके दिमाग में आ गया. वह जमीन पर गिर पड़ा और अपनी सांस रोककर एक मृत व्यक्ति की तरह लेटा रहा.

भालू नज़दीक आया. मोहन के चारों ओर घूमकर वह उसे सूंघने लगा. पेड़ पर चढ़ा सोहन यह सब देख रहा था. उसने देखा कि भालू मोहन के कान में कुछ फुसफुसा रहा है. कान में फुसफुसाने के बाद भालू चला गया.

भालू के जाते ही सोहन पेड़ से उतर गया. मोहन भी तब तक उठ खड़ा हुआ. सोहन ने मोहन से पूछा, “मित्र! जब तुम जमीन पर पड़े थे, तो मैंने देखा कि भालू तुम्हारे कान में कुछ फुसफुसा रहा है. क्या वो कुछ कह रहा था?“हाँ, भालू ने मुझसे कहा कि कभी भी ऐसे दोस्त पर विश्वास मत करना, तो तुम्हें विपत्ति में अकेला छोड़कर भाग जाये.”

Hindi Short Story About Friendship, कहनी से सीख – जो दोस्त संकट में छोड़कर भाग जाये, वह भरोसे के काबिल नहीं.

5# दोस्ती और पैसा | Best Friend Short Story In Hindi

एक गाँव में रमन और राघव नाम के दो दोस्त रहा करते थे. रमन धनी परिवार का था और राघव गरीब. हैसियत में अंतर होने के बावजूद दोनों पक्के दोस्त थे. एक साथ स्कूल जाते, खेलते, खाते-पीते, बातें करते. उनका अधिकांश समय एक-दूसरे के साथ ही गुजरता.

समय बीता और दोनों बड़े हो गए. रमन ने अपना पारिवारिक व्यवसाय संभाल लिया और राघव ने एक छोटी सी नौकरी तलाश ली. जिम्मेदारियों का बोझ सिर पर आने के बाद दोनों के लिए एक-दूसरे के साथ पहले जैसा समय गुज़ार पाना संभव नहीं था. जब मौका मिलता, तो ज़रूर उनकी मुलाकातें होती.

एक दिन रमन को पता चला कि राघव बीमार है. वह उसे देखने उसके घर चला आया. हाल-चाल पूछने के बाद रमन वहाँ अधिक देर रुका नहीं. उसने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाले और उसे राघव के हाथ में थमाकर वापस चला गया.

राघव को रमन के इस व्यवहार पर बहुत दुःख हुआ. लेकिन वह कुछ बोला नहीं. ठीक होने के बाद उसने कड़ी मेहनत की और पैसों का प्रबंध कर रमन के पैसे लौटा दिए.

कुछ ही दिन बीते ही थे कि रमन बीमार पड़ गया है. जब राघव को रमन के बारे में मालूम चला, तो वह अपना काम छोड़ भागा-भागा रमन  के पास गया और तब तक उसके साथ रहा, जब तक वह ठीक नहीं हो गया.

राघव का यह व्यवहार रमन को उसकी गलती का अहसास करा गया. वह ग्लानि से भर उठा. एक दिन वह राघव के घर गया और उससे अपने किये की माफ़ी मांगते हुए बोला, “दोस्त! जब तुम बीमार पड़े थे, तो मैं तुम्हें पैसे देकर चला आया था. लेकिन जब मैं बीमार पड़ा, तो तुम मेरे साथ रहे. मेरा हर तरह से ख्याल रखा. मुझे अपने किये पर बहुत शर्मिंदगी है. मुझे माफ़ कर दो.”

राघव ने रमन को गले से लगा लिया और बोला, “कोई बात नहीं दोस्त. मैं ख़ुश हूँ कि तुम्हें ये अहसास हो गया कि दोस्ती में पैसा मायने नहीं रखता, बल्कि एक-दूसरे के प्रति प्रेम और एक-दूसरे की परवाह मायने रखती है.”

Hindi Short Story On Friendship, कहनी से सीख – पैसों से तोलकर दोस्ती को शर्मिंदा न करें. दोस्ती का आधार प्रेम, विश्वास और एक-दूसरे की परवाह है.

FAQs

Q. जीवन में दोस्ती का क्या महत्व है?

Ans: हमारे पास परिवार के सदस्यों के अलावा बाहर की दुनिया में भी अच्छा दोस्त होना आवश्यक होता है। सच्चा मित्र किसी जीवन दायक अमृत से कम नहीं है।

Q. यह कहानिया किसके ऊपर आधारित है?

Ans: यह सबी कहानिया दोस्ती से आधारित है।

निष्कर्ष

बच्चो के लिए Hindi Short Story About Friendship बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस Hindi Short Story About Friendship कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो वे बहुत ही खुस हो जाते है. इसके साथ ही उनको बहुत कुछ सीखने को भी मिल जाता है.

हमे उम्मीद है की यह Hindi Short Story About Friendship पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Hindi Short Story About Friendship उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.

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