Jaadui Bed Ki Kahani | जादुई बेड का चमत्कार

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Jaadui Bed Ki Kahani: जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं Jaadui Bed की एक बेहद दिलचस्प कहानी, इस कहानी में हम आपको Jaadui Bed के चमत्कार के बारे में बताने जा रहे हैं. क्योंकि यह Jaadui Bed कोई साधारण बिस्तर नहीं है।

Jaadui Bed ki kahani
Jaadui Bed ki kahani

यह Jaadui Bed क्या चमत्कार करता है, हम इस कहानी में सुनेंगे। हमारा दावा है कि Jaadui Bed की कहानी सभी बच्चों को बेहद पसंद आएगी। क्योंकि यह Jaadui Bed कहानी विशेष रूप से आपके लिए तैयार की गई है। जानकारी से पता चला है कि आज के बच्चे किस्से सुनने की बहुत जिद करते हैं।

तो आपको बता दें कि इस वेबसाइट में हमने कई मजेदार किस्से दिए हैं, जिससे वह न सिर्फ इन किस्सों का मजा ले सके बल्कि एक नई राह पर चल भी सकेंगे। हमारा उद्देश्य है कि यह कहानी सभी बच्चों को मनोरंजन और सामान्य ज्ञान प्राप्त कर सके। तो चलिए बिना देर किए कहानी में आगे बढ़ते हैं और Jaadui Bed के चमत्कार के बारे में जानते हैं।

जादूई बिस्तर की कहानी | Magical Bed Story | Jaadui Bed Ki Kahani

Jaadui Bed Ki Kahani: कई साल पहले की बात है, उदयपुर नाम के एक गांव में राजा बिक्रम सिंह का राज हुआ करता था। राजा बिक्रम सिंह का राज पाठ बहुत ही अच्छा चल रहा था। लेकिन केवल एक ही चिंता राजा को परेशान कर रही थी। क्योंकि राजा की कोई संतान नहीं थी, कई पूजा पाठ करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।

राजा हर बार मुश्किल से मुश्किल यज्ञ करता था, लेकिन राजा की पत्नी माँ नहीं बन पाती थी। एक दिन एक ब्राह्मण राजा के दरबार में आया और राजा ने कहा, ”हम अपने दरबार में हर दरबारी का आदर और सम्मान करते हैं, इसलिए हम आपका तहे दिल से स्वागत करते हैं”।

ब्राह्मण ने कहा ”मेरा सम्मान करने के लिए धन्यवाद महाराज” राजा ने कहा “ ये ब्राह्मण आप कहा से आए हैं और आपका नाम क्या हैं” ब्राह्मण ने कहा “महाराज, मेरा नाम शंकर है और मैं केलाश से आया हूं, मुझे आपकी समस्या के बारे में पता चला और मैं आपकी मदद करने आया” यह सुन राजा बहुत खुश हुए और ब्राह्मण को लाख लाख धन्यवाद कहा।

ब्राह्मण ने कहा “महाराज इस यज्ञ के बाद आपके घर एक बहुत ही सुन्दर और सुशील कन्या का जन्म होगा जो लोगो के दुखो का निवारण करेगी” यह सुन राजा ने कहा “हे ब्राह्मण आप मेरे लिए भगवान के रूप में आए हैं” इसके बाद अगले दिन ब्राह्मण ने यज्ञ की तैयारी शुरू कर दी और यज्ञ बहुत अच्छी तरह समाप्त हो गया और यज्ञ के कुछ दिनों के बाद रानी मां बन गई।

यह समाचार सुनकर महाराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने गाँव के सभी लोगों को खाने के लिए आमंत्रित किया। नौ महीने बाद राजा के घर एक बहुत ही प्यारी बच्ची का जन्म हुआ, यह सुनकर राजा ने गांव के सभी ब्राह्मणों को अपने महल में बुलाया और उन्हें भरपेट खाना खिलाया।

सभी ब्राह्मणों ने कन्या को आशीर्वाद दिया और उसका नाम रुक्मणी रखा गया। तब ब्राह्मण शंकर ने आकर कहा, “महाराज, आपकी बेटी कोई साधारण लड़की नहीं है, वह लोगों की भलाई के लिए पैदा हुई है।” राजा ने कहा “हे ब्राह्मण, यह सब आपकी कृपा से हुआ” तब ब्राह्मण ने कहा कि आपकी बेटी पर बहुत खतरा मँडरा रहे हैं। जब तक आपकी पुत्री 18 बर्ष के नहीं हो जाति तब तक उसके सर पर कालि शक्ति का डेरा जमा रहे गा, इसका ध्यान रखे”।

यह सुनकर राजा बहुत चिंतित हो गए, राजा ने कहा, “तो क्या इसका कोई उपाय है” ब्राह्मण ने कहा, “मैं अभी नहीं जनता में ध्यान करके कोशिश करूंगा ताकि मैं इसका कोई हल ढूंढ सकूं” यह कहकर ब्राह्मण वहाँ से चले जाते हैं। और रुक्मणी धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी और वह बहुत सुंदर भी, अपने पिता को लोगों की मदद करते देख वह भी चाहती थी कि मैं लोगों की मदद करूं और राजकुमारी अपने पिता की तरह लोगों की मदद करने लगी।

जैसे-जैसे राजकुमारी बड़ी हो रही थी, राजकुमारी का खतरा बढ़ता जा रहा था, एक दिन राजकुमारी को अजीबो और गरीब सपने आने लगे और राजकुमारी ने अपने माता-पिता से जा कर कहा “माँ, आज मुझे बहुत डरावने सपने दिखाई दे रहे है”। यह सुन राजकुमारी के माता-पिता बहुत परेशान हो गए और राज महल के पहरेदारों को आदेश दिया कि वह केलाश जाकर ब्राह्मण शंकर को खोज कर लाए.

जब महल के पहरेदार केलाश पहुंचे तो उन्हें पता चला कि ब्राह्मण शंकर की मृत्यु हो गई है। जब राज़ा को इस बात का पता चला तो राज़ा बहुत चिंतित हो गए और उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि “अब क्या होगा मेरा पुत्री का संकट का निवारण कौन करेगा” तब एक जादूगरनी उसके घर आई और राज़ा से कहा कि मैं तुम्हारा समस्या का समाधान करना चाहता हूं।

राजा ने कहा कि “आप हमारी मदद क्यों करना चाहते हैं, इसके पीछे एक रहस्य है” जादूगरनी ने कहा, “आपकी बेटी कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, वह एक दिव्य शक्ति के साथ पैदा हुई है, केवल आपकी बेटी ही हमारी रक्षा कर सकती है।” राजा ने स्पष्ट रूप से सहमति नहीं दी और कहा कि “मेरी बेटी किसी की रक्षा नहीं करेगी, तुम कृपा करके चले जाओ”

यह सुन जादूगरनी बहुत निराश हो गई और महाराज से कहा “ठीक हैं महाराज, मैं आपको एक जादुई बिस्तर दूंगा यदि आपकी पुत्री उस बिस्तर में सोती हैं तो आपकी पुत्री पर कोई संकट नहीं आएगा” और वह बिस्तर जादूगरनी महाराज को दे देती है और राजकुमारी की परेशानी खत्म हो जाती है. अब राजकुमारी बहुत खुश हुई और अपना जीवन अच्छे से बिताने लगी।

Jaadui Bed कहानी से क्या सीख मिलती हैं

Jaadui Bed से यह सीख मिलती हैं की चाहे कोई भी परेशानी हो, उससे घबराना नहीं हैं बल्कि परेशानी का सामना साहस और धेर्य से करनी चाहिए. इससे आपकी परेशानी का हल निकल सकता हैं.

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निष्कर्ष

बच्चो के लिए Jaadui Bed बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस Jaadui Bed कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.

हमे उम्मीद है की यह Jaadui Bed ki kahani पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Small Moral Stories in Hindi उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.

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FAQs

Q. जादूई बिस्तर कहानी से क्या सीख मिलती हैं?

Ans: Jaadui Bed कहानी से यह सीख मिलती हैं की चाहे कोई भी परेशानी हो, उससे घबराना नहीं हैं बल्कि परेशानी का सामना साहस और धेर्य से करनी चाहिए. इससे आपकी परेशानी का हल निकल सकता हैं.

Q. जादूई बिस्तर महाराज को किसने दिया?

Ans: जादूई बिस्तर महाराज को एक जादूगरनी ने दिया हैं.