Majuli District – इसके Old Name और कुछ Interesting facts

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असम के Majuli District को 2016 में मान्यता मिली। इसके साथ ही बता दे , माजुली जिले को कभी रत्नापुर के नाम से जाना जाता था और शक्तिशाली चुटिया साम्राज्य की राजधानी भी थी।

Majuli District, असम के सबसे खूबसूरत जिलों में से एक है। माजुली जिले में घूमने के लिए कई जगह से लोग आते हैं। क्योंकि यह Island दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी और उत्तर में सुबनसिरी नदी से घिरा एक खूबसूरत जिला है।

जानकारी के लिए बता दें कि माजुली जिला असम का 33वां जिला है। अगर आप इस खूबसूरत जिले के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारी पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ें। ताकि माजुली जिले से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सके। तो देर न करें और जानें माजुली जिले की पूरी कहानी।

Majuli District की पूरी जानकारी

Majuli District को एक नया जिले के रूप मे पहचान मिलने का कारण हमारे असम सरकार मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का बहुत बड़ा योगदान रहा. Majuli District को भूपेन हजारिका के 90वें जन्मदिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा माजुली जिले को जिला घोषित किया गया।

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जानकारी के अनुसार माजुली जिला 16वीं शताब्दी से असमिया सभ्यता की सांस्कृतिक राजधानी रही है। इसके साथ ही बता दे 16वीं शताब्दी के समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव की यात्रा का वर्णन करने वाले लिखित अभिलेखों पर आधारित है।

इसके साथ ही Majuli District से जुड़े और एक महत्वपूर्ण बात मध्ययुगीन नव-वैष्णव आंदोलन के अग्रणी शंकरदेव ने वैष्णववाद नामक हिंदू धर्म के एक एकेश्वरवादी रूप का प्रचार किया और Majuli District पर मठों और आश्रमों की स्थापना की, जिन्हें सत्र के नाम से भी जाना जाता है।

माजुली जिले मे इन क्षत्रपों की स्थापना के साथ ही यह जिला जल्द ही वैष्णववाद का प्रमुख केंद्र बन गया। अंग्रेजों के आने के बाद, 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने तक माजुली अंग्रेजों के शासन में था।

माजुली जिले में हर साल एक बहुत बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस महाउत्सव का नाम अली ऐ लिगंग कहा जाता। इस त्योहार की अर्माब फरवरी के महीने से शुरू होती है। इसके साथ ही आपको बता दें कि पांच दिनों तक इस महाउत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

माजुली जिले में, हर गांव में सर्वशक्तिमान डोनी पोलो (मां सूर्य और पिता चंद्रमा) की पूजा करते हैं और क्रिसमस त्योहार जैसे अन्य त्योहारों को माजुली जिले के लोग जनजाति के बहुसंख्यक ईसाइयों द्वारा मनाया जाता है।

माजुली जिले में मिट्टी के बर्तनों का अधिक प्रयोग होता है। मिट्टी के बर्तनों को पीटा हुआ मिट्टी से बनाया जाता है और Driftwood के भट्टों में उसे अधिक तापमान पर जलाया जाता है। इससे  मिट्टी के बर्तनों को बहुत मजबूत बनाता है। जैसे प्राचीन हड़प्पा सभ्यता के लोग करते थे।

Majuli District Education Sector

माजुली जिले में शिक्षा की गुणवत्ता काफी अच्छी है। माजुली जिले में कुल 6 कॉलेज और एक विश्वविद्यालय है।

  • Majuli University of Culture
  • Majuli College Kamalabari
  • Jengraimukh College, Jengraimukh
  • Ujoi Majuli Kini Kherkotia Mahavidyalaya, Nayabazar
  • Rangachahi College
  • Pub Majuli College, Bongoan
  • Garamur college, Garamur

Majuli District Tourism Sector

माजुली जिले में कुल 12 पर्यटन क्षेत्र देखने को मिलेंगे। किया पर्यटन क्षेत्र का नाम है, इसके बारे में नीचे बताया गया है। यदि आप चाहे तो देख सकते है।

  • The Vaishnava Satras founded by Sankardeva
  • The colourful culture of the tribes
  • Migratory birds
  • The Ali-ai-ligang festival in Feb–March
  • Pottery making
  • Mask making
  • Paal Namm festival in the end of winter
  • Folgu Utsav (Holi)
  • Madhya Majuli
  • Namoni Majuli
  • Ujoni Majuli
  • Homespun masks crafts
  • Porag Utsav
  • Handmade Mekhla Chadar

Majuli District Literary Scenario

माजुली जिले मे असम के Literary Scenario में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साहित्यकार, नव वैष्णव प्रचारक माधवदेव ने अपने गुरु शंकर देव से मुलाकात की है, जो इस जिले में नव वैष्णववाद के संस्थापक थे, जिसे “मणि कंचन संजोग” कहा जाता है।

इसके साथ ही बता दे वैष्णव नेताओं के नक्शेकदम पर चलते हुए सतरा संस्थानों ने नाटकों और भक्ति गीतों के लेखन को प्रोत्साहित किया। दूसरा असमिया अखबार असोम बिलासिनी 1871 में माजुली जिले से प्रकाशित हुआ था, जिसने असमिया कविता में रिक्त छंद को पेश करने में सक्रिय भूमिका निभाई है।

Majuli District की Population कितनी है

माजुली जिला यह असम का एक नया जिला है। इस जिले को बने अभी 2022 के हिसाब से 6 साल ही हुए हैं, जिससे इस जिले की आबादी बहुत कम है। जानकारी के लिए हम आपको बता दे इस जिले मे लगभग 144 गावं है.

माजुली जिले मे कुल चार जाति के लोग रहते है. जिसमें असमिया, आदिवासी, गैर-आदिवासी और अनुसूचित जातियां शामिल हैं। ये सब आपस मे बहुत ही मिल जुल कर रहते है।

इसके साथ ही बता दे माजुली जिले की कुल आवादी 167,304 लोगो की आवादी है।

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Majuli District से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य

  • Majuli District को 2016 में मान्यता मिली।
  • Majuli District को कभी रत्नापुर के नाम से भी जाना जाता था।
  • माजुली जिला असम का 33वां जिला है।
  • Majuli District को एक नया जिले के रूप मे पहचान मिलने का कारण हमारे असम सरकार मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का बहुत बड़ा योगदान रहा।
  • माजुली जिले में मिट्टी के बर्तनों का अधिक प्रयोग होता है।
  • मिट्टी के बर्तनों को पीटा हुआ मिट्टी से बनाया जाता है।

FAQs

Q. माजुली जिले की कुल जनसंख्या कितनी है?

Ans: माजुली जिले की कुल जनसंख्या 1,67 लाख (167,304) है.

Q. माजुली जिले मे कितने जातियो के लोग रहते है और वह कौन कौन से है?

Ans: माजुली जिले मे कुल 4 जाती के लोग रहते है. जिसमे असमिया, आदिवासी, गैर-आदिवासी और अनुसूचित जाति शामिल है.

Q. माजुली जिले मे कुल कितने गांव है?

Ans: माजुली जिले मे कुल 144 गांवों है.

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