Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download – मजेदार कहानियां डाउनलोड करें यहाँ से

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Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download: आज हम आपको बताने जा रहे हैं, 10 बेहद लोकप्रिय कहानियां। इसके साथ ही बता दें कि ये सभी कहानियां न सिर्फ आपका मनोरंजन करेंगी बल्कि आपकी बुद्धि को भी बढ़ाएंगी। इससे आप अपने खुद के यथार्थवादी निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

हमने जो भी कहानियां यहाँ पर लिखा हैं, वे सभी कहानिया बच्चे या बड़े सभी सुन या पढ़ सकते हैं. विशेष रूप से यह सभी Moral Stories For Childrens In Hindi कहानियां बच्चों के लिए तैयार किया गया हैं। क्योंकि आज के बच्चे कहानियां सुनने में बहुत रुचि रखते हैं।

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download
Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download

तो उन्हें इन कहानियों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। हमारा दावा है कि आपको ये सभी कहानियाँ (100+ Hindi Moral Stories) बहुत पसंद आएंगी। तो आइए इन Moral Stories For Childrens In Hindi कहानियों में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इन सभी कहानियों से हमें क्या सीख मिलती है।

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download

हमने नीचे ऐसी ही 10 बेहद मजेदार कहानियों के बारे में बताया है, जो आपको बेहद पसंद आएगी। जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि आप इन सभी कहानियों को पीडीएफ में डाउनलोड (Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download ) कर सकते हैं। इसका लिंक हमने सभी कहानियो के नीचे दिया है।

इसलिए आप इन 10 कहानियो के निचे जा कर Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download कर सकते है. इसके अलावा आप इस पोस्ट में भी इन 10 कहानियो को पढ़ सकते.

1# स्कूल में स्वामी विवेकानंद | Moral Stories For Childrens In Hindi

एक बार की बात है, एक बार स्कूल टिफिन के दौरान नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद) अपने दोस्तों के साथ बात कर रहे थे। और हर कोई उन्हें इतनी ध्यान से सुन रहा था। कि उन्हें पता नहीं था, उनके आसपास क्या हो रहा है। फिर टिफिन समाप्त हो गया और शिक्षक कक्षा में प्रवेश करके पढ़ाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद शिक्षक ने कुछ आवाज सुनी.

और देखा कि कुछ छात्रों पीछे बैठे बातें कर रहे थे। शिक्षक इससे नाराज हो गए और उन्होंने छात्रों से पूछना शुरू किया कि वह कक्षा में क्या पढ़ा रहे हैं। लेकिन कक्षा में कोई भी उनका उत्तर नहीं दे पाया। फिर जब शिक्षक नरेंद्र से सवाल किया, तब नरेंद्र ने प्रत्येक प्रश्न का सही जवाब दिया। और फिर शिक्षक ने इस बारे में पूछताछ की,

कि कौन एक छात्रों था जो दूसरों से बातें कर रहा था। कक्षा में सभी छात्र नरेंद्र की ओर इशारा किया लेकिन शिक्षक ने यह मानने से इनकार कर दिया। क्योंकि वह केवल एक ही था, जिसने सभी प्रश्नों का सही ढंग से उत्तर दिया था। शिक्षक को लगा कि सभी झूठ बोल रहे हैं, इसीलिए उन्होंने पूरे कक्षा को दंडित किया।

सिर्फ नरेंद्र को छोड़कर, बाकी सभी को सजा के रूप में बेंच पर खड़े रहने के लिए कहा गया। फिर नरेंद्र अपने दोस्तों के साथ गया, और अन्य छात्रों के साथ बेंच पर खड़ा हो गया। शिक्षक ने उसे नीचे आने के लिए कहा। लेकिन नरेंद्र ने कहा, “नहीं सर मुझे भी खड़ा रहना चाहिए क्योंकि मैं वही था जो उनसे बात कर रहा था।”

Moral Stories For Childrens In Hindi, नैतिक शिक्षा : हमें कक्षा में हमेशा अपनी ध्यान पढ़ाई में देना चाहिए।

2# लाभदायक लेनदेन | Hindi Stories

गुरु नानक जी के पिता जानते थे कि नानक जी लोगों से संवाद करना पसंद करते है। इसीलिए उन्होंने फैसला किया, उनके बेटे नानक जी को पैसा कमाना सीखाना होगा। इसलिए एक दिन गुरु नानक के पिता नानक के भाई बाला को 20 रुपए दिए और कहां, “नानक के साथ बाजार में जाओ इन पैसों से कुछ खरीदो और उन्हें लाभदायक दर पर बेचो।”

इसीलिए नानक उसकी भाई बाला के साथ कुछ सामान खरीदने के लिए बाजार में गए। जब वे अपने गाँव से दस मील दूर थे, तब उनका सामना हर्मिट्स का एक समूह से होता है। जो एक पेड़ के नीचे बैठे थे। उन्हें देखकर नानक जी ने भाई बाला को कहा, “पिता ने हमें कुछ लाभदायक लेनदेन करने के लिए कहा,

और इन हर्मिट्स को खिलाने से ज्यादा लाभदायक कुछ नहीं हो सकता। मैं सच्चा लाभदायक लेनदेन करने के लिए, इस तरह के शानदार अवसर को छोड़कर आगे नहीं बढ़ सकता।” फिर नानक जी भाई बाला से सारे पैसे ले लिए और उन्हें पैसे देते हुए कहा, “मैं यह पैसा आपकी सेवा में दे रहा हूं।” उस हर्मिट् समूह के मुखिया ने जवाब दिया,

बेटा, यह धन हमारे लिए किसी काम का नहीं है। क्योंकि हम किसी गांव या शहरों में नहीं जाते हैं, हम हमेशा यहां जंगल में रहते हैं। यदि आप हमें भोजन देते हैं, तो हम इसे स्वीकार करेंगे। तब नानक जी और भाई बाला ने बाजार में जाकर भोजन और कपड़े खरीदा। नानक जी ने उन सभी हर्मिट्स के समूह को खाने पेशकश की और खली हाथ घर लौट गए।

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3# लोमड़ी की चालाकी | Moral Stories For Childrens In Hindi

एक दिन एक लोमड़ी अचानक एक कुएँ में गिर गई। कुएँ में गिरकर वह चिल्लाने लगी,”बचाओ-बचाओ, कोई मुझे बचाओ।” उधर से गुजर रही एक बकरी कुएँ से पानी पीने के लिए रुकी। कुएँ के पास आकर जब उसने झाँककर देखा तो कुएँ के अंदर लोमड़ी को देखकर पूछा, “बहन! तुम यहाँ क्या कर रही हो?” लोमड़ी चालाक थी। बड़े मीठे स्वर में बोली, इस कुएँ का पानी बहुत मीठा है।

मैं हमेशा यही पानी पीती हूँ। मैं आज इसमें इसलिए आई हूँ, कि ज्यादा पानी पी सकूँ। तुम भी अंदर आ जाओ और जी भर कर पानी पियो। यह सुनते ही बकरी कुएँ में कूद पड़ी। उसकी पीठ पर चढ़कर लोमड़ी कुएँ से बाहर आ गई। बाहर आकर उसने हँसते हुए बकरी से कहा, “कुछ भी करने से पहले उसका परिणाम जरूर जान लो।” 

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4# आलसी गधा | Hindi Story Writing

एक व्यापारी के पास एक गधा था। वह गधे पर बाजार से माल ढोकर लाता था। एक दिन व्यापारी ने नमक के बड़े-बड़े बोरे गधे की पीठ पर लादे। इतने भारी बोझ से गधे का दम निकला जा रहा था।

अचानक रास्ते में नदी के किनारे उसका पैर फिसला और वह नदी में जा गिरा। किसी तरह संभलकर वह उठा तो हैरान था, क्योंकि उसकी पीठ पर लदा भार अचानक हल्का हो गया था। दरअसल, नमक पानी में घुल गया था। अगले दिन फिर व्यापारी ने गधे की पीठ पर नमक के भारी बोरे लादे। गधा जब नदी पर पहुँचा तो जान-बूझकर फिसलकर पानी में जा गिरा।

उसकी पीठ का भार फिर कम हो गया। गधे के मालिक ने देख लिया था कि आज गधा जान बूझकर फिसला है, इसलिए उसने गधे को सबक सिखाने की सोची। अगले दिन उसने गधे की पीठ पर रूई के बोरे लादे। नदी पर आकर गधा जैसे ही फिसलकर नदी में गया तो रूई ने पानी सोख लिया और भारी हो गई। गधे को अब अपने ऊपर पछतावा हो रहा था। 

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5# गधे का भाग्य | Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download

काफी समय पहले की बात है। एक माली के पास एक गधा था। माली गधे पर फूल लादकर शहर ले जाता था। एक दिन गधे ने सोचा, ‘यह माली मुझसे बहुत मेहनत कराता है। क्यों न मैं विधाता के पास जाकर अपने लिए किसी नए मालिक की मांग करूँ!’ यह सोचकर वह विधाता के पास पहुँच गया और उनसे बोला, “माली सारा दिन मुझसे बहुत मेहनत कराता है।

मैं उसके साथ खुश नहीं हूँ। कृपा करके आप मुझे कोई और मालिक दे दीजिए।’ विधाता ने उसे एक कुम्हार के पास भेज दिया। यहाँ उसकी हालत और भी खराब थी। कुम्हार सारा दिन उस पर ढेर सारे बर्तन रखकर बेचने जाता। थोड़े दिनों बाद गधा फिर विधाता के पास गया और बोला, “मुझे कोई और मालिक दे दीजिए।”

विधाता को गधे पर बहुत गुस्सा आया। उन्होंने उसे एक कसाई के हाथ बिकवा दिया। उसे देखते ही कसाई बोला, “इस गधे की खाल से तो अच्छा चमड़ा बनेगा।” यह सुनकर गधा अपनी मूर्खता पर आँसू बहाने लगा। 

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6# कुएँ के मेंढक | Moral Stories For Childrens

एक बार भीषण गर्मी पड़ी। महीनों तक वर्षा नहीं हुई। बारिश न होने से सभी नदी-नाले, तालाब आदि सूख गए। पानी में रहने वाले जीव-जन्तु पानी की तलाश में जहाँ-तहाँ मारे-मारे भटकने लगे। पानी की खोज में बेहाल दो मेंढक एक कुएँ के पास आए।

आगे चलने वाले मेंढक ने दूसरे मेंढक से हैरानी से पूछा, “देखो! यह कैसा गड्ढा है?” दूसरे मेंढक ने पास आकर देखा तो खुशी से बोला, “अरे ! यह तो कुआँ है। देखो, इसके अंदर कितना पानी है। चलो, इसके अंदर चलते हैं।” दूसरा मेंढक थोड़ा समझदार था। वह बोला, “मित्र! पानी के लालच में जल्दबाजी न करो।

जरा सोचो कि हम लोग कुएँ में चले तो जाएंगे पर बाहर कैसे निकलेंगे। हमें हमेशा कुएँ में ही रहना पड़ेगा।” पहले मेंढक को दूसरे मेंढक की बात सही लगी। इसलिए उसने कुएँ में कूदने का विचार छोड़ दिया और दोनों वहाँ से चल पड़े।

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7# चालाक गधा | Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Download

एक दिन एक किसान का गधा कुएँ में गिर गया। वह गधा घंटों जोर-जोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं । अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि गधा काफी बूढ़ा हो चूका था, अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिए।

किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया। सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही गधे कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है, वह और जोर-जोर से चीख-चीख कर रोने लगा और फिर अचानक वह आश्वर्यजनक रुप से शांत हो गया। सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे।

तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्र्य से सन्न रह गया। अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह गधा एक आश्वर्यजनक हरकत कर रहा था। वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था।

जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसि उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते। वैसे-वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और ऊपर चढ़ आता। जल्दी ही सबको आश्वर्यचकित करते हुए वह गधा कुएँ के किनारे पर पहुँच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया।

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download, नैतिक शिक्षा : साहस के साथ हिल-हिल कर हर तरह कि गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख लेकर, उसे सीढ़ी बनाकर अपने कदमों को आगे बढ़ाते रहना चाहिए।

8# असली माँ | Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download

एक बार दो स्त्रियाँ एक बच्चे के लिए झगड़ रही थी। प्रत्येक स्त्री यह दावा कर रही थी कि वही उस बच्चे की असली माँ है। जब किसी तरह झगड़ा नहीं सुलझा तो लोगों ने उन दोनों को न्यायधीश के सामने पेश किया। न्यायधीश ने ध्यानपूर्वक दोनों की दलीलें सुनीं।

न्यायधीश के लिए भी यह निर्णय करना मुश्किल हो गया कि बच्चे की असली माँ कौन थी। न्यायधीश ने बहुत सोच-विचार किया। आखिरकार उसे एक उपाय सूझा। उसने अपने कर्मचारी को आदेश दिया, “इस बच्चे के दो टुकड़े कर दो और एक-एक टुकड़ा दोनों स्त्रियों को दे दो।” न्यायधीश का आदेश सुनकर उनमें से एक स्त्री ने धाड़ मारकर रोते हुए कहा, “नहीं, नहीं!

ऐसा जुल्म मत करो। दया करो सरकार। भले ही यह बच्चा इसी स्त्री को दे दो, लेकिन मेरे लाल को जिंदा रहने दो! मैं बच्चे पर अपना दोवा छोड़ देती हूँ। पर दूसरी स्त्री कुछ नहीं बोली। वह चुपचाप यह सब देखती रही। अब चतुर न्यायधीश को मालूम हो गया था कि बच्चे की असली माँ कौन है। उसने बच्चा उस स्त्री को सौप दिया, जो उस पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार थी। उसने दूसरी स्त्री को जेल भेज दिया।

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download, नैतिक शिक्षा : सच्चाई की सदा विजय होती है।

9# खरगोश और उसके मित्रMoral Stories For Childrens

एक बार की बात है, एक जंगल में एक बहुत ही प्यारा खरगोश था। उसके कई दोस्त थे। वह हमेशा अपने दोस्तों से मिलता था और उनके साथ बाते भी करता था। कभी-कभी वह उनकी मदद भी करता। लेकिन एक दिन खरगोश खुद मुसीबत में पड़ गया। कुछ शिकारी कुत्तों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया।

यह देख खरगोश तुरंत अपनी जान बचाने के लिए भागने लगा। भागते-भागते खरगोश का दम फूलने लगा। वह थककर चूर हो गया। मौका देखकर वह एक घर्नी झाड़ी में घुस गया और वहीं छिपकर बैठ गया।

लेकिन उसे डर था कि कहीं भी कुत्ते वहां आकर उसे सूंघ कर ढूंढ न लें। वह समझ गया कि यदि उसका कोई मित्र समय पर नहीं पहुंच पाया तो उसकी मृत्यु निश्चित है। तभी उसकी नजर अपने दोस्त घोड़े पर पड़ी। वह सड़क पर तेजी से दौड़ रहा था। खरगोश ने घोड़े को पुकारा तो घोड़ा रुक गया।

उसने घोड़े से प्रार्थना की, “घोड़ा भाई, कुछ शिकार करने वाले कुत्ते मेरे पीछे पड़े हैं। कृपया मुझे अपनी पीठ पर बिठाएं और मुझे कहीं दूर ले जाएं। नहीं तो ये शिकार करने वाले कुत्ते मुझे मार डालेंगे। घोड़े ने कहा, “प्रिय भाई! मैं आपकी मदद करता, लेकिन इस समय मैं जल्दी में हूं।

वह देखों तुम्हारा मित्र बैल इधर ही आ रहा है। तुम उससे कहो। वह जरुर तुम्हारी मदद करेगा।” यह कहकर घोड़ा तेजी से दौड़ता हुआ चला गया। खरगोश ने बैल से प्रार्थना की, “बैल दादा, कुछ शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं।

कृपया आप मुझे अपनी पीठ पर बिठा ले और कहीं दूर ले चले। नहीं तो कुत्ते मुझे मार डालेंगें।” बैल ने जवाब दिया, “भाई खरगोश! मैं तुम्हारी मदद जरुर करता। पर इस समय मेरे कुछ दोस्त बड़ी बेचैनी से मेरा इंतजार कर रहे होंगे। इसलिए मुझे वहाँ जल्दी पहुँचना है। देखो, तुम्हारा मित्र बकरा इधर ही आ रहा है। उससे कहो, वह जरुर तुम्हारी मदद करेगा। यह कहकर बैल भी चला गया।”

खरगोश ने बकरे से विनती की, “बकरे चाचा, कुछ शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं। तुम मुझें अपनी पीठ पर बिठाकर कहीं दूर ले चलो, तो मेरे प्राण बच जाएँगे। वरना वे मुझे मार डालेंगे। बकरे ने कहा, “बेटा, मैं तुम्हें अपनी पीठ पर दूर तो ले जाऊँ, पर मेरी पीठ खुरदरी है। उस पर बैठने से तुम्हारे कोमल शरीर को बहुत तकलीफ होगी। मगर चिंता न करो। देखो, तुम्हारी दोस्त भेड़ इथर ही आ रही है। उससे कहोगे तो वह जरुर तुम्हारी मदद करेगी।”

यह कहकर बकरा भी चलता बना। खरगोश ने भेड़ से भी मदद की याचना की, पर उसने भी खरगोश से बहाना करके अपना पिछा छुड़ा लिया। इस तरह खरगोश के अनेक पुराने मित्र वहाँ से गुजरे। खरगोश ने सभी से मदद करने की प्रार्थना की, पर किसी ने उसकी मदद नहीं की। सभी कोई न कोई बहाना कर चलते बने। खरगोश के सभी मित्रो ने उसे उसके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया।

खरगोश ने मन ही मन कहा, अच्छे दिनों में मेरे अनेक मित्र थे। पर आज संकट के समय कोई मित्र काम नहीं आया। मेरे सभी मित्र केवल अच्छे दिन के ही साथी थे। थोड़ी देर में शिकारी कुत्ते आ पहुँचे। उन्होंने बेचारे खरगोश को मार डाला। अफसोस की बात है कि इतने सारे मित्र होते हुए भी खरगोश बेमौत मारा गया।

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download, नैतिक शिक्षा : इस कहानी से पता चलता है कि स्वार्थी मित्र पर विश्वास करने से विनाश होता है। तो बच्चो दोस्त उसे ही बनाओ जो बुरे वक्त में आपकी मदद करे।

10# राम और उसका बगीचा | Moral Stories In Hindi

एक बार की बात है, रामपुर नाम का एक गाँव था, उस गाँव में एक किसान रहता था जिसके पास एक बड़ा बगीचा था,उन्होंने कई फलों के पेड़ लगाए थे और उसकी देखभाल करते थे। वह फल बेच के अपनी परिवार के लिए पैसा कमाना चाहता था, फिर एक दिन वह अपने बेटे के साथ फल लेने के दौरान बगीचे में गया।

उसने एक अजनबी आदमी को पेड़ की शाखा पर बैठकर फल खाते हुए देखा, वह बहुत गुस्सा हो गया और चिल्लाया “अरे तुम मेरी पेड़ में क्या कर रहे हो” शाखा पर बैठे अजनबी ने माली को देखा, लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया और फल खाता रहा, माली बहुत गुस्से में था और फिर से चिल्लाया।

“पूरे साल मैंने इन पेड़ों की देखभाल की है, आपको मेरी अनुमति के बिना फल लेने का कोई अधिकार नहीं है, इसीलिए एक बार में नीचे आ जाओ!” पेड़ पर अजनबी ने आवाज दिया, यह भगवान का बगीचा है और मैं भगवान का सेवक हूं। आपको भगवान और उसके सेवक के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

माली इस जवाब पर बहुत हैरान हुआ, और एक योजना के बारे में सोचा। उसने अजनबी को पेड़ से बांध दिया और उसकी पिटाई करने लगा, अजनबी चीखने लगा। फिर अजनबी हिचकिचाया और कहा “रुको, मुझे मत मारो, मुझे फल लेने से पहले तुम्हारी अनुमति लेना चाहिए था, इसलिए माफ कर दो और मुझे आजाद कर द।” तब माली ने उसे आज़ाद कर दिया।

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download, नैतिक शिक्षा : भगवान के नाम पर कुछ गलत काम नहीं करना चाहिए। इससे भुगतना हमें ही पड़ता है.

Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download कैसे करें

आइए हम आपको बताते हैं कि इन सभी कहानियों को पीडीएफ में कैसे डाउनलोड करें। जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अगर आप हमारी इस पोस्ट से इन कहानियों को डाउनलोड करते हैं, तो आप इन्हें बिल्कुल मुफ्त में डाउनलोड कर पाएंगे।

डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक के ऊपर क्लिक करे और कहानियो को अपने स्मार्ट फ़ोन में बहुत ही आसानी से डाउनलोड करे (Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download).

FAQs

Q. क्या इन कहानियों को पीडीऍफ़ में डाउनलोड कर सकते हैं?

Ans: जी हां, आप इन सभी कहानियों को बिना कोई पैसा दिए मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।

Q. ये सारी कहानियाँ किस लिए तैयार की गई हैं?

Ans: ये सभी कहानियाँ विशेष रूप से आपके मनोरंजन और शिक्षा के लिए तैयार की गई हैं।

निष्कर्ष

बच्चो के लिए Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download करके सुनना बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस Moral Stories For Childrens In Hindi Pdf Free Download करके कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.

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