Moral Stories In Hindi For Class 5 | Hindi Story For Class 5 | Top 10 Best Moral Story

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Moral Stories In Hindi For Class 5: आज की इस पोस्ट में हम आपको 10 बेहद मजेदार किस्से बताने जा रहे हैं। जीसे पढ़ने या सुनने के बाद आपको काफी मजा आने वाला है. इसके साथ ही बता दें कि Moral Stories In Hindi For Class 5 की सभी कहानियां छोटे बच्चों के लिए खास तौर पर तैयार की गई हैं।

Moral Stories In Hindi For Class 5
Moral Stories In Hindi For Class 5

ताकि सभी बच्चों को Moral Stories In Hindi For Class 5 की कहानियों से कुछ नया सीखने को मिल सके, अगर आपके घर में कोई बच्चा है तो Moral Stories In Hindi For Class 5 की सभी कहानियों को एक बार जरूर सुनाएं।

इससे बच्चों का खूब मनोरंजन होगा और इन कहानियो के सीख से वे समझदार बच्चे बन सकते हैं। हमें उम्मीद है कि Moral Stories In Hindi For Class 5 की सभी कहानियां, आपके बच्चों को कुछ अच्छा सीखने में मदद कर सकता है। तो चलिए बिना देर किए कहानी में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि Moral Stories In Hindi For Class 5 की कहानी कितनी मजेदार हो सकती है।

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1 Moral Stories In Hindi For Class 5 | Hindi Story For Class 5 | Hindi Story For 5th Class

Moral Stories In Hindi For Class 5 | Hindi Story For Class 5 | Hindi Story For 5th Class

1# खरगोश और उसके मित्र – Hindi Story Class 5

Moral Stories In Hindi For Class 5: एक बार की बात है, एक जंगल में एक बहुत ही प्यारा खरगोश था। उसके कई दोस्त थे। वह हमेशा अपने दोस्तों से मिलता था और उनके साथ बाते भी करता था। कभी-कभी वह उनकी मदद भी करता। लेकिन एक दिन खरगोश खुद मुसीबत में पड़ गया। कुछ शिकारी कुत्तों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया।

यह देख खरगोश तुरंत अपनी जान बचाने के लिए भागने लगा। भागते-भागते खरगोश का दम फूलने लगा। वह थककर चूर हो गया। मौका देखकर वह एक घर्नी झाड़ी में घुस गया और वहीं छिपकर बैठ गया।

लेकिन उसे डर था कि कहीं भी कुत्ते वहां आकर उसे सूंघ कर ढूंढ न लें। वह समझ गया कि यदि उसका कोई मित्र समय पर नहीं पहुंच पाया तो उसकी मृत्यु निश्चित है। तभी उसकी नजर अपने दोस्त घोड़े पर पड़ी। वह सड़क पर तेजी से दौड़ रहा था। खरगोश ने घोड़े को पुकारा तो घोड़ा रुक गया।

उसने घोड़े से प्रार्थना की, “घोड़ा भाई, कुछ शिकार करने वाले कुत्ते मेरे पीछे पड़े हैं। कृपया मुझे अपनी पीठ पर बिठाएं और मुझे कहीं दूर ले जाएं। नहीं तो ये शिकार करने वाले कुत्ते मुझे मार डालेंगे। घोड़े ने कहा, “प्रिय भाई! मैं आपकी मदद करता, लेकिन इस समय मैं जल्दी में हूं।

वह देखों तुम्हारा मित्र बैल इधर ही आ रहा है। तुम उससे कहो। वह जरुर तुम्हारी मदद करेगा।” यह कहकर घोड़ा तेजी से दौड़ता हुआ चला गया। खरगोश ने बैल से प्रार्थना की, “बैल दादा, कुछ शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं।

कृपया आप मुझे अपनी पीठ पर बिठा ले और कहीं दूर ले चले। नहीं तो कुत्ते मुझे मार डालेंगें।” बैल ने जवाब दिया, “भाई खरगोश! मैं तुम्हारी मदद जरुर करता। पर इस समय मेरे कुछ दोस्त बड़ी बेचैनी से मेरा इंतजार कर रहे होंगे। इसलिए मुझे वहाँ जल्दी पहुँचना है। देखो, तुम्हारा मित्र बकरा इधर ही आ रहा है। उससे कहो, वह जरुर तुम्हारी मदद करेगा। यह कहकर बैल भी चला गया।”

खरगोश ने बकरे से विनती की, “बकरे चाचा, कुछ शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं। तुम मुझें अपनी पीठ पर बिठाकर कहीं दूर ले चलो, तो मेरे प्राण बच जाएँगे। वरना वे मुझे मार डालेंगे। बकरे ने कहा, “बेटा, मैं तुम्हें अपनी पीठ पर दूर तो ले जाऊँ, पर मेरी पीठ खुरदरी है। उस पर बैठने से तुम्हारे कोमल शरीर को बहुत तकलीफ होगी। मगर चिंता न करो। देखो, तुम्हारी दोस्त भेड़ इथर ही आ रही है। उससे कहोगे तो वह जरुर तुम्हारी मदद करेगी।”

यह कहकर बकरा भी चलता बना। खरगोश ने भेड़ से भी मदद की याचना की, पर उसने भी खरगोश से बहाना करके अपना पिछा छुड़ा लिया। इस तरह खरगोश के अनेक पुराने मित्र वहाँ से गुजरे। खरगोश ने सभी से मदद करने की प्रार्थना की, पर किसी ने उसकी मदद नहीं की। सभी कोई न कोई बहाना कर चलते बने। खरगोश के सभी मित्रो ने उसे उसके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया।

खरगोश ने मन ही मन कहा, अच्छे दिनों में मेरे अनेक मित्र थे। पर आज संकट के समय कोई मित्र काम नहीं आया। मेरे सभी मित्र केवल अच्छे दिन के ही साथी थे। थोड़ी देर में शिकारी कुत्ते आ पहुँचे। उन्होंने बेचारे खरगोश को मार डाला। अफसोस की बात है कि इतने सारे मित्र होते हुए भी खरगोश बेमौत मारा गया।

Hindi Story For Class 5, नैतिक शिक्षा : इस कहानी से पता चलता है कि स्वार्थी मित्र पर विश्वास करने से विनाश होता है। तो बच्चो दोस्त उसे ही बनाओ जो बुरे वक्त में आपकी मदद करे।

खरगोश और उसके मित्र विडियो Hindi Story For Class 5 | Moral Stories In Hindi For Class 5 | Moral Stories In Hindi For Class 5

2# राम और उसका बगीचा | Short Story In Hindi For Class 5 | Moral Stories In Hindi For Class 5

Moral Stories In Hindi For Class 5: एक बार की बात है, रामपुर नाम का एक गाँव था, उस गाँव में एक किसान रहता था जिसके पास एक बड़ा बगीचा था,उन्होंने कई फलों के पेड़ लगाए थे और उसकी देखभाल करते थे। वह फल बेच के अपनी परिवार के लिए पैसा कमाना चाहता था, फिर एक दिन वह अपने बेटे के साथ फल लेने के दौरान बगीचे में गया।

उसने एक अजनबी आदमी को पेड़ की शाखा पर बैठकर फल खाते हुए देखा, वह बहुत गुस्सा हो गया और चिल्लाया “अरे तुम मेरी पेड़ में क्या कर रहे हो” शाखा पर बैठे अजनबी ने माली को देखा, लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया और फल खाता रहा, माली बहुत गुस्से में था और फिर से चिल्लाया।

“पूरे साल मैंने इन पेड़ों की देखभाल की है, आपको मेरी अनुमति के बिना फल लेने का कोई अधिकार नहीं है, इसीलिए एक बार में नीचे आ जाओ!” पेड़ पर अजनबी ने आवाज दिया, यह भगवान का बगीचा है और मैं भगवान का सेवक हूं। आपको भगवान और उसके सेवक के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

माली इस जवाब पर बहुत हैरान हुआ, और एक योजना के बारे में सोचा। उसने अजनबी को पेड़ से बांध दिया और उसकी पिटाई करने लगा, अजनबी चीखने लगा। फिर अजनबी हिचकिचाया और कहा “रुको, मुझे मत मारो, मुझे फल लेने से पहले तुम्हारी अनुमति लेना चाहिए था, इसलिए माफ कर दो और मुझे आजाद कर द।” तब माली ने उसे आजाद कर दिया।

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3# डरपोक घोड़ा | Short Story For Class 5 In Hindi

Moral Stories In Hindi For Class 5: एक बार एक घोड़ा एक आदमी के पास आया और कहने लगा, भाई, मेरी मदद करो। जंगल में एक बाघ आ गया है। वह मुझे मार डालना चाहता है। आदमी ने कहा, “अरे मित्र चिंता मत करो!

वह बाघ तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बाघ से मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा। घोड़े ने कहा, मैं आपका बहुत अभारी रहूँगा। आदमी ने कहा, “पर तुम्हें एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा। मैं जैसा कहूँ तुम्हे वैसा ही करना होगा।” घोड़े ने कहा, “मुझे क्या करना होगा।”

आदमी ने कहा, “तुम्हें अपनी पीठ पर काठी और मुँह में लगाम डालने की अनुमति देनी होगी।” घोड़े ने कहा, “तुम जो चाहो, सो करो। पर कृपा करके मुझे उस बाघ से बचाओ।” आदमी ने घोड़े की पीठ पर काठी कसी। उसने उसके मुँह में लगाम लगाई। इसके बाद वह घोड़े पर स्वार हुआ दौड़ाते हुए उसे अस्तबल में ले आया। आदमी ने घोड़े को बाँधते हुए कहा, “अब तुम इस अस्तबल में एकदम सुरक्षित हो।

जब मैं तुम्हे बाहर ले जाऊगाँ, तब मैं तुम्हारी पीठ पर सवार रहूँगा। मैं तुम्हारे साथ रहूगाँ। बाघ तुम्हारा कुछ नही बिगाड़ सकेगा। इसके बाद आदमी ने अस्तबल का दरवाजा बंद किया और चला गया। अब घोड़ा अस्तबल में कैद हो गया। उसने मन ही मन सोचा मैं यहाँ सुरक्षित जरूर हूँ, पर स्वतंत्र नही। मैंने सुरक्षा प्राप्त की पर अपनी आजादी गवाँ दी। यह तो बहुत बुरा सौदा हुआ। पर अब मैं मजबूर हूँ।

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डरपोक घोड़ा विडियो – Short Story For Class 5 In Hindi | Moral Stories In Hindi For Class 5

4# तैरने की चाहत| Short Story In Hindi For Class 5

बसंत का सुहाना मौसम था। सर्दी की ऋतु बीत चुकी थी और गर्मियाँ अभी शुरू नहीं हुई थीं। एक बच्चा नदी किनारे टहल रहा था कि अचानक उसका तैरने का मन हुआ। उसने कपड़े उतारकर किनारे पर रखे और नदी में कूद गया।

पानी में उतरते ही उसे महसूस हुआ कि पानी बहुत ठंडा है। यदि इसमें कुछ देर और रहा तो ठंड लग जाएगी। इसलिए उसने जल्दी से बाहर निकलना चाहा, लेकिन नदी उस समय अपने उफान पर थी और उसे अपने साथ बहाए लिए जा रही थी। लड़के ने बाहर निकलने की बहुत कोशिश की पर निकल नहीं पा रहा था। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, ”बचाओ, बचाओ !

मैं डूब रहा हूँ।” नदी के पास से एक व्यक्ति गुजर रहा था। वह बोला, “मूर्ख बालक! तुम्हें समझ होनी चाहिए कि यह तैराकी का मौसम नहीं है। यदि तुम्हारे माता-पिता तुम्हें ऐसे तैरता हुआ देखते तो कितना नाराज होते, इसका तुम्हें अंदाजा भी नहीं है।” बच्चा बोला,”अंकल! पहले मुझे बाहर निकालो, फिर ऐसी गलती नहीं करुंगा।” 

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5# नासमझी का नतीजा | For Class 5th Moral Stories In Hindi

एक बार एक जंगल में कुछ शिकारी शिकार करने के लिए आए। वे दिन भर एक हिरण का पीछा करते रहे पर हिरण उनके हाथ नहीं आया। भागते-भागते जब वह कहीं ओझल हो गया तो शिकारी थक-हार कर एक पेड़ के नीचे बैठ गए।

हिरण भी उस पेड़ से थोड़ी-सी दूर घनी झाड़ियों में छिपा हुआ था। सुबह से भागते-भागते उसे भूख लग गई थी, इसलिए जब उसने झाड़ियों के नर्म मुलायम पत्तों को देखा तो उन्हें ही खाने लगा।

शिकारियों ने झाड़ियों में हलचल होती सुनी वे सावधान होकर उधर देखने लगे। उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि हिरण झाड़ियों के पीछे छिपा हुआ है। एक शिकारी ने तुरंत धनुष उठाया और हिरण को निशाना बनाकर बाण छोड़ा।

तीर से हिरण बुरी तरह घायल होकर गिर गया और सोचने लगा, ”अपनी मौत के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ। मैं लालच में आकर उन्हीं झाड़ियों को खाने लगा था, जिन्होंने मुझे छिपाकर मेरी जान बचाई थी।”

 Moral Stories In Hindi For Class 5th, नैतिक शिक्षा : हमें हर काम सोच-समझकर करना चाहिए और जो हमारी रक्षा करते है हमें उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए.

6# झूठ की सजा | In Hindi Moral Stories For Class 5th

एक बार एक आदमी अपने पालतू बंदर के साथ समुद्री जहाज़ में यात्रा कर रहा था। अचानक तूफान आ जाने के कारण जहाज़ पलटने लगा। सभी लोगों के साथ-साथ वह बंदर भी पानी में कूद गया।

एक डॉलफिन ने उस बंदर को मनुष्य समझकर बचा लिया। डॉलफिन उसे अपनी पीठ पर बैठाकर किनारे की ओर लेकर जा रही थी। ग्रीस देश की सीमा पार करते ही डॉलफिन ने बंदर से पूछा, “क्या तुम एथेंस के रहने वाले हो?”

बंदर ने झूठ बोल दिया, “हाँ।” डॉलफिन ने पूछा, “क्या तुम्हें पिराकस पता है?” बंदर बोला, “हाँ, वह मेरा अच्छा मित्र है।” बंदर ने सोचा कि वह एक व्यक्ति का नाम है जबकि पिराकस एक बंदरगाह है। डॉलफिन यह सुन समझ गई कि बंदर झूठ बल रहा है। उसने पानी में डूबकी लगाई और बंदर पानी में डूबकर मर गया। 

For Class 5th Moral Stories In Hindi, नैतिक शिक्षा : झूठ से केवल क्षणिक लाभ हो सकता है; इससे कई बार भारी नुकसान होता है।

झूठ की सजा विडियो – In Hindi Moral Stories For Class 5th

7# ग्रामीण चूहा और शहरी चूहा | Moral Stories In Hindi For Class 5th.

एक बार की बात है। एक गाँव में रहने वाले चूहे की दोस्ती शहर के एक चूहे से हो गई। एक दिन ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे को खाने पर बुलाया। उसने उसे जौ और मकई के दाने परोसे जो वह खेतों से लाया था।

जब वे दोनों शहर आए तो शहरी चूहे ने अपने दोस्त के सामने शहद, फल, पनीर और बिस्किट रखे। जैसे ही उन्होंने खाना शुरू किया वैसे ही एक आदमी ने दरवाजा खोला और दोनों चूहे डर के मारे अपने बिल में भागकर छुप गए।         

बहुत इंतजार के बाद जब उन्होंने दोबारा खाना शुरू किया तो अचानक एक औरत ने प्रवेश किया और कुछ ढूँढना शुरू कर दिया। दोनों चूहे फिर से भागे और छिप गए। ग्रामीण चूहा परेशान होकर बोला,

“मैं अपने गाँव का सीधा-साधा खाना खाकर ही खुश हूँ। कम से कम वहाँ तुम्हारी तरह हर पल एक खतरा नहीं उठाना पड़ता। मैं जौ और मकई खाकर ही सन्तुष्ट हूँ। लेकिन तुम इतना अच्छा खाना खाकर भी संतुष्ट नहीं हो क्योंकि इस खाने के लिए तुम हर रोज़ डर और खतरों का सामना करते हो।”

New Moral Stories In Hindi For Class 5th नैतिक शिक्षा : स्वतंत्रता और निर्भयता खुशी की आवश्यक शर्तें हैं।

ग्रामीण चूहा और शहरी चूहा विडियो – Moral Stories In Hindi For Class 5th.

8# बिल्ली व बुलबुल | For Class 5th Hindi Moral Stories

एक छोटे से गाँव में एक बेकर (केक बनाने वाला) रहता था उसके पास एक पालतू बिल्ली थी। वह उस बिल्ली को बहुत प्यार करता था। लेकिन जब वह म्याऊँ-म्याऊँ की आवाज करती थी तो वह उसे मारकर दरवाजे से बाहर निकाल देता था। एक बार उसने एक बुलबुल खरीदी। वह बड़ी आजादी से पूरे घर में गाना गाती हुई घूम रही थी।

तभी बिल्ली ने उससे पूछा, “तुम कहाँ से आई हो?’ बुलबुल ने उत्तर दिया, “गांव के मेले से।” बिल्ली चिल्लाकर बोली, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई शोर मचाने की? इसी घर में जन्म लेने के बावजूद मालिक ने मुझे कभी गाने नहीं दिया।

मैं अगर गाती हूँ तो वे मुझे सजा देते हैं।” बुलबुल ने व्यंग्यपूर्ण स्वर में कहा, “एक बिल्ली और एक बुलबुल में कोई मुकाबला नहीं है। मेरी आवाज़ मधुर है और तुम्हारी आवाज दूसरों को परेशान करने वाली है। इसलिए तुम मेरे साथ मत लड़ो।” बिल्ली ने खिसियाकर अपनी पूँछ हिलाई और चली गई।

Short Story In Hindi For Class 5, नैतिक शिक्षा : दूसरों को कभी नीचा नहीं दिखाना चाहिए।

बिल्ली व बुलबुल विडियो – For Class 5th Hindi Moral Stories

9# ईमानदार लकड़हारा | Hindi Story For Class 5

रामू एक ईमानदार लकड़हारा था। एक दिन पेड़ की एक शाखा काटते काटते उसकी कुल्हाड़ी अचानक नदी में गिर गई। नदी के किनारे खड़ा होकर वह फूट-फूटकर रोने लगा।

जल्दी ही एक देवी नदी में से प्रकट हुईं और उन्होंने पहले उसे सोने की कुल्हाड़ी और उसके बाद चांदी की कुल्हाड़ी देनी चाहा। रामू ने दोनों कुल्हाड़ियाँ लेने से इंकार कर दिया।

अब उसे देवी ने असली कुल्हाड़ी दी और रामू ने वह कुल्हाड़ी खुशी-खुशी ले ली। उसकी ईमानदारी से खुश होकर उस देवी ने उसकी कुल्हाड़ी के साथ बाकी दोनों कुल्हाड़ियाँ भी दे दी।

उसने यह सारी घटना अपने पड़ोसियों को बताई। उनमें से एक के मन में लालच आ गया। वह भी नदी के पास गया तथा उसने अपनी कुल्हाड़ी नदी में फेंक दी और रोने का नाटक करने लगा।

तब देवी ने प्रकट होकर उसे जब सोने की कुल्हाड़ी दी तो उसने लपककर वह कुल्हाड़ी लेने की कोशिश की। देवी को गुस्सा आ गया और वह गायब हो गईं। इस प्रकार वह अपनी असली कुल्हाड़ी को भी गँवा बैठा। 

Hindi Moral Stories For Class 5th, नैतिक शिक्षा : भगवान हमेशा ईमानदार लोगों को ही पसंद करते हैं तथा उनकी ही मदद करते हैं।

ईमानदार लकड़हारा विडियो – Hindi Story For Class 5

10# सेब का पेड़ और किसान | Short Moral Story in Hindi for class 5

एक बार गांव में एक किसान रहता था, उसके पास एक बड़ा बगीचा था, जिसमें एक पुराना सेब का पेड़ था जब किसान छोटा था अपना अधिकांश समय पेड़ के साथ खेलने में बिताया था। हालांकि, जैसे जैसे समय बीतता गया सेब का पेड़ पुराना हो गया, और उसने फल देना बंद कर दिया। जब किसान को पेड़ से कुछ नहीं मिल रहा था, तो उन्होंने पेड़ को काटने का फैसला किया।

वह भूल गया कि उसने अपना पूरा बचपन पेड़ पर चढ़ने और उसकी सेब खाने में बिताया था, और सेब का पेड़ कई छोटे जानवरों का घर था, जब किसान कुल्हाड़ी लेकर पेड़ को काटने के लिए आया। पेड़ की सभी जानवर इकट्ठा होकर किसान से बोला, कृपया पेड़ को मत काटो यह हमारा घर है, हमारे पास रहने के लिए कोई और घर नहीं है। जब आप छोटे थे हम आपके साथ इस पेड़ में खेलते थे।

किसान अपने बचपन और अपने पशु मित्रों को भूल गया, उसने पेड़ को काटना शुरू किया, अचानक उसने कुछ चमक देखा उन्होंने महसूस किया यह मधुमक्खी का छत्ता है, जो शहद से भरा है। किसान ने थोड़ा सा शहद अपनी मुंह में लिया, फिर शहद का स्वाद ने उसके अंदर के छोटे लड़के को जगा दिया। अचानक उसकी बचपन की याद वापस लौट आई, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा यह स्वाद अद्भुत है।

उन्होंने कुल्हाड़ी फेंक दिया और कहां मैं बचन देता हूं इस पेड़ को कभी नहीं काटूंगा, मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ है, और आप सभी शांति से इस पेड़ में रह सकते हैं। सभी जानवर ने मधुमक्खी को धन्यवाद दिया, अगर किसान को मधुमक्खी नहीं मिली होती तो वह सब अब तक बेघर हो चुके होते, फिर सभी जानवरों ने पुराने सेब की पेड़ में सुखी से रहने लगे।

Short Story For Class 5 In Hindi, नैतिक शिक्षा : प्रकृति में प्रत्येक जीवित वस्तु कुछ ना कुछ काम के है, हमें किसी भी वस्तु को नष्ट नहीं करना चाहिए।

सेब का पेड़ और किसान विडियो – Short Moral Story in Hindi for class 5

5 Lines Short Stories With Moral In Hindi | ग्वालिन और उसका सपना (Hindi Short Moral Stories)

एक ग्वालिन थी। वह दूध बेचने जा रही थी। उसके सर पर दूध से भरा घड़ा था। चलते-चलते मन ही मन विचार कर रही थी। इस दूथ को बेचने से जो पैसा मिलेगा। उन पैसो से मैं अंडे खरीदूंगी। उन अंडो से मुझे अनेक अच्छी-अच्छी मुर्गियाँ मिलेगी।

उन मुर्गियों को बेचकर मैं अपने लिए रेशमी साड़ी खरीदूंगी। उस रेशमी साड़ी मे मैं बहुत सुंदर दिखाई दूँगी। फिर अच्छे-अच्छे लड़के मेरे पास आएँगे। मुझसे शादी करना चाहेंगे। पर मैं इनकार करते हुए अपना सर झटकार कहूँगी नहीं। यह सोचते हुए उसने अपने सर को जोर से झटका दिया।

इसके करण उसके सरपर रखा दूध का घड़ा जमीन पर गिर गया। उसका सारा दूध जमीन पर फैल कर बर्बाद हो गया। इस तरह अंडे, मुर्गियों, रेशमी की साड़ी तथा अच्छे-अच्छे लड़को का ग्वालिन का सपना मिट्टी में मिल गया।

Small Hindi Story For Class 5, नैतिक शिक्षा : इसीलिए बच्चो जरुरत से ज्यदा, सपने नहीं देखना चाहिए और हवा में महल बनाना अच्छा नहीं होती हैं।

निष्कर्ष

बच्चो के लिए Moral Stories In Hindi For Class 5 बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस In Hindi Stories For Class 5 कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.

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