Moral Stories In Hindi For Class 8 – आठवीं कक्षा के लिए 10 मजेदार कहानियाँ

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Moral Stories In Hindi For Class 8: हमने आठवीं कक्षा के लिए 10 बहुत ही मज़ेदार कहानियाँ तैयार की हैं। क्या आपको Moral Stories In Hindi For Class 8 की मजेदार कहानियां सुनना पसंद है? तो हम आपको बता दें कि आज के Moral Stories In Hindi For Class 8 की इस पोस्ट में हम कुछ दिलचस्प कहानियों (100+ Hindi Moral Stories) के बारे में पढ़ेंगे । जिसे सुनने या पढ़ने में काफी मजा आने वाला है.

Moral Stories In Hindi For Class 8 with pictures
Moral Stories In Hindi For Class 8 with pictures

इसके साथ ही बता दें कि Moral Stories In Hindi For Class 8 की सभी कहानियां आपके लिए बहुत ही मजेदार होने वाली हैं. क्योंकि हमने Moral Stories In Hindi For Class 8 की कहानियां खासतौर पर आपके बच्चों के लिए तैयार किया है। ताकि आपको कहानी से कुछ नया सीखने को मिले।

इससे आपको मजा तो आएगा ही साथ ही आपकी बुद्धि भी बढ़ेगी। तो चलिए बिना देरी किए कहानी में आगे बढ़ते हैं और Moral Stories In Hindi For Class 8 की पूरी कहानी पढ़ते हैं.

Moral Stories In Hindi For Class 8 | Short Moral Stories In Hindi For Class 8

1# लोमड़ी की चालाकी | Hindi Story For Class 8

एक दिन एक लोमड़ी अचानक एक कुएँ में गिर गई। कुएँ में गिरकर वह चिल्लाने लगी,”बचाओ-बचाओ, कोई मुझे बचाओ।” उधर से गुजर रही एक बकरी कुएँ से पानी पीने के लिए रुकी। कुएँ के पास आकर जब उसने झाँककर देखा तो कुएँ के अंदर लोमड़ी को देखकर पूछा, “बहन! तुम यहाँ क्या कर रही हो?” लोमड़ी चालाक थी। बड़े मीठे स्वर में बोली, इस कुएँ का पानी बहुत मीठा है।

मैं हमेशा यही पानी पीती हूँ। मैं आज इसमें इसलिए आई हूँ, कि ज्यादा पानी पी सकूँ। तुम भी अंदर आ जाओ और जी भर कर पानी पियो। यह सुनते ही बकरी कुएँ में कूद पड़ी। उसकी पीठ पर चढ़कर लोमड़ी कुएँ से बाहर आ गई। बाहर आकर उसने हँसते हुए बकरी से कहा, “कुछ भी करने से पहले उसका परिणाम जरूर जान लो।” 

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : बिना सोचे-समझे काम करने से बाद में पछताना पड़ता है।

लोमड़ी की चालाकी | Hindi Story For Class 8

लोमड़ी की चालाकी | Hindi Story For Class 8

2# आलसी गधा | Hindi Story Writing For Class 8

एक व्यापारी के पास एक गधा था। वह गधे पर बाजार से माल ढोकर लाता था। एक दिन व्यापारी ने नमक के बड़े-बड़े बोरे गधे की पीठ पर लादे। इतने भारी बोझ से गधे का दम निकला जा रहा था।

अचानक रास्ते में नदी के किनारे उसका पैर फिसला और वह नदी में जा गिरा। किसी तरह संभलकर वह उठा तो हैरान था, क्योंकि उसकी पीठ पर लदा भार अचानक हल्का हो गया था। दरअसल, नमक पानी में घुल गया था। अगले दिन फिर व्यापारी ने गधे की पीठ पर नमक के भारी बोरे लादे। गधा जब नदी पर पहुँचा तो जान-बूझकर फिसलकर पानी में जा गिरा।

आलसी गधा | Hindi Story Writing For Class 8

उसकी पीठ का भार फिर कम हो गया। गधे के मालिक ने देख लिया था कि आज गधा जान बूझकर फिसला है, इसलिए उसने गधे को सबक सिखाने की सोची। अगले दिन उसने गधे की पीठ पर रूई के बोरे लादे। नदी पर आकर गधा जैसे ही फिसलकर नदी में गया तो रूई ने पानी सोख लिया और भारी हो गई। गधे को अब अपने ऊपर पछतावा हो रहा था। 

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3# शेर का पीछा करता गधा | Short Hindi Story For Class 8

एक सुबह एक गधा और एक मुर्गा मिलकर भोजन कर रहे थे। अचानक एक शेर आया और उसने गधे की तरफ आक्रामक होकर जैसे ही पंजा बढ़ाया वैसे ही मुर्गे ने जोर-जोर से बांग देना आरंभ कर दिया।

शेर इस आवाज़ से डर गया और भाग खड़ा हुआ। गधे ने सोचा कि क्यों न शेर को सबक सिखाया जाए और उसने शेर का पीछा करना शुरू कर दिया। शेर मुर्गे की आवाज से डर कर भाग रहा था लेकिन थोड़ी दूर के बाद आवाज़ सुनाई देना बंद हो गया।

शेर का पीछा करता गधा

गधा उस शेर का पीछा करते-करते यह भूल चुका था कि भागते-भागते वह मुर्गे की आवाज़ की सीमा से बाहर आ चुका था। जैसे ही आवाज़ बंद हुई वैसे ही शेर पलटा और उसने गधे पर आक्रमण कर दिया। इस प्रकार अपनी बेवकूफी के कारण गधा मारा गया। 

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4# चींटी और टिड्डा | Story In Hindi Class 8

एक बार की बात है, एक चींटी थी वह एक खेत में रहती थी, उसी खेत के एक बिल में एक टिड्डा रहती था। वह दोनों मित्र थे, टिड्डा बहुत आलसी था। गर्मियों के महीनों में टिड्डा गाना गया, और पूरा महीना इधर उधर घूम कर बिताया। उसने सर्दियों के मौसम के लिए भोजन का इंतजाम नहीं किया।

टिड्डा बहुत लापरवाह था, लेकिन चींटी अलसी नहीं थी। वह गर्मी में दिन रात काम किया करती थी, उसने सर्दियों के मौसम के लिए बहुत सारा खाना इकट्ठा किया। सर्दियों में खेत बर्फ से ढक गया, टिड्डा के पास सर्दियों में खाने के लिए कुछ नहीं था। लेकिन चींटी के पास बहुत सारा खाना था, जिसे चींटी ने इकट्ठा करके रखा था, ताकि सर्दियों में उसे बाहर ना निकलना पड़े।

the ant and the Grasshopper
the ant and the Grasshopper

एक दिन टिड्डा कुछ खाना उधार लेने के लिए चींटी के पास गया, चींटी ने उससे पूछा गर्मी के दिनों में तुम क्या कर रहे थे? टिड्डा ने जवाब दिया उसने गर्मियों के दौरान गाया और बजाया। टिड्डा की बात सुन के चींटी ने उत्तर दिया, आपने गर्मियों के दिन गाना बजा कर बिताया, तो आपको सर्दियों में नित्य करना चाहिए, टिड्डा वहां ठंड में खड़ा होकर रोते रहा, उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।

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5# सभी माध्यमों का उपयोग | Short Story In Hindi For Class 8

एक बार एक पिता और पुत्र बगीचे में काम कर रहे थे, बच्चा अपने पिता से प्रशंसा प्राप्त करना चाहता था। इसलिए वह अपने पिता की निर्देशों के अनुसार छोटे छोटे काम करके पिता की मदद कर रहा था। पिता और उनका बेटा बगीचे के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे थे, पिता ने अपने बेटे के पास एक पत्थर देखा।

पिता ने कहा, “बेटा पत्थर को उस जगह से हटा दो, हम वहां एक सुंदर पेड़ लगाएंगे।” पिता के निर्देशों के अनुसार, बच्चे ने उस पत्थर को हटाने की कोशिश की लेकिन वह सक्षम नहीं हुआ। बच्चे ने अपने पिता से कहा, “पिताजी मैं इस पत्थर को हटाने में सक्षम नहीं हूं।” पिता ने उत्तर दिया, “फिर से कोशिश करो उस जगह से पत्थर को हटाने के लिए अपने सभी साधनों का उपयोग करो।” बच्चे ने फिर से अपनी पूरी ताकत इस्तेमाल कि,

लेकिन वह फिर से पत्थर को उस जगह से नहीं हटा पाया, बच्चा थक गया और रोना शुरू कर दिया, क्योंकि वह अपनी सभी प्रयासों का उपयोग करने के बाद भी सक्षम नहीं था। अपने पुत्र को रोता हुआ देखकर पिता उसके पास बैठा और बोला, “तुम क्यों रो रहे हो?” बच्चे ने जवाब दिया “पिताजी मैंने उस पत्थर को हटाने की पूरी कोशिश की फिर भी मैं नहीं कर पाया।”

“लेकिन तुम मेरे बारे में भूल गए, मेरे प्रिय। अगर आपको मदद की जरूरत है तो आपने मुझे शामिल क्यों नहीं किया?” पिता ने कहा। यह सुनकर बालक मुस्कुराया, और फिर से अपने पिता के साथ काम करने लगा। अब अपने पिता की मदद से वह उस स्थान से पत्थर को आसानी से हटा सका, फिर उनके पिता ने उस जगह पर एक नया पेड़ लगाया।

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : जब हम काम में असफल होते हैं, तो हमें ईश्वर से सहायता लेनी चाहिए और उसके प्रति विश्वास रखना चाहिए।

6# मन की शांति | Stories In Hindi For Class 8

एक बार शाम सड़क पर किसी चीज की तलाश कर रहा था, उनका एक पड़ोसी जब शाम को कुछ ढूंढते हुए देखा वह उससे पूछा, क्या हुआ? शाम जवाब दिया “मैंने अपनी चाबी खो दी” वह उनके साथ चाबी खोजने लगी, जल्द ही दो और पड़ोसी उनके साथ हो गए, लेकिन किसी को चाबी नहीं मिली। आखिरकार एक पड़ोसी ने पूछा, “तुमने इसे कहां खोया?”

शाम ने उत्तर दिया, “मैं यहां अपनी चाबी नहीं खोया, मैंने इसे अपने घर में खो दिया था।” सभी लोग निराश थे, उन्होंने शाम से पूछा, “यदि आपने इसे वहां खो दिया, तो इसे यहां क्यों ढूंढ रहे हैं?” शाम ने जवाब दिया, इसीलिए क्योंकि मेरे घर मैं रोशनी थोड़ा कम है, लेकिन यहां सड़क पर बहुत तेज है। उसकी बात सुनकर पड़ोसीयो ने चाबी ढूंढना बंद कर दिया और हंसने लगे।

peace of mind
peace of mind

तभी शाम ने मुस्कुराते हुए कहा, “दोस्तों यह स्पष्ट है कि आप सभी बुद्धिमान है, फिर आप अपने मन की शांति क्यों खो देते हैं, सिर्फ एक असफल रिश्ते या नौकरी के कारण?” शाम ने पड़ोसियों की छाती की ओर इशारा करते हुए कहा, “तुम लोग उदास क्यों हो? आप अपना आनंद वहां या यहां खो देते हैं।

आप अपने अंदर देखने से बचते हैं, क्योंकि प्रकाश हल्का हो जाता है। इसीलिए सभी बाहर खोजना शुरू कर देते है क्युकी यह अधिक सुविधाजनक है!” पड़ोसियों ने समझा कि शाम उन्हें क्या सिखाना चाहता था।

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : जो हमारे पास नहीं है उसके लिए दुखी मत हो, जो कुछ है हमारे पास उससे खुश रहना सीखो।

7# कर्ण की उदारता | A Short Story In Hindi For Class 8

एक बार जब श्रीकृष्ण और अर्जुन टहलने के लिए निकले थे, तो अर्जुन ने कहा, “मुझे समझ नहीं आया की कर्ण को सबसे उदार व्यक्ति क्यों माना जाता है,” कृष्ण मुस्कुराते हुए जवाब दिया। “मैं अभी आप को नहीं बताऊंगा आप खुद देख सकते हैं,” तभी श्री कृष्ण ने दो नजदीकी पहाड़ियों को सोने में बदल दिया। फिर अर्जुन को निर्देश दिया, गांव के लोगों में यह सोना वितरित करें।

जैसा निर्देश दिया गया था, अर्जुन ने तुरंत गांव वालों को बुलाया, जब गांव वाले आए तो उन्हें एक लाइन में खड़ा होने के लिए कहा। और फिर एक-एक करके उन्हें सोना देना शुरू किया। गांव वाले उसकी प्रशंसा करने लगे, सभी की प्रशंसा सुनकर अर्जुन को गर्व महसूस हुआ। लगातार दो दिन और रातों तक अर्जुन सोना गांव वाले के बीच वितरण करता रहा।

अर्जुन बहुत थका हुआ था, लेकिन पहाड़ी से सोने का एक टुकड़ा भी कम नहीं हुआ। अर्जुन इतना थक गया वह श्री कृष्णा के पास गया और कहा, “मैं थक गया हूं अब और नहीं कर सकता।” फिर श्री कृष्ण ने कर्ण को बुलाया, और उसे सोना वितरण करने के लिए कहा। कर्ण सभी गांव वाले को बुलाया और घोषणा की, “यह सोना आपके लिए है, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार ले सकते हैं।”

यह करने के बाद कर्ण चला गया, अर्जुन हैरान था. कृष्ण ने अर्जुन से कहा, जब आपको सोना वितरण करने के लिए कहा गया, तो आप प्रत्येक ग्रामीण की सोना की आवश्यकता के बारे में सोच रहे थे। जहां कर्ण ने सारा सोना छोड़ दिया और चला गया, उसने लोगों की प्रशंसा सुनने के लिए भी इंतजार नहीं किया।

उसे इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं थी, कि लोग उसके बारे में क्या कहेगी। यह एक ऐसे व्यक्ति का संकेत है जो प्रबुद्ध हो गया है। अर्जुन के सवाल का जवाब उन्होंने सुंदर तरीके से दिया।

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : अगर हम कुछ मदद या दान कर रहे हैं, तो हमें किसी भी चीज की उम्मीद के बिना इसे करना चाहिए।

8# बलवान कौन | Hindi Stories For 8Th Class

एक बार हवा और सूर्य में बहस छिड़ गई। हवा ने सूर्य से कहा, मैं तुमसे ज्यादा बलवान हूँ। नही, तुम मुझसे ज्यादा बलवान नही हो। सूर्य ने प्रतिवाद किया। तभी उनकी नजर विश्व भ्रमण पर निकले एक यात्री पर पड़ी। यात्री ने शाल ओढ़ रखी थी। हवा और सूर्य ने तय किया कि उनमें से जो भी उस यात्री की शाल उतरवाने में सफल होगा, वही बलवान कहलाएगा।

पहली बारी हवा की आई। वह यात्री के कंधे से शाल उड़ाने के लिए पूरी ताकत से बहने लगी। पर हवा जितनी ज्यादा तेजी से बहती, यात्री उतना ही कसकर शाल को शरीर से लपेटने लगता। यह संघर्ष तब तक चलता रहा। जब तक कि हवा की बारी खत्म नहीं हो गई। अब सूर्य की बारी आई। वह जरा-सा मुस्कराया।

इससे यात्री को गरमी महसूस होने लगी। उसने जल्दी ही शाल की पकड़ ढीली कर दी। सूर्य की मुस्कराहट बढ़ती गई। इसके साथ गरमी भी बढ़ती गई। फिर गरमी ने विकराल रूप धारण कर लिया। यात्री को अब शाल ओढ़ने की जरूरत नही रही। उसने शाल उतारकर हाथ में ले ली। इस प्रकार सूर्य हवा से ज्यादा शक्तिशाली सिद्ध हुआ।

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : केवल धौंस जमाने से कोई ताकतवर नहीं माना जाता है।

9# शेर का हिस्सा | Hindi Short Moral Stories For Class 8

एक घनघोर जंगल था। उस जंगल में अनेक जानवर रहते थे। एक दिन रीछ, भेड़िया, लोमड़ी तथा शेर साथ-साथ शिकार करने निकले। शेर इन सब का अगुआ था। शीघ्र ही उन्होंने एक भैस पर हमलाकर उसे मार डाला। लोमड़ी ने भैंस के चार हिस्से किए। सभी जानवर अपना-अपना हिस्सा खाने के लिए बेताब हो रहे थे।

तभी शेर ने दहाड़ते हुए कहा, “सब लोग शिकार से दूर हट जाओ और मेरी बात सुनो। शिकार का पहला हिस्सा मेरा है क्योंकि शिकार करने में मैं तुम लोगों का सहयोगी था। दूसरे हिस्से पर भी मेरा ही अधिकार है क्योंकि शिकार करने में मैं तुम लोगो का अगुआ था। तीसरा हिस्सा भी मेरा ही है क्योंकि यह हिस्सा मुझे अपने बच्चो के लिए चाहिए।

अब रहा चौथा हिस्सा यदि तुम में से किसी को यह हिस्सा चाहिए। तो आ जाओ, मुझसे लड़ाई में जीतकर ले जाओ अपना हिस्सा। रीछ, भेड़िया और लोमड़ी नें चारो हिस्से शेर को दे दिए और वहाँ से चुपचाप खिसक गए।

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : जिसकी लाठी उसकी भैंस।

10# शेर की दावत में बैल | Hindi Moral Short Stories For Class 8

एक बार जंगल के राजा शेर ने रात्रि को भोजन में बैल का मांस खाने की इच्छा से एक योजना बनाई। वह बैल से आग्रह करते हुए बोला, “दोस्त, तुम्हारे लिए मैंने एक भेड़ का शिकार किया है और आज रात तुम मेरे महल में शाही भोज के लिए आमंत्रित हो।” बैल ने उसका आमंत्रण स्वीकार कर लिया।

रात होने पर जब बैल वहाँ पहुँचा तो उसने देखा कि वहाँ बड़ी-बड़ी सींके लगी है और घड़ों में पानी उबल रहा है। लेकिन वहाँ कोई मृत भेड़ नहीं थी। एक भी शब्द कहे बिना वह वापस जाने लगा तो शेर गुस्से से बोला, “मैंने तो तुम्हें बिना कोई नुकसान पहुँचाए भोजन के लिए बुलाया लेकिन तुम बिना कोई कारण बताए ही जा रहे हो।

तब बैल ने उत्तर दिया, “मैंने यहाँ कोई मृत भेड़ नहीं देखी। इसका मतलब है कि तुमने भेड़ के बदले आज बैल का मांस खाने की पूरी तैयारी कर रखी है।” 

Moral Stories In Hindi For Class 8, नैतिक शिक्षा : किसी की मीठी-मीठी बातों में कभी भी नहीं आना चाहिए।

FAQs

Q. इन कहानियों को पढ़ने से क्या लाभ होगा?

Ans: इस पोस्ट के सभी कहानियों को पढ़ने से हम बहुत कुछ नया सीख सकते है. इसके अलावा इन कहानियों से हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही राह की शिक्षा भी मिलती है.

Q. ये सभी कहानियाँ विशेष रूप से किसके लिए तैयार की गई हैं?

Ans: ये सभी कहानिया विशेष रूप से छोटे बच्चो के लिए तैयार की गई हैं.

निष्कर्ष

बच्चो के लिए Moral Stories In Hindi For Class 8 बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस Moral Stories In Hindi For Class 8 कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.

हमे उम्मीद है की यह Moral Stories In Hindi For Class 8 पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Small Moral Stories in Hindi उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.

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