Sanghol in Parliament in Hindi: क्या है सेंगोल और क्यों है वायरल

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Sanghol in Parliament in Hindi: यदि आप Senghol Kya Hota Hai इस बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़े. Senghol Kya Hai और Sanghol in New Parliament के बारे में क्यों इतना चर्चा हो रहा है इन सब के बारे में यहाँ से जाने. भारत मे एक नई संसद भवन का निर्माण किया गया है। 28 May 2023 को भारत में नई संसद भवन की उद्घाटन होगी जहा Senghol/Sanghol की स्थापना किया जाएगा.

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Senghol Kya Hota Hai or Sanghol in New Parliament India

24 May 2023, बुधबार की एक प्रेस कंप्रेस में अमित शाह ने कहा है की भारत की नई संसद भवन भारत की एक इतिहास है. इस अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित की जा रही है. इसलिए नई संसद भवन में Sanghol को संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. क्युकी संसद भवन से अधिक उपयुक्त, पवित्र और उचित स्थान कोई हो ही नहीं सकता.

जब से अमित शाह सहित अन्य मंत्रियों ने यह घोषणा की है कि Sanghol को संसद भवन में स्थापित किया जाएगा तब से न्यूज़ मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चित है। वही Sanghol Kya Hai इस बारे में काफी लोग जानते भी नही है। यदि आप Sengol का हिंदी मतलब समझना चाहते है तो इस पोस्ट को ऐसे अंत तक पढ़े।

सेंगोल क्या है, क्या होता है सेंगोल, संसद में सेंगोल क्या है? Sanghol in Parliament in Hindi के बारे में यहाँ से जाने.

What is Senghol? क्या है सेंगोल?

नाम सेंगोल (Senghol)
स्थापना 28 मई 2023, रबिबार
अर्थ धर्म, सच्चाई और निष्ठा।
निर्मातास्वर्णकार वुम्मिदी बंगारू चेट्टी
तमिल भाषा के शब्द‘सेम्मई’
वर्तमान स्थापना स्थान नई संसद भवन
लम्बाई5 फीट
वजन 800 ग्राम
द्वारा निर्मितसोना और चांदी
साधारण भाषा में सोने की छड़ी

Sengol Kya Hai: Senghol एक प्रकार की पवित्र छड़ी है जो सोने और चांदी से बना हुआ है. यह Senghol या छड़ी मूल रूप से चांदी से बनी है और इसके ऊपर से सोने की एक पतला पत्तर है जिससे दिखने में यह सोने की छड़ी लगता है. Senghol की वजन लगभग 800 ग्राम है और इसका लम्बाई लगभग 5 फीट है.

इसके ऊपर भगवान भोलेनाथ की सवारी नंदी बैल की एक प्रतिमा है जो धर्म और न्याय की प्रतिक है. नंदी के निचे एक गोला है जिसे दुनिया का प्रतिक माना जा रहा है. इस Senghol को राजदंड भी कहा जा रहा है. यह वही छड़ी है जो 1947 में जवाहरलाल नेहरुजी के हाथ में था।

इसके बाद यह Senghol दिल्ली से इलाहाबाद लाकर रखा गया था. इतने साल से भारत की यह पवित्र छड़ी धुल मिटटी से लदफद था. अब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे खोज निकालने की आदेश दिया और अंत में इसे भारत की नई संसद भवन में स्थापन करने की निर्णय लिया है. इस Senghol या सोने की छड़ी को खोज निकालने के लिए मोदी ने ढेड़ साल पहले आदेश दिया था, की जहां भी हो Senghol इसे जल्द से जल्द खोज किया जाए.

28 May 2023 को भारत में एक नई संसद भवन की उद्घाटन की जाएगा जहां इस पवित्र छड़ी “Senghol” की स्थापना किया जायेगा. इस Senghol को स्पीकर के आशन के पास रखा जाएगा जो न्याय और धर्म का एक प्रतिक है.

Sengol Ka Itihas in Hindi, सेंघोल इतिहास

Sengol Ka Itihas in Hindi, सेंघोल इतिहास काफी पुराना है। जिसे शायद ही आप जानते होंगे क्योंकि Sengol के बारे पढ़ना और गूगल करना एक मात्र मोदी के अनंउंसमेन्ट और प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से शुरू हुआ है। हालाकिं अंग्रेजों के वक़्त भी इसे काफी महत्व दिया गया था। दरअसल Sengol, अंग्रेजों से भारतीय ताक़त को वापस पाना या हस्तांतरण था। आज यह Sengol भारत देश की पवित्र स्थान पर नई संसद भवन पर सम्मानपूर्वक रखा गया है।

Sengol एक राजदंड है। जिसे चोल साम्रज्य में नए उत्तराधिकारी को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए उपयोग किया जाता था। उस वक़्त जब चोल साम्रज्य में कोई नई राजा या उत्तराधिकारी घोषित किया जाता था तब इस sengol या सोने की छड़ी को सौप दिया जाता था। ठीक वैसे ही जब हमारा देश भारत आजाद हुआ और अंग्रेजों ने देश छोड़ा तब इस sengol को जवाहरलाल नेहरू को सौप दिया गया था।

बात उस वक़्त की है, जब 14 अगस्त 1947 दिन था। भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा और तमिलनाडु के लोगो द्वारा सेंगोल को स्वीकार किया गया था। तमिल भाषा मे सेंगोल को तमिल शब्द ‘सेम्मई’ से व्युत्पन्न ‘सेंगोल’ शक्ति और अधिकार के अवतार का प्रतिनिधित्व करता है। इसके बाद sengol को दिल्ली से इलाहाबाद, इलाहाबाद से तमिलनाडु ले जाकर रख दिया गया था। वही भारतीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार यह सेंगोल प्रयागराज के आनंद संग्रालय में रखा गया था।

लगभव 2 साल पहले ही वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सेंगोल या सोने की छड़ी के बारे में पता चला था। इसके बाद मोदी के आदेश अनुसार काफी छान बिन शुरू हो गया था। sengol राजदंड के बारे जैसे ही पता चला वैसे ही मोदीजी ने निर्णय लिया कि इस पवित्र राजदंड को किसी संग्रालय में रखना उचित नही है। इसका सही, उपयुक्त और पवित्र स्थान एकमात्र भारत देश की नई संसद भवन है।

28 मई 2023 को, नई संसद भवन में स्पीकर के सीट के बगल में स्थापित किया गया है। भारत देश की एक पवित्र स्थान पर इस राजदंड को स्थापित किया गया है। नई संसद भवन के उदघाटन समारोह के एक दिन पहले राजदंड को नरेंद्र मोदी को सौपा गया था।

उम्मीद है की Senghol Kya Hota Hai इस बारे में आपको जानकारी मिल गया है. यदि आप इस बारे में और अच्छी तरह जानना और समझना चाहते है तो निचे एक विडियो है उसे देखे. यदि यह Sanghol in Parliament in Hindi पोस्ट अच्छी लगे तो इसे शेयर जरुर करे.

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