Thirsty Crow Story In Hindi | Pyasa Kauwa Ki Kahani

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Thirsty Crow Story In Hindi: आज हम आपको एक के बाद एक बहुत ही मजेदार किस्सा बताने जा रहे हैं। जिसमें आप Pyasa Kauwa और कई अन्य बेहतरीन कहानियां आप पढ़ पाएंगे। जिसे सुनने के बाद आपको बहुत मज़ा आने वाला है, क्योंकि हमने अपनी तरफ से उन बच्चों के लिए ये सभी कहानियाँ विशेष रूप से तैयार की हैं।

जो बच्चे Pyasa Kauwa Story In Hindi जैसी मजेदार कहानियां सुनने की मांग करते हैं, तो अगर आपके घर में भी बच्चा है और वे भी रात में शोते हुए Pyasa Kauwa Kahani सुनना चाहते हैं। तो उनके लिए यह किसी उपहार से कम नहीं होगा, क्योंकि ये सभी कहानियां बच्चों के साथ-साथ आपको भी बेहद पसंद आएंगी।

Thirsty Crow Story In Hindi
Thirsty Crow Story In Hindi

जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि जो भी कहानियां बताने जा रहे हैं, उनमें न केवल आपके बच्चों का मनोरंजन होगा बल्कि एक अच्छा ज्ञान भी प्राप्त होगा, Pyasa Kauwa Story जैसी सभी कहानियों के माध्यम से हमने भारत के सभी बच्चों को नई राह की ओर बढ़ा रहे है ताकि वे आगे जा के एक बुद्धिमान और चतुर व्यक्ति बन पाए।

हम आशा करते हैं कि आपको ये सभी कहानियाँ पढ़ने या सुनने के बाद बहुत पसंद आएगे, तो आइए बिना देर किए जानते हैं Thirsty Crow Story In Hindi की मजेदार कहानियो के बारे में पूरी विस्तार से।

Pyasa Kauwa Story In Hindi | The Thirsty Crow In Hindi

एक बार की बात हैं, गर्मियों का मौसम था, सूरज की तपिश के कारण पानी की कमी से सभी परेशान थे। सभी को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, इतना ही नहीं इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे। वही कौआ भी पानी के अभाव में पीड़ित था।

वह गर्मी से तड़प रहा था, कौवे ने सोचा “थोड़ा पानी मिल जाए तो बहुत अच्छा होगा”. उड़ते-उड़ते कौवे ने तालाब, नदियाँ हर जगह पानी का खोज किया, लेकिन गर्मी के कारण सभी सुख चुके थे. कौवे की प्यास और भी बढ़ने लगी, “कौवे ने कहा “ए भगवान कही से भी एक बूंद पानी दिला दे” यह कहकर अपनी खोज जारी रखी।

इतने में कौवे ने एक कुआँ देखा और कुएँ को देखकर कौवे ने कहा “भगवान की कृपा हैं की मुझे कुआँ मिल गया” जैसे ही कौवा कुएँ में देखा तो कुवा बिना पानी सूखा पढ़ा था. कौवे ने कहा “यह भगवान” कहते हुए कौवा वहा से उड़ गया।

उड़ते हुए कौवे ने एक घर के पास रखे घड़े को देखा और कौआ घड़े के पास गया और जैसे ही उसने घड़े के अंदर देखा तो कौवा क्रोधित हो गया और बोला, “भगवान पानी तो दिया लेकिन इतना कम की में पि नहीं सकता क्योंकि पानी बहुत निचे हैं”।

वह बहुत निराश था, तभी उसकी नजर पास में पढ़े छोटे-छोटे कंकड़ पर गई, उसको एक विचार आया की “वह यदि सभी कंकड़ को इस घड़े में डालेगा तो पानी ऊपर आ जाएगा”.

इस लिए प्यासा कौवा पास में पड़ा कंकड़ को एक एक करके मटके में डालने लगा. धीरे-धीरे पानी ऊपर आने लगा और अब कौआ पानी पी सकता था, तो कौवे ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई. इसके बाद कौवे ने कहा “है भगवान् तेरा लाख लाख शुक्रिया मुझे पानी देने के लिए” यह कह कर कौवा उड़ गया.

Pyasa Kauwa Story In Hindi से क्या सीख मिला?

इस Thirsty Crow की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की, चाहे समय कितना ही कठिन क्यों न हो, हमें धैर्य से काम लेना चाहिए और उस कठिनाई से निकलने के लिए बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए. यदि हम धैर्य से उस समाश्या के बारे में सोचेंगे और अपना दिमाग लगाएंगे तो उसका हल जरुर मिलेगा.

इसी लिए कहा गया है की, “धैर्य और बुद्धि से हर समस्या का निवारण संभव है”.

Thirsty Crow Story In Hindi And English

हम आपको निचे Easy Thirsty Crow Story In Hindi And English दोनों भाषाओ में दी हैं, ताकि आप Thirsty Crow Story In Hindi And English के बारे में पढ़ के इन कहानियो का आनंद उठा सके.

Easy Thirsty Crow Story In Hindi | Thirsty Crow Story In Hindi

एक कौआ था जो बहुत प्यासा था।उसने हर जगह पानी की तलाश की। अंत में उसे एक कुएँ के पास एक पानी का घड़ा दिखाई दिया।

उसने बर्तन के अंदर देखा। मटके में बहुत कम पानी था। कौवे ने पास में कुछ पत्थर देखे। उसने एक योजना के बारे में सोचा। उसने कुछ पत्थर उठाए।

उसके बाद उसने उन्हें एक-एक करके बर्तन में डाल दिया। मटके में पानी का स्तर ऊपर आ गया। कौवे ने पानी पिया और खुशी से उड़ गया।

The Thirsty Crow Story In English | Easy The Thirsty Crow Story In English

There was a crow which was very thirsty. He searched for water every where. At last he saw a water pot near a well.

He looked inside the pot. There was very little water in the pot. The crow saw some stones nearby. He thought of a plan. He picked up some stones.

He put them one by one into the pot. The water level in the pot came up. The crow drank the water and flew away happily.

चतुर कौवा की कहानीChatur Kauwa Story In Hindi     

एक बार की बात है एक कौआ था। उसने अपना घोंसला एक पेड़ पर बनाया था। उसी पेड़ की जड़ में, एक सांप ने अपना घर बना लिया था।

जब भी कौवा अंडे देता हैं, सांप उन सभी अंडे को खा जाता। कौआ असहाय महसूस करने लगा। कौवा मन ही मन सोचने लगा “वह दुष्ट सांप मेरे अंडे खाता जा रहा है, मुझे कुछ करना होगा. मुझे जाकर उससे बात करनी चाहिये” अगली सुबह, कौवा सांप के पास गया और विनम्रता से कहा, “कृपया आप मेरे अंडे को न खायें। हमें अच्छे दोस्त की तरह जीना चाहिए और एक दूसरे को परेशान नहीं करना चाहिए।

सांप ने कहा “तुम मुझसे भूखे रहने की उम्मीद कर रहे हो, अंडे मेरा खाना है जो मैं खाता हूं” यह सुन कौए को गुस्सा आया और उसने सोचा, “मुझे इस सांप को सबक सिखाना चाहिए।” अगले दिन, राजा के महल के ऊपर कौआ उड़ रहा था। उसने राजकुमारी को एक महंगा हार पहने हुए देखा। अचानक उसके दिमाग में एक विचार आया और उसने झपट्टा माँर के अपनी चोंच में हार उठाया और अपने घोंसले की तरफ आने लगा।

जब राजकुमारी ने कौवे को अपने हार के साथ उड़ते देखा, तो वह चिल्ला पड़ी, “कौवे ने मेरा हार ले लिया।” रक्षकों ने राजकुमारी की आवाज सुनी। जल्द ही महल के रक्षक हार की तलाश में इधर-उधर भागने लगे। थोड़ी देर में ही रक्षकों को कौआ मिल गया। वह अभी भी अपनी चोंच से लटकते हुए हार के साथ बैठा था।

चतुर कौए ने सोचा, “अब सांप से बदला लेने का समय है।” और उसने हार को गिरा दिया, जो साँप के गड्ढे में जा गिरा। जब सांप ने शोर सुना तो वह अपने घर के गड्ढे से बाहर आया। महल के पहरेदारों ने सांप को देखा।

वे चिल्लाए। बड़ी लाठी के साथ, उन्होंने सांप को पीटा और उसे मार डाला। तब पहरेदारों ने हार लिया और वापस राजकुमारी के पास गए। कौआ खुश था, “अब मेरे अंडे सुरक्षित रहेंगे,” उसने चुतराई से काम किया और एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने लगा।

Chatur Kauwa Story In Hindi से क्या सीख मिलती है?

इससे हमे यह सीख मिलती हैं की चाहे कुछ भी हो जाए, हमें धैर्य और शांति से काम करना चाहिए, क्योंकि अगर आप बिना कुछ सोचे-समझे कोई गलत कदम उठाते हैं, तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस कहानी से आप समझ ही गए होंगे कि सब कुछ काम दिमाग और धैर्य से करना चाहिए। जिससे आप अपने से ज्यादा शक्तिशाली से भी जीत सकते है. इसके साथ ही हम यह भी सीखते है की, बुरा करने वाले के साथ हमेशा बुरा ही होता है. इसी लिए अपने फायदे के कारण किसी दुसरे की खराबी नहीं करनी चाहिए.

मुर्ख कौवा की कहानी – Murkh Kauwa Story In Hindi 

एक बार की बात हैं, एक जंगल में एक कौआ रहता था। हर कोई उस कौवे से दूर ही रहता था, क्योंकि वह अपनी कर्कश आवाज में गाता रहता था और सभी जानवर उससे परेशान रहते थे। एक दिन वह भोजन की तलाश में जंगल से दूर गांव की ओर निकल कर आ गया। किस्मत से उसे वहां एक रोटी मिल गई। रोटी लेकर वो वापस जंगल की ओर आ गया और आकर अपने पेड़ पर बैठ गया।

वहीं से एक लोमड़ी जा रही थी और उसे बहुत तेज भूख लगी हुई थी। उसने कौवे के पास रोटी देखी और रोटी को किसी भी तरह खाने का विचार करने लगी। जैसे ही कौआ रोटी खाने को हुआ,

नीचे से लोमड़ी की आवाज आई – “अरे कौआ महाराज, मैंने सुना है कि यहां पर बहुत सुरीली आवाज में कोई गाना गाता है, क्या वो आप हैं।”

लोमड़ी के मुंह से अपनी आवाज की तारीफ सुनकर कौआ मन ही मन बहुत खुश हुआ और अपना सिर हां में हिला दिया। इस पर लोमड़ी बोली कि क्यों मजाक कर रहे हो महाराज। इतनी मधुर आवाज में आप गा रहे थे, मैं यह कैसे मान लूं? अगर आप गा कर बताएंगे, तो मुझे यकीन हो जाएगा।

कौआ लाेमड़ी की बात सुनकर जैसे ही गाने के लिए मुह खोला, उसके मुंह में दबी रोटी नीचे गिर गई। रोटी नीचे गिरते ही लोमड़ी ने रोटी पर झपट्टा मारा और रोटी खाकर वहां से चली गई। भूखा कौआ लोमड़ी को देखता रह गया और अपने किए पर बहुत पछताया।

Murkh Kauwa Story In Hindi से हमें क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी की बातों में नहीं आना चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों से बचना चाहिए, जो आपकी झूठी प्रशंसा करते हैं। ऐसे लोग सिर्फ अपना काम निकलवाने के लिए ऐसा व्यवहार करते हैं।

Thirsty Crow Story In Hindi | प्यासे कौवे की कहानी की विडियो

निष्कर्ष

बच्चो के लिए Thirsty Crow Story In Hindi बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यदि आप इस Thirsty Crow Story In Hindi कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में कभी भी परेशानी में पढ़ते हैं तो वे खुद को दिमाग का इस्तेमाल करके बचा सकता हैं.

हमे उम्मीद है की यह Thirsty Crow Story In Hindi पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Small Moral Stories in Hindi उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.

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